सीखो-कमाओ योजना मेें युवाओं की कमाई शुरू,योजना में 10429 प्रतिष्ठान पंजीकृत

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सीखो-कमाओ योजना मेें युवाओं की कमाई शुरू,योजना में 10429 प्रतिष्ठान पंजीकृत

भोपाल: महिलाओं को एक हजार रुपए महीने देने वाली लाड़ली बहना योजना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को युवाओं को साधने के लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरू कर दी है। इस योजना में 12 वीं या उससे कम पढ़ाई कर औद्योगिक इकाइयों में रोजगार के गुर सीखने वाले युवाओं को 8 हजार और इससे अधिक योग्यता वाले युवाओं को दस हजार रुपए तक स्टायपेंड सरकार की ओर से दिया जाएगा। इसके अलावा संबंधित प्रतिष्ठान में अपनी सेवाएं देकर ये युवा भविष्य में रोजगार के अवसर पैदा कर सकेंगे। योजना में 10429 प्रतिष्ठानों को पंजीकृत किया जा चुका है। इनमें 23 अन्य राज्य के प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। प्रतिष्ठानों द्वारा 34690 वेकेन्सी (प्रशिक्षण की सीट) क्रिएट की जा चुकी है।

सीएम चौहान ने इस योजना की शुरुआत राजधानी के रविन्द्र भवन में की। तकनीकी शिक्षा और कौशल और रोजगार विभाग के अधीन शुरू होने वाली इस योजना के लिए युवाओं को रजिस्टर्ड औद्योगिक एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में आॅन जॉब ट्रेनिंग की सुविधा के लिए शुरू की गई है। योजना के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में आवेदकों की पंजीयन प्रक्रिया की शुरुआत सीएम चौहान ने की और एक युवा का पोर्टल पर पंजीयन फॉर्म भराया तथा उसे योजना की प्रक्रिया बताई। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार की मौजूदगी में हुए कार्यक्रम मेंं तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा और ऊर्जा विभाग के हितग्राहियों समेत 1600 युवा शामिल हुए। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के आवेदको को समग्र आईडी, शैक्षणिक योग्यता, डिग्री आदि की आवश्यकता होगी।

वोकेशनल ट्रेनिंग प्रमाण पत्र देगी सरकार
इस योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाइपेंड की व्यवस्था की गई है। प्रथम चरण में एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 8 हजार से 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड प्राप्त होगा। इसमें 12वीं या उससे कम कक्षा उत्तीर्ण युवाओं को 8 हजार रुपए प्रतिमाह, आईटीआई उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार तथा स्नातक उत्तीर्ण अथवा इससे उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले प्रशिक्षणार्थी युवाओं को 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर अथवा फॉर्मेटिव एसेसमेंट के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार बोर्ड द्वारा स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है। योजना में देश एवं प्रदेश के ऐसे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान पात्र होंगे जिनके पास पैन और जीएसटी पंजीयन है।