Barcode & QR Code on Generic Medicines : जेनेरिक दवाइयों पर अब बारकोड और क्यूआर कोड होगा!  

क्यूआर कोड स्कैन करते ही दवा की जानकारी मिलेगी!

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Barcode & QR Code on Generic Medicines : जेनेरिक दवाइयों पर अब बारकोड और क्यूआर कोड होगा!

 

Indore : शहर में बिकने वाली जेनेरिक पर अब बारकोड और क्यूआर कोड लगाए जा रहे है। फिलहाल ये व्यवस्था मेडिसीन मार्केट में बिकने वाली 300 प्रकार की दवाइयों पर लागू की गई है। इंदौर को प्रदेश और देश का एक बड़ा मेडिकल हब माना जाता है। इसलिए इसके बगैर यहां बिकने वाली दवाइयां पर बेसिक ड्रग डीलर एसोसिएशन की निगरानी करेगा।

मध्य प्रदेश में सर्वाधिक दवाइयां इंदौर में तैयार होती हैं, जिन्हें बड़े पैमाने पर मध्य प्रदेश के फुटकर एवं थोक दवा बाजार में हर वर्ष बेचा जाता है। क्यूआर कोड में दवा निर्माता का नाम, ब्रांड नेम, पता, बैच नंबर, ड्रग आदि जानकारी होगी। जानकारी अनुसार सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) ने एक अधिसूचना जारी की है।

इसके अनुसार 1 अगस्त से देशभर में बिकने वाली 300 प्रकार की दवाइयों पर क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अनुसार प्रदेश के सबसे बड़े फार्मा और मेडिकल हब इंदौर में भी जो दवाइयां डॉमेस्टिक मार्केट में बेची जाएंगी उन में भी यही व्यवस्था लागू की गई है।

नकली दवाइयों की धरपकड़ आसान होगी

बेसिक ड्रग डीलर एसोसिएशन के महासचिव जेपी मूलचंदानी के अनुसार देश में पहले जो दवाइयां डॉमेस्टिक मार्केट में तैयार होती थी। उन्हें एक्सपोर्ट करना होता था। इसके लिए क्यूआर कोड या बारकोड जरूरी था। लोकल मार्केट में ही जेनेरिक नाम से बिकने वाली दवाइयां पर यह व्यवस्था लागू नहीं थी। जिसके फलस्वरूप विभिन्न राज्यों में जेनेरिक नाम से नकली दवाइयां बेची जा रही थी।

जबकि, भारत सरकार ने डॉमेस्टिक मार्केट में बिकने वाली 300 दवाओं के लिए भी यही नियम लागू कर दिया है। इससे लोकल मार्केट में बनकर बाजार में बेची जाने वाली नकली दवाओं पर भी नकेल की कसी जाएगी।

उन्होंने बताया कि बेसिक ड्रग डीलर एसोसिएशन ने भारत सरकार को जानकारी दी थी, जिसके बाद इस फैसले से सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इंदौर समेत लोकल मार्केट में जो दवाइयां 1 अगस्त के बाद आएंगी उनकी पड़ताल संगठन की ओर से भी की जाएगी।

300 तरह की सभी दवाओं में यह बारकोड है कि नहीं इसके लिए सभी दवा निर्माता के अलावा उपभोक्ताओं को भी जागरूक किया गया है। मोबाइल से संबंधित दवा का बारकोड या क्यूआर कोड स्कैन करके उनके द्वारा खरीदी जाने वाली संबंधित दवाई के बारे में जानकारी सकेंगे।

क्यूआर कोड में ये जानकारी 

क्यूआर कोड में यूनिक प्रोडक्ट आईडेंटिफिकेशन कोड के तहत दवाई का उचित जेनेरिक नाम, ब्रांड नेम, दवा बनाने वाली कंपनी का नाम, पता, बैच नंबर, विनिर्माण की तारीख, एक्सपायरी की तारीख और विनिर्माण का लाइसेंस नंबर जैसी सभी जानकारी जरूरी दी गई है। दवा फॉर्मूलेशन के ब्रांडों के किसी भी बेच में यह लगाना जरूरी होगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की अधिसूचना के अनुसार, यह नियम उन सभी स्वदेशी और विदेशी दवा निर्माताओं पर लागू होगा जो भारत में संबंधित 300 दवाओं का निर्माण और विक्रय कर रहे हैं।