लाड़ली बहना और शिवराज भैया कसौटी पर…

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लाड़ली बहना और शिवराज भैया कसौटी पर…

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 को यदि एक पंक्ति में वर्णित किया जाए, तो इसके केंद्र में लाड़ली बहना ही नजर आ रही है। बहुत सारे समीकरणों के बीच में बहन-भाई ही खड़े नजर आ रहे हैं। लाड़ली बहनें चुनावी सभाओं में भाई पर जी भर कर लाड़ उड़ेलकर आशीर्वाद दे रही हैं। एक करोड़ 32 लाख यह लाड़ली बहनें यदि एकतरफा भैया शिवराज और भाजपा पर मेहरबान होती हैं तो इतिहास बनने से कोई नहीं रोक सकता। आधी आबादी को इतनी बड़ी संख्या में खुशी बांटने का मतलब है कि हर विधानसभा में औसत 50 हजार लाड़ली बहनों को खुशियों की सौगात भैया शिवराज ने दी है। यह ऐसा आंकड़ा है जो किसी भी उम्मीदवार को जीत की तरफ ढकेलने में सक्षम है। अगर आधी सीटों पर भी लाड़ली बहनों ने साथ दे दिया, तब भी भाजपा को बहुमत मिलने से कोई नहीं रोक सकता। बात बस इतनी सी है कि इस आधी आबादी के मन में किसी तरह का भटकाव पैदा न होने पाए वरना फिर यही कहा जाएगा कि नाथ ही मालिक है।
प्रत्याशियों की अंतिम संख्या सामने आ गई है। 2280 पुरुष उम्मीदवार और 252 महिला उम्मीदवार यानि कुल 2533 उम्मीदवार अब 230 विधानसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमाएंगे। चुनाव मैदान में फिलहाल दस फीसदी महिलाएं ही किस्मत आजमा रही हैं। पर जीत-हार में लाड़ली बहन मतदाताओं के रूप में इनकी भूमिका निर्णायक है। और जब महिला आरक्षण बिल लागू होगा, तब तो 33 फीसदी महिला प्रतिनिधित्व कोई रोक ही नहीं पाएगा। जिलों के हिसाब से देखा जाए तो सर्वाधिक 20 महिला उम्मीदवार सतना जिले में चुनाव मैदान में हैं। दूसरे स्थान पर सागर जिले में 16 महिला उम्मीदवार और तीसरे स्थान पर रीवा जिले में 12 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं आगर मालवा और शाजापुर जिले में कोई महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं है।
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शिवराज सिंह चौहान ने ‘कमलनाथ के पाप’ गिनाकर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। इनमें भी ज्यादातर पाप बहनों से संबंधित हैं। पाप नंबर 1 में शिवराज का आरोप है कि तुमने मुख्यमंत्री बन कर मेरी संबल योजना बंद कर दी थी। कमलनाथ जी तुमने मेरी बहनों का लड्डू का पैसा छीना था। पाप नंबर 2 में आरोप है कि जवाब दो कमलनाथ। मैं बेटियों की शादी करवाता था मुख्यमंत्री कन्या विवाह शादी करवा कर खाते में पैसा डालता था। शादी तो हुई लेकिन तुमने बेटियों के खाते में पैसा ही नहीं डाला बेटियों को धोखा दिया कमलनाथ। पाप नंबर 4 में आरोप है कि तुमने मेरे बेटे-बेटियों को मैं लेपटॉप देता था अच्छे नंबर लाते थे तो तुमने मेरे भांजे-भाँजियों के लेपटॉप छीन लिए कमलनाथ। पाप नंबर 5 में आरोप है कि बैगा,भारिया, सहरिया बहनों के खाते में,मैं 1 हजार डालता था मेरी बहनों कमलनाथ ने वो भी छीन लिए देना बंद कर दिया।पाप नंबर 8 में आरोप है कि मेरी बहनों जल जीवन मिशन का पैसा आया था आधा केंद्र सरकार से, आधा कमलनाथ को मिला कर घरों में पानी देना था कमलनाथ ने नहीं दिया। बाकी छह आरोपों में भी बहनें शामिल हैं। यानि कहीं न कहीं कमलनाथ के समय इन लाड़ली बहनों के साथ हुए कथित अन्याय को सामने लाने की कोशिश शिवराज ने की है।
तो भाई शिवराज की सभाओं में लाड़ली बहनों के साथ उनके भावुक क्षण यही गवाही दे रहे हैं कि बहनों का पूरा प्यार और आशीर्वाद भाई शिवराज के साथ है। दृश्य नंबर एक बजाग में बैगा बहनों ने अपनी पहली फसल अपने आंचल से मुख्यमंत्री के कुर्ते में डालकर भेंट की।
दृश्य नंबर दो लाड़ली बहनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उतारी नज़र, सीएम ने कहा बहनों का इतना लाड़-प्यार मेरे साथ, बुरी नज़र कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इनके अलावा भी बहुत क्षण जैसे शबरी की तरह लाड़ली बहन ने भैया शिवराज को सभा मंच पर खिलाया सीताफल। और बहनों ने अपने हाथ का बना खाना भाई शिवराज को खिलाया। या फिर आशीर्वाद देती बहनें कि भैया तुम ही मुख्यमंत्री रहोगे… वगैरह वगैरह।
तो मध्यप्रदेश का यह विधानसभा चुनाव यही गवाही देने वाला है कि बहनों का लाड़ बूथ पर भाई शिवराज पर कितना उमड़ा। बाकी आकलन अपनी जगह और लाड़ली बहनों की मतदाता के रूप में भूमिका का आकलन अपनी जगह। इस विधानसभा चुनाव में लाड़ली बहना और शिवराज भैया कसौटी पर है कि इनका प्रेम कितना खरा साबित होता है…।