सेवाधाम के अवेदना केंद्र में निवासरत बहु दिव्यांग बालक का निधन

आपात पेरोल पर हथकड़ी में बंधकर आए सजायाफ्ता पिता ने किया अंतिम संस्कार

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सेवाधाम के अवेदना केंद्र में निवासरत बहु दिव्यांग बालक का निधन

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन । उज्जैन जिले का अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम अपने बिरले सेवा कार्यों से हमेशा चर्चा में रहता हैं । आज भी वहा कुछ ऐसा ही देखने में आया, सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने बताया कि वर्ष 2020 में उज्जैन के जिला कलेक्टर शशांक मिश्र की अनुशंसा पर एक 5 वर्षीय बहु दिव्यांग बालक को सेवाधाम आश्रम में प्रवेश दिया गया था । उस बालक का पिता सन 2014 से केंद्रीय जेल भेरवगढ़ में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था और माता अपने बिस्तर ग्रस्त बहु दिव्यांग पुत्र का लालन-पालन करने में असमर्थ थी। गत रात्रि में उक्त बहु दिव्यांग बालक की अचानक तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे जिला चिकित्सालय भेजा गया था जहां इलाज के दौरान उसने प्राण त्याग दिए। उस दिव्यांग बालक की मृत्यु पश्चात उसके परिवार से संपर्क किया गया किंतु परिवार से अंतिम संस्कार में कोई सम्मिलित नहीं हो पा रहा था ।
सेवाधाम आश्रम में जब भी किसी की मृत्यु होती है तो अंतिम संस्कार स्वयं आश्रम संचालक सुधीर भाई करते है, लेकिन यदि आश्रम में रहने वाले व्यक्ति का कोई भी रिशतेदार देश में कही भी हो, तो उसे न सिर्फ सूचित किया जाता है, बल्कि अंतिम संस्कार भी उन्ही के हाथो हो ऐसा प्रयास किया जाता है। 8 वर्षीय मासूम दिव्यांग बालक के मामले में भी उसकी माँ से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, मगर उसकी कोई जानकारी नही मिल पा रही थी, आश्रम को यह जानकारी थी कि उक्त बालक का पिता केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा हैं। सुधीर भाई यह चाहते थे कि उसका पिता अंतिम दर्शन कर ले, साथ ही मासूम का अंतिम संस्कार पिता के हाथो हो जाए, इसी उम्मीद के साथ पूरी जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को देकर निवेदन किया गया ।

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उज्जैन के धीर-गंभीर कलेक्टर एवं कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, सहित जेल प्रशासन के अधिकारियों की मानवीय संवेदनाओं के चलते महज कुछ घण्टो में बालक के पिता को पैरोल प्रदान कर एक मिसाल कायम कर दी गई एवं तत्परता दिखाते हुए मानवीय संवेदनाओं के तहत सजायाफ्ता पिता को अंतिम संस्कार में शमिल होने हेतु पेरोल का आपात आदेश प्रदान किया गया । बालक का पोस्टमार्टम होने के पश्चात संगीनों के साए में हाथकड़ी में बंधकर आए पिता ने आश्रम संचालक सुधीर भाई की उपस्थिति में न केवल अपने पुत्र के प्रथम व अंतिम दर्शन किए वरन विधिवत अंतिम संस्कार भी किया।

बहु दिव्यांग बालक की मृत्यु से सेवाधाम आश्रम में पसरा सन्नाटा

वह अभागा बहु दिव्यांग बालक जिसे जीते जी न माँ का प्यार मिला न बाप का दुलार, माँ का प्यार इसलिए नही मिल सका क्योंकि माँ अपने ही पुत्र को न तो दो वक्त की रोटी दे पाने में समर्थ थी और न ही उसका ईलाज करवाने के उसके पास पैसे थे, वही बालक का बाप उस मासूम के जन्म से पहले ही लूटपाट एवं हत्या जैसे अपराधों में शामिल होने के कारण आजीवन जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया था । पति के जेल जाने के बाद गर्भवती पत्नि ने जिस मासूम को जन्म दिया, वह जन्म से ही बहु दिव्यांग था जिसे जन्म से ही गंभीर बिमारियों ने घेर रखा था । किस्मत ने उसे ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम पहुंचा दिया, आश्रम के निवासियों ने इस बालक को परिवार के सदस्य की भांति अपनाया, यहां उस मासूम का हर तरह से ध्यान रखा जाता था । डॉक्टर के परामर्श से बालक को उचित ईलाज भी दिया जाता था, लेकिन जन्म से ही गंभीर बिमारियों के चलते उसने जिन्दगी का दामन छोड़ सभी को अलविदा कह दिया, आश्रम में निवासरत अन्य लोगो को खबर लगते ही सेवाधाम आश्रम में सन्नाटा पसर गया।

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आश्रम संचालक ने तुरत कार्रवाही पर जताया प्रशासन का आभार

आश्रम संचालक सुधीर भाई ने आभार जताते हुए कहा कि जिला प्रशासन की कार्यशैली संदेनशील और अतुलनीय है, जो अपने आप में एक मिसाल है। सेवाधाम आश्रम संचालक ने माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, जिला कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जेल अधीक्षक एवं डीआरपी लाईन के अधिकारियों द्वारा तत्काल की गई कार्रवाई की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।