Atal Bihari Vajpayee: जानें अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी से जुड़ी 10 खास बातें

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Atal Bihari Vajpayee
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Atal Bihari Vajpayee: जानें अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी से जुड़ी 10 खास बातें

 

अटल बिहारी वाजपेयी (25 दिसम्बर 1924 – 16 अगस्त 2018) भारत के तीन बार के प्रधानमन्त्री थे। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 तक, तथा फिर 1998 में और फिर19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमन्त्री रहे। वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में एक थे, और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे।          अटल बिहारी वाजपेयी 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर  के मिडिल-क्लास स्कूल टीचर के घर पैदा हुए थे.राजनीति में आने से पहले उन्होंने पत्रकारिता से शुरू किया था अपना करियर. वह अपनी कुशल भाषण कला की वजह से राजनीति में आए थे.अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1947 में प्रचारक के रूप में राष्ट्रीय सेवक संघ को ज्वाइन किया था. भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लेने की वजह से वाजपेयी को 23 दिन के लिए जेल में रहना पड़ा था.

भारतीय राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ अटलजी की 10 दिलचस्प बातें
1.
 अटलजी ऐसे सांसद थे, जिन्हें एक साथ चार अलग-अलग राज्यों से निर्वाचित किया गया था। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात वे राज्य थे, जहां से उन्हें निर्वाचित किया गया था।

Books And Poems of Atal Bihari Vajpayee

2. अटलजी के पास पत्रकारिता की भी डिग्री थी। उन्होंने पांचजन्य पत्रिका में बतौर सम्पादक काम किया था। इसके अलावा कई समाचार-पत्रों के सम्पादन के लिए भी काम किया था।

3. बताया जाता है कि अटलजी को बचपन से ही खाने का शौक था। वह जिस शहर में पहली बार जाते थे, वहां की सबसे अच्छी डिश जरूर खाते थे। वे लोक सभा कैंटीन का खाना नहीं खाते थे। उनके लिए घर से बना खाना आता था। उनकी आदत थी कि लंच करने के बाद वहीं कुछ देर के लिए आराम करते थे।

4. अटलजी बेहद शांत स्वभाव के थे। उन्हें गुस्से में शायद ही किसी ने देखा है। वह अपने साथ काम करने वाले लोगों को कभी डांट-फटकार नहीं लगाते थे। हां, उनके चेहरे से करीबी जरूर समझ जाते थे कि कोई ऐसी बात हो गई है, जो उन्हें अच्छी नहीं लगी।

5. अटलजी देश के ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने 1977 में सयुंक्त राष्ट्र की सभा में हिंदी भाषण दिया था। इससे पहले किसी भी नेता ने हिंदी में भाषण नहीं दिया था। अटलजी ने ही सयुंक्त राष्ट्र में हिंदी भाषा को पहचान दिलवाई थी।

6. 20 साल में अटलजी की 10 बार सर्जरी हो चुकी थी।

7. अटलजी भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। नौ बार लोकसभा के लिए चुने गए। वे सबसे लंबे समय तक सांसद रहे भी रहे और जवाहरलाल नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी।

8. 11 मई, 1998 को उन्होंने जब परमाणु परीक्षण किया, तो पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया था। कई देशों ने कहा- भारत ये कैसे कर सकता है? सभी विकसित देशों ने भारत पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। उन्होंने अग्नि-दो और परमाणु परीक्षण कर देश की सुरक्षा के लिए साहसी कदम भी उठाए।

9. अटलजी के बारे में एक और दिलचस्प बात है कि वह उन भाग्यशाली लोगों में से थे, जिन्होंने अपनी पढ़ाई माता-पिता के साथ की। वाजपेयी ने अपने पिता के साथ कानपुर के डीएवी कॉलेज से कानून की डिग्री ली। जब उनके पिता ने उन्हें एडमिशन लेते हुए देखा, तो उन्होंने भी लॉ पढ़ने की इच्छा जताई।

10. उन्होंने राजनीति में अपना महान करियर महात्मा रामचंद्र वीर की ‘अमर कीर्ति विजय पताका’ को समर्पित कर दिया। उनके मुताबिक, इस कविता ने उनकी जिंदगी बदल दी थी।