Priyanka’s Rally in Gwalior : प्रियंका ने हुंकार भरी ‘बोलो भाजपा जाएबे बारी है, कांग्रेस आएबे बारी है!’
Gwalior : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने विशाल रैली को संबोधित करते हुए केंद्र, प्रदेश सरकार के साथ सिंधिया को घेरा। उन्होंने जन आक्रोश रैली में कहा कि सत्ता की फितरत है, कि वो जैसे इंसान के हाथ में होती है, वैसा उसका स्वभाव हो जाता है। सत्ता को गलत इंसान के हाथ में दे दो, तो इसी तरह की लूट मचेगी, जो आपके प्रदेश में हो रही है। ये झांसी की रानी की धरती है। बड़े-बड़े यहां से महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र के लिए अपनी धरती के लिए जी जान एक की। ग्वालियर वाले ए बारी मामा जी की भ्रष्ट सरकार बदलवे बारे हैं। एक बार हमाए संगे जोर से बोलो भाजपा जाएबे बारी है, कांग्रेस आएबे बारी है।
उन्होंने कहा कि अत्याचार उन्हीं पर होते हैं जो कमजोर होते हैं। आदिवासियों के साथ कैसे अत्याचार किए जा रहे हैं। दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन हैं, और दूसरी तरफ खबरें भी हैं। सबसे ज्यादा विवेक जनता में होता है और जनता कभी गलत फैसले नहीं करती। अगले पांच सालों में क्या आप यही चाहते हैं, जो इन पांच सालों में हुआ। जिनके पास सत्ता है, जो आप पर राज कर रहे हैं। घोटाले पर घोटाले कर-करके कमा रहे हैं। बड़े-बड़े आलीशान महल हैं इनके, लेकिन आपके पास एक पाई नहीं बचती! क्योंकि आप जागरूक नहीं बने। आपकी जागरूकता में कमी है, आप नेताओं से सही सवाल नहीं करते।
आप क्यों नहीं पूछते 22 हजार घोषणाएं की इनमें से दो हजार भी पूरी कीं। ये जो बड़े-बड़े उद्योगपति हैं इनकी कितनी कमाई है। 16 सौ करोड़ रुपये एक दिन की कमाई है, जिनको ये देश की कंपनियां दे चुके हैं। मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि आप एक ईमानदार सरकार चाहते हो की नहीं। आज प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार हैं। युवाओं के सपने तोड़ दिए हैं। क्या आप ऐसी सरकार चाहते हैं, जो मध्यप्रदेश के नौजवानों को अपने पैरों पर खड़ा करे। मैंने यूपी में एक नौजवान से पूछा कि बेटा राशन की बोरी चाहिए या रोजगार चाहिए, एक भी ऐसा नहीं था जो कहे कि राशन की बोरी चाहिए, सभी रोजगार चाहते थे। वो अपने पैरों पर खड़े होकर खुद कमाना चाहते थे। ये आपको रोजगार नहीं दिलवाएंगे।
एमपी में पुरानी पेंशन लागू होगी
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस आपके लिए कुछ वादे और कुछ गारंटी लाई है। हमारी जहां सरकार है, वहां हमने जो गारंटी दी वो निभाई जा रही है। चाहे आप कर्नाटक, राजस्थान में देखें तो जो वादे किए थे, वो निभाए जा रहे हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल में पुरानी पेंशन स्कीम लागू है। जब आप सरकारी नौकरी लेने जाते हैं, तो उसकी सबसे बड़ी बात क्या होती है, जीवन के लिए सुरक्षा, आपको पेंशन मिलेगी। लेकिन, सरकारी कर्मचारियों को आज पेंशन नहीं मिलती। जहां कांग्रेस की सरकार है वहां पुरानी पेंशन लागू है। पुरानी पेंशन यहां भी लागू होगी। मेरी बहनों के खाते में सीधे 1500 रुपये डाले जाएंगे। गैस का सिलेंडर 500 रुपये में दिया जाएगा। 100 यूनिट बिजली मुफ्त में मिलेगा। 200 यूनिट बिजली आधे दाम पर मिलेगा। किसानों के कर्ज माफी का काम सरकार बनने पर पूरा किया जाएगा।
आप कांग्रेस की सरकार बनाइए फिर देखिए
आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, 2600 रुपए धान मिल रहा है, हिमाचल में हमारी सरकार है वादे पूरे करने का काम शुरू है। कर्नाटक में महिलाएं बसों में मुफ्त में यात्रा कर रही हैं। मध्यप्रदेश में प्रचंड बदलाव की लहर है। प्रचंड मतों से आप कांग्रेस की सरकार बनाइए, जो न खरीदी जा सके न गिराई जा सके। जो पूरे पांच साल आपकी सेवा कर सके। आपकी समस्याओं को सुलझाने काम करे। आपकी छोटी और बड़ी समस्याओं को सुलझाने का काम पहले दिन से किया जा सके। रास्ते में कुछ दिव्यांग लोग मिले उनकी पेंशन सिर्फ 600 रुपए है कमलनाथ जी जब आपकी सरकार बने तो उनकी पेंशन जरूर बढ़ाइएगा।
जैसी नींव होती है वैसी नियत
प्रियंका गांधी ने मेला ग्राउंड में आयोजित जन आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैं ग्वालियर आ रही थी तो भाइयों-बहनों ने मुझे मुद्दे भेजे। मैं जब उन्हें पढ़ रही थी तो मुझे लगा ज्यादातर नकारात्मक बातें थी। आज सिर्फ राजनीति आरोप और प्रत्यारोप में फंस गई है। क्या हम इससे आगे बढ़कर कुछ बातें कर सकते हैं।
प्रियंका ने कहा कि स्वतंत्रता का हमारा जो आंदोलन था, उसे सत्याग्रह का नाम दिया गया था। हमारे देश की एक परंपरा रही है कि हम नेताओं में सभ्यता, सरलता, सादगी और सच्चाई ढूंढते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे नेताओं में ये सब हो। आज परिस्थितियां बदल गई हैं। आरोप-प्रत्यारोप हम मंच पर आकर गिना देते हैं। इस बीच जनता के असली मुद्दे छूट जाते हैं। अंहकार की राजनीति चलती है। आजकल भौकाल की राजनीति है शान-शोहरत की राजनीति है। जो जनता की समस्याएं हैं, जो सत्य है इस देश का वो डूब रहा है। दूसरों की आलोचना करना आसान है।
विपक्ष की बैठक पर दिए गए पीएम मोदी के बयान की आचोलना करते हुए प्रियंका ने उन्हें घेरा और लोगों से सवाल करते हुए पूछा कि राजनीतिक सभ्यता को बनाए रखने की जिम्मेदारी किसकी होती है प्रधानमंत्री की होती है। दो दिन पहले एक बैठक हुई, इसी दौरान पीएम का बयान आया कि जितनी भी विपक्ष की पार्टियां हैं, सभी को चोर बोल डाला। बड़ी-बड़ी पार्टियों के नेता, जिन्होंने देश सेवा की। उनका अपमान प्रधानमंत्री ने खुद इस तरह किया।
नरेंद्र मोदी को मणिपुर हिंसा पर घेरा
प्रियंका ने संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर में महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। बच्चों के सिर पर छत नहीं है। 77 दिन में पीएम ने एक लफ्ज नहीं कहा। कल मजबूरी में जब एक भयावह वीडियो वायरल हुआ तो बयान दिया और उसमें भी राजनीति घोल दी। उन राज्यों का नाम ले लिया, जिनमें विपक्ष की सरकार है। मैं भी 10 मिनट पीएम की आलोचना कर सकती हूं, 10 मिनट सिंधिया जी के बारे में बोल सकती हूं कि कैसे उनकी विचारधारा पलट गई। लेकिन मैं आज आपके बारे में बात करने आई हू्ं। आज मैं महंगाई पर बात करने आई हूं।
महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरा
उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि इस महंगाई से किस तरह आपकी कमर तोड़ी जा रही है मैं उसकी बात करने आई हूं। कुछ खरीदना है किसी के लिए वो महंगा हो गया है। बच्चों की पढ़ाई महंगी हो गई है। जीवन पर महंगाई बोझ बन गई। किस तरह आप गुजारा कर रहे हैं मैं समझ नहीं पा रही हूं। सबसे ज्यादा महंगाई का बोझ मेरी बहनें उठा रही हैं। गैस सिलेंडर हजार रुपए से कम में नहीं मिल रहा। कोई बीमार पड़ा जाता है तो इस बात की घबराहट होती है कि मैं दवाई कहां से लेकर लाऊँ। इस बीच मुझे उचित नहीं लगता है कि मैं दूसरों की आलोचना करती रहूं। चुनाव में जब कोई नेता किसी गांव में जाता है तो उसे जनता के मुद्दों पर बात करना पड़ेगा। एक ऐसी सरकार क्यों है हमारे देश में जिसने देश की पूरी संपत्ति एक या दो लोगों को बेच दी। जब कंपनियों को अपने मित्रों को बेचा तो इन्हें मालूम होगा कि आप बेरोजगार होंगे। आज परिस्थितियां क्या हैं। जो बड़ी कंपनियां हैं, इन्होंने अपने दोस्तों को सौंप दिया।
पटवारी परीक्षा के घोटाले पर बात की
प्रियंका गांधी ने कहा कि यहां से तमाम वीर जाकर देश की सेवा करते हैं। जब से अग्निवीर योजना आई, तब से लोग ट्रेनिंग से ही वापस आ जा रहे हैं। घर आकर किसानी से भी नहीं कमा पाएंगे। वहां भर्ती के लिए तमाम नौजवान पढ़ाई करते हैं। फिर देखिए पटवारी के एक्जाम में किस तरह से घोटाला हो गया। इन चीजों का समाधान क्या है। आज शर्म की बात है सिर्फ मात्र सरकारी नौकरियां 21 दी गई हैं। 2018 में जब हमारी सरकार बनी तब उन्होंने सरकार गिराई। 18 सालों से इनकी सरकार है और ये हालात हैं। 18 साल से सरकार में हैं तब तो कुछ दिया नहीं, चुनाव के पहले महिलाओं और नौजवानों को वादा करते हैं कि ये देंगे। घोटालों पर घोटाला हो रहा है, इतनी लंबी लिस्ट है कि याद नहीं रहती है। कुछ नहीं छोड़ा, सड़कें नहीं छोड़ी, महाकाल की मूर्तियां नहीं छोड़ी।
सत्ता होती है तो उसे अहंकार होता है
प्रियंका ने कहा कि ये पैसों से खरीदी सरकार है। इनकी नियत ही खराब है, शुरू से सिर्फ घोटालों पर ध्यान रहा है। 18 साल जिसके पास सत्ता होती है, उसके पास अहंकार होता है और इस कदर होता है, कि जो आस पास के लोग हैं वो भी सच्चाई नहीं बताते। वो सोचते हैं हमेशा सत्ता साथ रहेगी तो काम करने की क्या जरूरत है, जब समय आएगा ध्यान भटका देंगे, जिससे जनता के जज्बात जुड़े हैं। जनता भूल जाएगी कि महंगाई है और फिर से हमें वोट मिल जाएगा, हम फिर से सत्ता में रहेंगे।
कमलनाथ ने शिवराज सिंह को झूठ की मशीन बताया
भाजपा की सरकार ने मध्यप्रदेश को झूठ की राजधानी बना दिया है। नौजवानों को झूठ बोला, आदिवासियों को झूठ बोला, मां नर्मदा को झूठ बोला, हमारे आदिवासियों को झूठ बोला। मैं पूछना चाहता हूं कि किसको इन्होंने झूठ नहीं बोला। शिवराज सिंह झूठ की मशीन हैं, घोषणाओं की मशीन हैं, घोटालों की मशीन हैं। चुनाव में चार महीने बचे हैं ये मशीन अब डबल स्पीड से चल रही है। यह चुनाव मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेंगा। हमारे नौजवानों का असुरक्षित भविष्य आज उनके साथ है। मैं तो पूछता हूं कि उन्होंने दिया क्या। नौजवान बिना काम के, हमारा किसान बिना दाम के शिवराज जी आप किस काम के। पैसे दो काम लो.. आज ये भटकते हुए नौजवान को देख नहीं सकते, इनकी आंख नहीं चलती। ये किसानों की सुन नहीं सकते, इनके कान हीं चलते। इनके कान नहीं चलते, इनकी आंख नहीं चलती, मुंह बहुत चलता है। मुंह चलाने और प्रदेश चलाने में बहुत फर्क है।
15 साल बाद हमारी सरकार बनी थी। कैसा प्रदेश मुझे सौंपा था, जो बेरोजगारी में नंबर वन हो, हमने 15 महीनों में अपनी नीति और नियत का परिचय दिया। 27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया, कौन सी गलती की। 100 रुपये 100 यूनिट बिजली दी। कौन सा गुनाह किया। धीरे-धीरे हम आगे बढ़ रहे थे, और सौदा हो गया। आज चुनाव जब चार महीने दूर है शिवराज सिंह को बहनें याद आ रही हैं किसान याद आ रहे हैं। 18 साल में आपने क्या दिया। भर्ती घोटाले दिए। महंगाई दी। कोरोना की मौत दी। महाकाल का घोटाला दिया। मध्यप्रदेश में 2500 घोटाले हैं। शिवराज ने माफिया राज दिया है। घर-घर में शराब दी। ये शिवराज की उपलब्धि है। आज हमें एमपी की भविष्य सुरक्षित रखना है। प्रदेश को नई पटरी पर लाना है। मुझे ग्वालियर चंबल के मतदाताओं पर विश्वास है। आप सच्चाई का साथ देंगे तो हम मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रख पाएंगे।