Geo Tagging of Sand Mines : रेत खदानों की जियो टैगिंग होगी, स्थिति दिखेगी तो अवैध खनन रुकेगा!

रेत खदानों का ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा, ड्रोन वाली निजी कंपनियों की भी सेवाएं ली जाएगी!

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Geo Tagging of Sand Mines : रेत खदानों की जियो टैगिंग होगी, स्थिति दिखेगी तो अवैध खनन रुकेगा!

Bhopal : प्रदेश की रेत खदानों की जियो फेसिंग का फैसला लिया गया है। खनिज साधन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे जिलों की खदानों से इसकी शुरूआत की जाएगी। जियो फेसिंग के बाद खदानों की स्थिति एक क्लिक पर आनलाइन देखी जा सकेगी। इनमें रेत खदानों के अलावा मुख्य खनिज की खदानों की भी जियो फेसिंग होगी और अवैध उत्खनन पर आनलाइन नजर रखी जा सकेगी।

इसका कंट्रोल रूम भोपाल में होगा। गतिशक्ति पोर्टल पर भी इसका पूरा मैप उपलब्ध होगा। जियो फेसिंग के बाहर खनन प्रतिबंधित होगा। अगर फेसिंग के बाहर खनन किया जाता है तो कंट्रोल रूम में अधिकारियों को तत्काल इसकी जानकारी मिलेगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक रेत खदानों का ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए शासन के ड्रोन के अलावा ड्रोन उपलब्ध कराने वाली निजी कंपनियों की भी सेवाएं ली जाएगी।

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प्रदेशभर की रेत खदानों का सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम भी बनाया जा रहा है। रेत खदानों की पर्यावरण स्वीकृति भी आनलाइन होगी। इसे भी सिंगल विंडो सिस्टम से जोड़ा जाएगा और आनलाइन ही रेत खदान की पर्यावरण स्वीकृति मिल जाएगी

अवैध उत्खनन पर रहेगी नजर

राज्य सरकार सिंगल विंडो सिस्टम भी तैयार कर रही है। इसमें ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि पोर्टल पर ही खदानों की वास्तविक स्थिति देखी जा सकेगी। साथ ही अगर नई खदान की स्वीकृति देनी है तो पोर्टल पर दर्ज मैप देखकर यह पता लगा लिया जाएगा कि आवंटित की जाने वाली खदान की भूमि पर वन क्षेत्र तो नहीं हैं। इसके अलावा जियो फेसिंग होने से अवैध उत्खनन और भंडारण को रोका जा सकेगा।