Entry of H3N2 Influenza in Rajasthan , जानिए देश में फैल रहे इस नए वायरस के बारे में क्या है एक्सपर्ट्स की राय

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Entry of H3N2 Influenza in Rajasthan

Entry of H3N2 Influenza in Rajasthan , जानिए देश में फैल रहे इस नए वायरस के बारे में क्या है एक्सपर्ट्स की राय

राजस्थान में भी H3N2 इन्फ्लूएंजा के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी की खबरें आ रही है.जानकारी के मुताबिक, यहां के अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज खांसी-बुखार की शिकायत को लेकर पहुंच रहे हैं. एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने अब तक एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के 54 पॉजिटिव केस आने के बात कही है. हालांकि, रोजाना महज 15 से 20 लोगों की ही सेम्पलिंग की जा रही है.

फेफड़ों में गंभीर रूप से संक्रमण का कारण बन रहा वायरस

एक्सपर्ट्स की मानें तो यह वायरस फेफड़ों में गंभीर रूप से संक्रमण का कारण बन रहा है. बताया जा रहा है कि छह महीने के अंदर इस बीमारी ने अपना पैटर्न बदल दिया है. इन सबके बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि एच3एन2 वायरस से होने वाले संक्रमण पर हमारी पूरी नजर है. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के आखिरी सप्ताह में इस बीमारी के मरीज घट सकते हैं. मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि 2 जनवरी से 5 मार्च तक देश में एच3एन2 के कुल 451 मामले आए हैं.

इन्फ्लूएंजा वायरस में होता है सबसे ज्यादा बदलाव

हेल्थ एक्सपर्ट्स दावा कर रहे है कि सबसे ज्यादा इन्फ्लूएंजा वायरस में ही बदलाव होता है. इस कारण बाजार में उपलब्ध इन्फ्लूएंजा वैक्सीन में भी हर साल बदलाव करना जरूरी हो जाता है. इस बार इन्फ्लूएंजा वायरस में जो बदलाव हुआ है, उसे एच3एन2 के रूप में पहचान दी गई है, जो पहले की तुलना में ना केवल तेजी से फैल रहा है, बल्कि ज्यादा गंभीर व लंबी बीमारी कर रहा है. वहीं, कुछ मामले में जानलेवा भी साबित हो रहा है. दिल्ली सहित पूरे देश में एच3एन2 के मामले देखे जा रहे हैं.

इन्फ्लूएंजा का सबवेरिएंट है एच3एन2

एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि यह इन्फ्लूएंजा का सबवेरिएंट है, जो पहले एच1एन1 होता था. उसमें बदलाव हो गया है और अब यह एच3एन2 है. चूंकि, पहली बार पूरे देश में सर्विलांस की जा रही है, जिसकी वजह से इसका पता चला है. वहीं, बीएलके हॉस्पिटल के रेस्पिरेटरी एक्सपर्ट डॉ संदीप नय्यर ने कहा, जो लोग कोविड-19 के सीवियर मरीज रहे हैं और उनका लंग्स अभी तक पूरी तरह से रिकवर नहीं हुआ है, उनमें इसका संक्रमण होने पर यह ज्यादा सीवियर हो रहा है. दूसरी बड़ी वजह है कि इस वायरस में बड़ा म्यूटेशन हुआ है. तीसरी वजह पल्यूशन है.

बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरा

रेस्पिरेटरी एक्सपर्ट डॉक्टर नय्यर ने कहा कि कोविड की तरह ही जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है, पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके लिए इसका संक्रमण भी खतरनाक हो रहा है. देश में जो 2 मौत के मामले सामने आए हैं, उनमें भी पहले से गंभीर बीमारी थी. डॉक्टर नय्यर ने जानकारी दी कि पहले अगर किसी को संक्रमण होता था तो ज्यादातर मरीज दस दिनों में ठीक हो जाते थे, लेकिन इस बार बीस दिन से एक महीने तक का समय लग रहा है. वहीं, कई ऐसे भी मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं, जो ठीक होने के बाद फिर संक्रमित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मरीज में ऑक्सिजन लेवल गिरने, कफ और खांसी, सांस में दिक्कत और पेट में दर्द एवं उल्टी जैसे लक्षण दिख रहे हैं.

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