Prostate Cancer:प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए कौन से टेस्ट किये जाते हैं? जानें इनके बारे में

प्रोस्टेट कैंसर लिम्फ नोड्स में फैलता है

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बार-बार पेशाब आने की समस्या, पेशाब करने में दिक्कत, यूरिन में ब्लड आना, पेशाब करते समय जलन, पेट और पीठ में दर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं,तो देर न करें

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) पुरुषों में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2020 में 10 मिलियन लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई। वहीं, इसी साल दुनिया भर में, अनुमानित 1.41 मिलियन लोग प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित भी पाए गए।

एडवांस प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण प्रसार द्वारा लक्षित स्थान के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। लेकिन पैर में फैलने वाले ट्यूमर का एक संकेत देखा जा सकता है, जो सूजन है।

कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, सूजन इसलिए होती है क्योंकि प्रोस्टेट कैंसर लिम्फ नोड्स में फैलता है। उस क्षेत्र में तरल पदार्थ के निर्माण के कारण पैरों में सूजन हो सकती है। सूजन को लिम्फोएडेमा कहा जाता है।

जिससे यह दुनिया में चौथा सबसे अधिक निदान किया जाने वाला कैंसर बन गया।प्रोस्टेट कैंसर की समस्या में आपके प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर कोशिकाएं विकसित होने लगती हैं। इसकी वजह से धीरे-धीरे कैंसर फैलने लगता है। शुरुआत में प्रोस्टेट कैंसर की पहचान कर इलाज लेने से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आखिरी स्टेज में कैंसर के पहुंचने पर मरीज की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है।प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी कैसे होती है, क्यों, कैसे करते हैं, खर्च और सावधानियां - Prostate Cancer Surgery cost, pain, recovery time, information in Hindi

प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत में लंबे समय तक आपको कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, इस समस्या में कुछ लोगों सालों बाद लक्षण दिखने शुरू होते हैं। जब शरीर में प्रोस्टेट कैंसर बढ़ने लगता है तो मरीज को पेशाब करने में परेशानी, पेट में गंभीर दर्द, कमजोरी, बुखार जैसे तमाम लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों के दिखने पर आपको लापरवाही करने के बजाय डॉक्टर की सलाह लेकर जांच करानी चाहिए। आइए जानते हैं प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट किये जाते हैं।

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प्रोस्टेट कैंसर की समस्या में आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या, पेशाब करने में दिक्कत, यूरिन में ब्लड आना, पेशाब करते समय जलन, पेट और पीठ में दर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं। इस समस्या में आपको बिना किसी देरी के डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। शुरूआती स्टेज में प्रोस्टेट कैंसर का पता लगने पर इलाज में आसानी होती है और मरीज जल्दी ठीक होता है। डॉक्टर की सलाह पर प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए ये टेस्ट किये जा सकते हैं-

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1. फिजिकल एग्जामिनेशन

सबसे पहले डॉक्टर मरीज का शरीरिक स्वास्थ्य जांचता है। इसके लिए आपका फिजिकल एग्जामिनेशन किया जाता है। इस दौरान डॉक्टर आपको लक्षणों के बारे में पूछते हैं और आपकी मेडिकल हिस्ट्री की जांच करते हैं। इसके अलावा डॉक्टर रेक्टल परीक्षण करने के लिए डिजिटल रेक्टल परीक्षण यानी डीआरई टेस्ट भी करते हैं।

2 . प्रोस्टेट बायोप्सी टेस्ट

प्रोस्टेट बायोप्सी टेस्ट के माध्यम से प्रोस्टेट कैंसर की जांच की जाती है। इस टेस्ट में प्रोस्टेट का एक छोटा सैंपल यानी नमूना लिया जाता है और इसे माइक्रोस्कोप के माध्यम से जांचा जाता है। इसके अलावा नीडल बायोप्सी, ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड (टीआरयूएस) या एमआरआइ आदि के माध्यम से भी इस नमूने की जांच की जाती है। जांच की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर आगे का इलाज शुरू करते हैं।

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3. पीएसए ब्लड टेस्ट

पीएसए ब्लड टेस्ट यानी प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन टेस्ट के माध्यम से भी प्रोस्टेट कैंसर की जांच होती है। इस जांच में आपके ब्लड का सैंपल लिया जाता है। ब्लड में पीएसए की मात्रा के अनुसार आपकी रिपोर्ट तैयार होती है। अगर आपके वीर्य या ब्लड में पीएसए की मात्रा ज्यादा रहती है तो प्रोस्टेट कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

4. इमेजिंग टेस्ट

ऊपर बताये गए टेस्ट के अलावा इमेजिंग टेस्ट के माध्यम से भी प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर आपको एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, जैसे इमेजिंग टेस्ट की सलाह देते हैं। एमआरआई टेस्ट के बाद डॉक्टर रिपोर्ट के आधार पर इलाज करते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए आमतौर पर ऊपर बताये गए टेस्ट किये जाते हैं। खराब डाइट, असंतुलित जीवनशैली, कैंसर की फैमिली हिस्ट्री आदि के कारण प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण दिखने पर आपको सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेकर जांच करानी चाहिए।