ऐसे प्रवेश न प्रदेश के और न घर-समाज के …

ऐसे प्रवेश न प्रदेश के और न घर-समाज के …

मध्यप्रदेश में सीधी की एक घटना ने सियासत में भूचाल ला दिया है। घटना बहुत ही घृणित है। एक इंसान पर दूसरा हैवान पेशाब कर रहा है। घटना पुरानी है, पर वीडियो वायरल हो गया तो चर्चा का बाजार गर्म है। यह मामला अमानवीय मानसिकता का है। यह ऐसे प्रवेश की कारगुजारी है, जो न तो इस प्रदेश के ही हो सकते हैं, न समाज के और न घर-परिवार के। वास्तव में ऐसे लोगों को सभ्य समाज में प्रवेश की कोई जगह नहीं है। पर बिडंबना यही है कि चेहरों पर चेहरा लगाए ऐसे लोगों से दुनिया भरी पड़ी है। हजारों घटनाएं घटित होती हैं, पर सामने इक्का-दुक्का ही आ पाती होंगीं। वह घटनाएं भी एक-दो दिन के सियासी बाजार के ही काम आती हैं। जैसा कि इस घटना के साथ भी हो रहा है।
मध्यप्रदेश में घटी इस घटना को दोहरा प्लेटफॉर्म मिल गया है। पहला तो चुनावी साल है और दूसरा कि जुलाई के पहले सप्ताह में घटी घटना का धमाकेदार जिक्र दूसरे सप्ताह में होने वाले विधानसभा सत्र में विपक्ष पूरे मनोयोग से सरकार पर निशाना साधते हुए करेगा। हालांकि चिंतन इस बात पर होना चाहिए कि ऐसे अपराधिक तत्वों को सही राह पर कैसे लाया जाए। हाल ही में राजधानी भोपाल में ही एक कलियुगी बेटी का कारनामा सामने आया था। वह अपने बुजुर्ग माता-पिता और मंदबुद्धि भाई को उनके ही घर के एक कमरे में महीनों से बंधक बनाए थी।
अपने बेटे के साथ इनके साथ अति अमानवीय और घृणित व्यवहार कर रही थी। किसी तरह पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने इन्हें मुक्त कराकर अस्पताल में भर्ती कराया था। यह मामला नितांत पारिवारिक है। इसमें सियासत के प्रवेश की गुंजाइश नहीं थी और इसीलिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के अखाड़े में नहीं कूद पाया। पर सभ्य समाज के लिए ऐसे सभी मामले अभिशाप की तरह ही हैं। उस जहर की तरह ही हैं जो अपने पराए की सीमाओं से परे होकर सबकी जान संकट में डालने पर उतारू रहता है।
मध्य प्रदेश: पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को विधानसभा ने नोटिस जारी किया, सदन में कांग्रेस विधायकों का हंगामा न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 16 Mar 2022 01:10 PM IST सार राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार के मामले में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बुधवार को विधानसभा ने नोटिस जारी किया है। इस पर सदन में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी और हंगामा किया। मध्य प्रदेश विधानसभा (फाइल फोटो) मध्य प्रदेश विधानसभा (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला विस्तार कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बुधवार को विधानसभा ने नोटिस जारी किया है। राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार के मामले में ये कार्रवाई की गई है। इस पर सदन में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी और हंगामा किया। विधानसभा की तरफ से जीतू पटवारी को जारी नोटिस पर गोविंद सिंह ने विरोध दर्ज कराया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने नियम पढ़कर बताया। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोई खेद प्रकट नहीं करेगा। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी और जमकर हंगामा किया
मध्यप्रदेश में सीधी की घटना पर हो रही बयानबाजी पर नजर डालें तो जीतू पटवारी ने सीधा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है कि 20 साल में आदिवासियों के जीवन में क्या बदलाव आया। एसटी-एससी के 1,00,000 पद खाली हैं आपने क्यों नहीं भरा? मध्य प्रदेश का चेहरा कलंकित हुआ। एसटी-एससी ओबीसी की छात्रवृत्ति का मुद्दा भी उठाया। आदिवासियों के साथ हुए अत्याचार के पंजीबद्ध मामलों को दोहराते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस का विधायक दल  राज्यपाल से मिलेगा। आदिवासियों के साथ हुए पंजीबद्ध अत्याचार को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। प्रदेशभर के आदिवासी बाहुल्य जिलों को लेकर कांग्रेस ने की है खास व्यवस्था।
kamalnath and narendra saluja
तो भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कांग्रेस को आइना दिखाया है कि 55 सेकंड का लिखा हुआ बयान, उसमें भी 8 कट। यह है श्री नाथ जी का दिखावटी आदिवासी प्रेम…? इस वीडियो को देखकर  समझा जा सकता है कि इस घटना की इन्हें कितनी जानकारी है…?इन्हें घटना का जिक्र भी पढ़कर , 55 सेकंड के वीडियो को 8 बार कटकर बनाना पड़ रहा है..। कमलनाथ जी यह एक अमानवीय घटना है ,यह राजनीति का विषय नहीं है , इसे समाज से जोड़ना भी गलत है…। इसी तरह की घटना 13 अगस्त 2019 को जब आप मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे , तब अलीराजपुर जिले के एक थाने में भी हुई थी , जब पांच आदिवासी भाइयों को पानी मांगने पर जबरन पेशाब पिलाया गया था…। तब आप मुखर क्यों नही हुए थे , तब आपने इस तरह के बयान क्यों जारी नहीं किये थे…? हर घटना पर राजनीति करना ठीक नहीं…।
प्रवेश की गिरफ्तारी, उस पर एनएसए लगाकर रीवा जेल भेजना, उसके घर पर बुलडोजर चलाना जैसी कार्यवाही हुई हैं। भाजपा और कांग्रेस संगठन अपने-अपने स्तर पर भी घटना की जांच करा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित परिवार को मिलने के लिए सीएम हाउस बुलाया है।
cm shivraj singh chauhan 3
*सीधी मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान है कि इस मामले को लेकर मैंने निर्देश दिए हैं कि आरोपी को कठोरतम सजा दी जाए। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाय।आरोपी को ऐसी सजा दी जाएगी जो उदाहरण बने। अपराधी की ना तो कोई जाति होती है। अपराधी का ना कोई धर्म होता है। अपराधी की ना कोई पार्टी होती है। अपराधी केवल अपराधी होता है।
तो बयानबाजी जमकर हो रही है। पर यक्ष प्रश्न यही है कि ऐसी घृणित अमानवीय घटनाएं हमेशा ही होती हैं। अपराधी हर काल में अपराध घटित करते रहे हैं। ऐसे में क्या उपाय है जो अपराध और अपराधी मुक्त सभ्य समाज का निर्माण कर सके। क्या संस्कारों की कमी समाज को इस घृणित अंधेरे में धकेल रही है? सियासत में भी किन सुधारों की जरूरत है ताकि समाज सभ्य बनकर रामराज्य की अनुभूति करा सके…। मंथन कर समाज को अमृत रूपी उन बूंदों की घुट्टी पिलानी पड़ेगी, जो सोचने और करने का भाव ही बदल सके। ऐसे प्रवेश न प्रदेश के हैं और न घर-समाज के …।
Author profile
khusal kishore chturvedi
कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।