19 वर्षों बाद महासंयोग: सावन मास में अधिक मास होने से इस बार 10 अलग अलग स्वरूपों में प्रजा को दर्शन देंगे भगवान महाकाल

पालकी, हाथी और रथ पर सवार होकर निकालेंगे बाबा महाकाल के स्वरूप

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19 वर्षों बाद महासंयोग: सावन मास में अधिक मास होने से इस बार 10 अलग अलग स्वरूपों में प्रजा को दर्शन देंगे भगवान महाकाल

 

उज्जैन से मुकेश भीष्म की रिपोर्ट

उज्जैन: आगामी 4 जुलाई से सावन माह शुरू होने के कारण उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में 4 जुलाई से 11 सितंबर तक आम श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेध रहेगा।

इस वर्ष लाखों श्रद्धालु उज्जैन स्थित भगवान महाकाल के दर्शन, पूजन और आशीर्वाद लेने आयेंगे।

महाकाल लोक के लोकार्पण बाद लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ भी प्रशासन के लिए इस सावन में चुनौती बनती नजर आ रही है।क्योंकि आम दिनों में ही कई बार श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव बहुत होता है।

वहीं उज्जैन में सावन-भादौ में बाबा महाकाल अपनी प्रजा के हाल-चाल जानने नगर भ्रमण को निकलते हैं।

ज्योतिषाचार्य पं.आनंद शंकर व्यास ने बताया कि 19 वर्षों बाद यह महासंयोग आया है जब सावन मास में अधिक मास होने से इस बार दो सावन मास होंगे। हर तीन वर्षों में एक बार पुरुषोत्तम यानी की अधिक मास आता है लेकिन इस बार 19 वर्ष बाद संयोग बन रहा है जब यह अधिक मास सावन मास में आएगा।

इसलिए इस वर्ष राजाधिराज बाबा महाकाल की 10 सवारी निकाली जाएगी।1985 में सावन में अधिक मास होने पर बाबा महाकाल की 10 सवारियां निकाली गई थी। वर्ष 2004 में ऐसा ही संयोग बना था तो 11 सवारियां निकली थी।

वैसे तो हर वर्ष बाबा महाकाल की छह या अधिकतम सात सवारी निकाली जाती है।लेकिन इस बार 10 सवारियां निकालने के कारण श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने पूर्व से ही तैयारियां शुरू कर दी थी। इस बार सवारी में पालकी और हाथी के साथ रथों पर बाबा महाकाल के अलग-अलग स्वरूप में निकलेंगे। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरु ने बताया कि पहली सवारी में हाथी पर भगवान मनमहेश निकलेंगे। दूसरी सवारी में हाथी पर भगवान मनमहेश तो पालकी मे भगवान चंद्रमौलेश्वर दर्शन देंगे। तीसरी सवारी में गरुड़ पर शिव तांडव स्वरूप, चौथी सवारी में नंदी पर भगवान महाकाल का उमा महेश स्वरूप, पांचवी सवारी में बैलगाड़ी पर होलकर स्वरूप, छठी सवारी में बैलगाड़ी पर घटाटोप स्वरूप, सातवीं सवारी में जटाशंकर स्वरूप, आठवीं सवारी में कोटेश्वर स्वरूप, नौवीं सवारी में सप्तधान स्वरूप दर्शन देंगे,दसवीं सवारी शाही सवारी के रूप में निकलेंगी।इस दौरान भगवान महाकाल सभी दस स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।

वहीं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने निर्णय लिया की
आम श्रद्धालु भस्म आरती में बिना पंजीयन भी दर्शन कर सकेंगे। 4 जुलाई से चलित भस्मआरती की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु कतार में लगकर भस्म आरती के दर्शन लाभ ले सकेंगे। उन्हें आरती के दौरान मंदिर में बैठने और रुकने की अनुमति नहीं रहेगी।

प्रबंध समिति द्वारा 18वें श्रावण महोत्सव का आयोजन 8 जुलाई से 9 सितंबर तक किया जाएगा। प्रशासक संदीप सोनी के अनुसार महोत्सव में 10 शनिवार को 30 प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इनमें राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के साथ स्थानीय प्रतिभाओं को भी मंच दिया जाएगा।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने यह भी निर्णय लिया की उज्जैनवासियों को 11 जुलाई से आधार कार्ड दिखाकर अलग द्वार से मंदिर में प्रवेश मिल सकेगा।

साथ ही श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा नि:शुल्क अन्नक्षेत्र श्रावण मास में शुरू हो जाएगा। देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समिति प्रति सोमवार को फलाहार की व्यवस्था भी करेगी।