मोदी ने विपक्ष को लोकसभा में हराया,फिर भी इस प्रश्न का उत्तर अभी भी नही मिला कि PM अभी तक मणिपुर क्यों नही गए?

नई दिल्ली से नेशनल हेड गोपेंद्र नाथ भट्ट की त्वरित टिप्पणी

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मोदी ने विपक्ष को लोकसभा में हराया,फिर भी इस प्रश्न का उत्तर अभी भी नही मिला कि PM अभी तक मणिपुर क्यों नही गए?

नई दिल्ली।प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार की शाम लोकसभा में विपक्ष पर आक्रामक तरीक़े से लायन की तरह दहाड़ें और संयुक्त गठबन्धन इण्डिया द्वारा अपनी सरकार के विरूद्ध लायें गए अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में भी सफल हो गए लेकिन प्रतिपक्ष के अनुसार प्रधान मंत्री ने उनके उस सवाल का जवाब अभी भी नही दिया है कि आखिर मणिपुर के मुश्किल हालातों में भी वे एक बार भी मणिपुर के लोगों के मध्य उनका दर्द बाटनें क्यों नही गए है?

प्रतिपक्ष के एक नेता ने कहा कि मणिपुर जब जल रहा था और वहाँ की बहन-बेटियों की आबरू लूट रहीं थी तब भी प्रधान मंत्री का वहाँ नही जाना और ऐसी दुर्भाग्य पूर्ण घटना पर एक शब्द भी नही बोलना कहाँ तक उचित कहा जा सकता है?

विपक्ष का मन्तव्य मोदी सरकार को संसद में हराना नही था क्योंकि इसके लिए न तों उनके पास इतना बहुमत था और नही इण्डिया का गठन होने से पहलें विपक्षी एकता थी वरन विपक्ष चाहता था कि प्रधान मंत्री मोदी इस संवेदनशील मसलें पर अपनी ज़बान खोलें और इस मक़सद में हम सफल हों गए है।उनके अनुसार प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम कितने ही पुराने मुर्दे क्यों न उखाड़ लें और कितनी वाकपटुता क्यों न कर लेवें, देश की जनता यह देख रही है कि भाजपा की चाल,चरित्र और व्यवहार में कितनी असमानता हैं।

चौरी और की कहावत अनुसार भाजपा और उनके नेता हर अनैतिक बात को नैतिक साबित करने के लिए एकजुट रहते है। उन्होंने लोकसभा कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के निष्कासन की भी निन्दा की और कहा कि भाजपा का जहाज़ आज नही तों कल अपनी फ़ासिस्ट और अधिनायक वादी रीति नीति तथा समाज को बाटने की प्रवृति से डूब कर रहेगा।

2023 में राजस्थान की *जनता भी कांग्रेस को कहेगी नो कॉन्फिडेंस

इधर गुरुवार को संसद में विपक्ष की तरफ से पेश किये अविश्वास प्रस्ताव के अस्वीकृत होने पर जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज पूरे देश ने संसद में भाजपा और एनडीए की ताकत देखी। विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर संसद और देश दोनों का समय बर्बाद किया।विपक्ष का ये प्रस्ताव लाने का उद्देश्य एनडीए का नही अपितु स्वयं के गठबंधन का विश्वास जानना था।विपक्ष जानन चाहता था कि कुछ दिन पूर्व बने हमारे गठबंधन के साथी हमारे साथ है भी की नही। संसद में आज ये सिद्ध हो गया कि सदन के साथ पूरे देश का विश्वास मोदी जी और भाजपा के साथ है।

विपक्ष देश में सिर्फ नफरत
फैलाने का काम कर रहा। विपक्ष ने देश को परिवारवाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और घोटलों के सिवा कुछ नही दिया। देश की जनता 2028 में फिर से विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने का अवसर देगी। जिस प्रकार देश की जनता ने कांग्रेस को नो कॉन्फिडेंस कहा है। उसी प्रकार आने वाले विधानसभा चुनावो में राजस्थान की जनता भी गहलोत सरकार को नो कॉन्फिडेंस कहकर विदा करेगी और राजस्थान में प्रचंड बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी।