डिजिटल लॉकर में रखे जा सकेंगे डाक्यूमेंट, साफ्टवेयर में बदलाव लाएगा सुधार

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भोपाल।प्रदेश में अब प्रापर्टी की घर बैठे केवाईसी कराने और यदि संबंधित व्यक्ति लोन लेता है तो उसके डाक्यूमेंट डिजिटली लॉक किए जाने की तैयारी है। ये डॉक्यूमेंट डिजिटल लॉकर में भी रखने की सुविधा पर राज्य शासन का मुद्रांक और पंजीयन विभाग, राजस्व और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से कर रहा है। रजिस्टर्ड दस्तावेजों को पब्लिक ओरिएंटेड बनाने के लिए राज्य सरकार साफ्टवेयर में बदलाव के जरिये इस तरह की नई सुविधाएं देने की तैयारी में है। इसके बाद लोन लेने के लिए इच्छुक लोगों को बैंक के चक्कर काटने से राहत मिलने के साथ घर बैठे डाक्यूमेंट बनाने और स्टांप ड्यूटी पेमेंट की सुविधा मिल सकेगी।

 

*घर बैठे होगी ई स्टम्पिंग*

डिजिटल सर्विस सुधार को लेकर चल रही कवायद में यह बात भी सामने आई है कि मैपआईटी द्वारा नए रूप मे तैयार किए जा रहे साफ्टवेयर के जरिये घर बैठे ई स्टैंपिंग की जा सकेगी। कुछ दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन भी आनलाइन किया जा सकेगा किन्तु ऐसे मामले में आधार की सेवा अनिवार्य होगी। शासन द्वारा प्रदेश भर में जिलों में खेत, फैक्ट्री, भवन व अन्य संपत्तियों की आनलाइन जियो टैगिंग कराई जा रही है। इससे भूमि, भवन, वार्ड, लोकेशन और प्रापर्टी की कीमत का पता चल सकेगा। सिटिजन ओरिएंटेड सर्विस के अंतर्गत लोगों को रजिस्टर्ड डाक्यूमेंट में प्रापर्टी की कीमत और स्टांप ड्यूटी की राशि का पता खुद चल सकेगा।

आधार बेस्ड सिस्टम से बढ़ेंगी सुविधाएं

डाक्यूमेंट रजिस्टर्ड कराने से लेकर अन्य दस्तावेज इलेक्ट्रानिकली साइन कराने की व्यवस्था शुरू होने के बाद सबसे अधिक फोकस आधार बेस्ड सिस्टम पर होगा। इसके बाद दस्तावेज डिजिटल लॉकर में इलेक्ट्रानिकली लॉक किए जा सकेंगे। बैंकों से इसको लेकर बात चल रही है और सब कुछ ठीक रहा तो बैंकिंग सर्विस का लाभ भी आसान हो जाएगा। नगर निगम प्रापर्टी की आईडी जनरेट कर रहा है। इसका फायदा यह होगा कि आयुक्त भू अभिलेख यूनिक लैंड पार्सल आईडेंटिफिकेशन नम्बर का उपयोग कर सिटिजन सर्विसेस बढ़ा सकेंगे। भू अभिलेख विभाग इस पर काम कर रहा है जो प्रापर्टी के रजिस्ट्रेशन से सीधे लिंक होगी।