Code of Conduct Implemented : चुनावों की घोषणा होते ही 5 राज्यों में आचार संहिता लागू!

जानिए, कहां-कहां आचार संहिता लगने से प्रभाव पड़ेगा!

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Code of Conduct Implemented : चुनावों की घोषणा होते ही 5 राज्यों में आचार संहिता लागू!

New Delhi : चुनाव आयोग ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी। इन पांचों राज्यों में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई। इस आचार संहिता में सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवार बंध जाते हैं। मिजोरम में 7 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में वोटिंग होगी, ये तारीख 7 नवंबर और 17 नवंबर होगी। मध्य प्रदेश में चुनाव 17 नवंबर को होंगे। राजस्थान में 23 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। तेलंगाना में वोटिंग डेट 13 नवंबर है। चुनाव आयोग के बनाए गए इन नियमों यानी आचार संहिता का पालन करना सभी राजनैतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।

पांच राज्यों में चुनावों की तारीख के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई। इसके तहत कई नियम हैं, जिनका पालन जरूरी होता है। साथ ही नियम तोड़ने वालों को लिए सजा का भी प्रावधान है। आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जो कई तरह की हो सकती है। तो नियम न टूटें या फिर नियम तोड़ने वालों की जानकारी सही विभाग तक पहुंचाई जा सके।

आम आदमी पर भी लागू

कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भी आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसका आशय यह है कि अगर आप अपने किसी नेता के प्रचार में लगे हैं, तब भी आपको इन नियमों को लेकर जागरूक रहना होगा। अगर कोई राजनेता आपको इन नियमों के इतर काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं। क्योंकि, ऐसा करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई होगी. ज्यादातर मामलो में आपको हिरासत में लिया जा सकता है।

लोक लुभावन घोषणाओं पर रोक

राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए वो नियम हैं, जिनका पालन हर पार्टी और हर उम्मीदवार के लिए जरूरी है। इनका उल्लंघन करने पर सख्त सजा हो सकती है। चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। FIR हो सकती है और उम्मीदवार को जेल भी जाना पड़ सकता है।

किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार या भूमि का उपयोग नहीं किया जा सकता। मतदान के दिन मतदान केंद्र से 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक लग जाती है। पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं की जाएगी। चुनाव के दौरान यह माना जाता है कि कई बार कैंडिडेट्स शराब वितरित करते हैं, इसलिए कैंडिडेट्स द्वारा वोटर्स को शराब का वितरण आचरण संहिता में एकदम मना है।

इस तरह के काम पर पूरी तरह रोक

चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता। केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, न लोकार्पण कर सकते हैं। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन भी नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। इस पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।

आदर्श आचार संहिता के दौरान उन सभी कार्यों और घोषणाओं पर पाबंदी होती है, जिनसे किसी भी तरह से वोट प्रभावित होते हों।

थाने में जानकारी देना जरुरी

उम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है। इसकी जानकारी निकटतम थाने में भी देनी होती है। सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है।

मतभेद बढ़ाने वाली बयानबाजी बंद

कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले। मत पाने के लिए रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना भारी पड़ सकता है। व्यक्तिगत टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।

क्या है आचार संहिता के नियम:

1. सरकारी कामकाज के सार्वजनिक उद्घाटन और शिलान्यास बंद।

2. सरकार नए कामों की स्वीकृति नहीं दे सकती।

3. सरकार की उपलब्धियों को दर्शाने वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे।

4. निर्वाचन क्षेत्र में शासकीय दौरे नहीं हो सकेंगे।

5. सरकारी वाहनों में मंत्री सायरन लगे वाहनों में यात्रा नहीं कर सकेंगे।

6. सार्वजनिक स्थलों से सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स हटाए जाएंगे।

7. सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे।

8. सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे।

9. किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें। न दें, न लें।

10. सोशल मीडिया पर संभलकर पोस्ट करें। एक पोस्ट किसी को भी जेल भेजने के लिए काफी है।