महानायक अमिताभ से 37 साल बाद फिर मुलाकात

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महानायक अमिताभ से मुलाकातमहानायक अमिताभ से 37 साल बाद फिर मुलाकात

रमण रावल की खास रिपोर्ट

बीसवीं सदी के फिल्म जगत के महानायक अमिताभ बच्चन से सैंतीस साल बाद आज फिर मुलाकात हुई। पहली मुलाकात एक घंटे की थी तो इस बार केवल एक मिनट की।फिर भी यह मुलाकात इस मायने में खास रही कि 1985 में हुई मुलाकात के चित्र पर मैंने उनके हस्ताक्षर ले लिए।

दरअसल, अक्टूबर 1985 में जब वे इलाहाबाद से कांग्रेस के सांसद थे,तब मैंने एक साप्ताहिक अखबार के लिए उनका साक्षात्कार लिया था। वह भी दिलचस्प संयोग था। मैंने तब प्रचलित पोस्ट कार्ड लिखकर समय मांगा और वह मिल भी गया। पूरे उत्साह के साथ दिल्ली उनके कार्यालय पहुंचा तो बताया गया कि वे मुंबई शूटिंग में व्यस्त होने से नहीं लौट पाए हैं।निराश वापस इंदौर आ गया।

फिर से वही पोस्ट कार्ड लिखा और फिर दिल्ली बुला लिया। इस बार वे मिले संसद की उस दिन की कार्रवाई के बाद शाम करीब छह बजे। मुझे याद है, करीब एक घंटे बातचीत होने के बाद जब मेरे तैयारी किए सवाल खत्म हो गए तो उन्होंने पूछा था—और कोई सवाल हो तो पूछ लीजिए। उन्होंने पहली मुलाकात न होने पर खेद भी जताया था।

तब जो साक्षात्कार प्रकाशित हुआ था, उसका शीर्षक था—अमिताभ फिल्मों में काम करते रहेंगे।
दरअसल तब उन्हें लेकर चर्चा चलती रहती थी कि वे राजनीति ही करेंगे या फिल्में भी करेंगे।

आज 17 जनवरी की मुलाकात तो बेहद रस्मी थी। वे बीसीएम कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के शुभारंभ के लिए इंदौर आए थे,जहां कार्यक्रम की समाप्ति पर प्रशंसकों की आपा धापी के बीच मुझे उनके हस्ताक्षर लेने का मौका मिल गया।

इस मौके पर देश की एक और हस्ती अमिताभ ने इंदौर की स्वच्छता का खास तौर से जिक्र करते हुए कहा कि अब इंदौर स्वस्थ शहर भी बने, ऐसी शुभकामनाएं हैं। याद रहे हाल ही में प्रवासी भारतीय दिवस पर 9 जनवरी को इंदौर पधारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर की स्वच्छता के साथ स्वाद का भी उल्लेख किया था।