Rajasthan News: लोकसभा के चुनाव परिणाम भाजपा नेताओं के राजनीतिक भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगे?   

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Rajasthan News: लोकसभा के चुनाव परिणाम भाजपा नेताओं के राजनीतिक भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगे?   

गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट   

लोकसभा के आगामी चार जून को आने वाले चुनाव परिणाम राजस्थान में भाजपा नेताओं के राजनीतिक भविष्य की दशा और दिशा तय करेंगे। यह चुनाव परिणाम न केवल भाजपा प्रत्याशियों का भविष्य तय करेगा वरन इन परिणामों से भजनलाल सरकार के मंत्रियों का भविष्य भी लिखा जाएगा। प्रदेश में लोकसभा सीटों के लिए नियुक्त भजनलाल शर्मा मंत्रिपरिषद के प्रभारी मंत्रियों का राज्य की लोकसभा की 25 सीटों पर आने वाला चुनाव परिणाम से ही मंत्रियों का संगठन के लिहाज से रिपोर्ट कार्ड तय होगा। साथ ही प्रदेश के भाजपा पदाधिकारियों की भूमिका की समीक्षा भी होगी।

 

प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर हो चुके मतदान के बाद अब सभी को चुनाव परिणामों के इंतजार को लेकर बेचैनी है। यह बैचेनी एक माह तक आगामी चार जून तक बनी रहेगी। भाजपा का दावा है कि वह इस बार भी राजस्थान की सभी 25 सीटों पर विजय पताका लहरा कर हैट्रिक लगायेगी। वहीं कांग्रेस और सहयोगी दलों का दावा है कि वे इस बार प्रदेश में अपनी जीत का खाता खोलने में सफल होंगे।

 

सट्टा बाजार और राजनीतिक जानकारों के आंकलन के अनुसार भारतीय जनता पार्टी इस बार भी राजस्थान में सफलता पाएंगी लेकिन इस बार भी सभी 25 लोकसभा सीटों पर जीत को लेकर थोड़ी शंकाए है । इसका कारण राजनीतिक हलकों में चल रही यह चर्चा भी है कि लोकसभा के आम चुनाव की घोषणा के समय मुकाबले में खड़ी नही दिख रही कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने चुनाव के चरमोत्कर्ष तक पहुंचते पहुंचते राजस्थान के रण को बराबरी के दंगल में बदल दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रदेश की कम से कम एक दर्जन लोकसभा सीटों पर अंतिम समय में चुनाव रोचक एवं संघर्षपूर्ण हो गया। उसमें भी आधा दर्जन सीटों बाड़मेर, चूरू,झुंझुनू ,दौसा, करौली धौलपुर और बांसवाड़ा डूंगरपुर में चुनाव परिणामों पर भाजपा की उम्मीदों पर धुंध जमी हुई है। इसी प्रकार जोधपुर, कोटा,अजमेर एवं टोंक-सवाई माधोपुर , श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ और जयपुर ग्रामीण में भी कड़ी टक्कर बताई जा रही है। हालांकि इन सीटों पर भाजपा का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश की दो सीटों जालौर-सिरोही तथा नागौर के बारे में कोई भी सटीक अंदाज नहीं लगा पा रहा है। जयपुर शहर, बीकानेर,अलवर, भरतपुर, चित्तौड़गढ़,भीलवाड़ा, राजसमंद, उदयपुर, पाली,झालावाड़ आदि में भाजपा की जीत तय मानी जा रही है।

 

दरअसल प्रदेश के मंत्रियों को सभी 25 लोकसभा सीटों पर अलग-अलग नेताओं को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी। लोकसभा सीट पर प्रदेश के जिन मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई थी उसमें अजमेर लोकसभा सीट पर उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी,कोटा लोकसभा क्षेत्र में उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा,श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ लोकसभा क्षेत्र में सुमित गोदारा, बीकानेर लोकसभा सीट पर गजेंद्र सिंह खींवसर, चूरू में अविनाश गहलोत, सीकर में गौतम कुमार दक,जयपुर ग्रामीण में डा किरोड़ी लाल मीणा,जयपुर शहर में जोगाराम पटेल,अलवर में सुरेश रावत,भरतपुर में संजय शर्मा,करौली धौलपुर में मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म,दौसा में राज्यवर्धन राठौड़, टोंक-सवाईमाधोपुर में मदन दिलावर, नागौर में कन्हैयालाल चौधरी, पाली में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, जोधपुर में विजय सिंह चौधरी, बाड़मेर में जोराराम कुमावत, जालौर-सिरोही में के के बिश्नोई, उदयपुर में हेमंत मीणा,  बांसवाड़ा-डूंगरपुर में बाबूलाल खराड़ी,चित्तौड़गढ़ में झाबर सिंह खर्रा, राजसमंद में मंत्री मंजू बाघमार

भीलवाड़ा में हीरालाल नागर और झालावाड़-बारां सीट पर ओटाराम देवासी शामिल है । ऐसे में चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान मंत्रियों ने अपने प्रभार वाली लोकसभा सीट पर जमकर मेहनत की एवं पसीना भी बहाया हैं। जिन्होंने ऐसा नहीं किया और केवल शक्ल दिखाने के लिए काम किया उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट जांची जायेगी। हालांकि मंत्री इस बात को बखूबी समझते हैं कि लोकसभा चुनाव का परिणाम  का प्रभाव आगामी दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल के फेरबदल में देखा जा सकता है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर मंत्रियों के प्रमोशन और डिमोशन तय होंगे। कई मंत्रियों की अपने प्रभार वाली सीटों के अलावा दूसरी सीटों पर भी सांख दाव पर लगी हुई है। प्रदेश के कद्दावर मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की प्रभार वाली जयपुर ग्रामीण सीट के साथ-साथ दौसा और टोंक सवाई माधोपुर के कारण भी सांख दाव पर है। इसी तरह मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर को बीकानेर के साथ नागौर और जोधपुर का भी प्रभार दिया गया था। उप मुख्यमत्री दीया कुमारी ने अजमेर के साथ अपने पुराने संसदीय क्षेत्र राजसमंद का भी प्रभार भी देखा। वे प्रदेश की अन्य सीटों पर भी बतौर स्टार प्रचारक पहुंची। भजनलाल शर्मा मंत्री परिषद में जगह नहीं बना सके बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और तिजारा अलवर से विधायक बाबा बालक नाथ को झुंझुनू सीट पर दी गई चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी भी बड़ी चुनौती भरी रही। पार्टी संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों को भी अलग अलग लोकसभा सीटों का जिम्मा दिया गया था। इनमें प्रमुख थे पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी , पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, विधायक जितेंद्र गोठवाल, पूर्व सांसद संतोष अहलावत आदि प्रदेश पदाधिकारियों में ज्योति मिर्धा का भाग्य नागौर, और दामोदर अग्रवाल की किस्मत भीलवाड़ा में भाजपा उम्मीदवार के रूप में भी जुड़ी हुई है।

 

राजस्थान की विभिन्न लोकसभा सीटों पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, (कोटा),चार केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (जोधपुर), भूपेंद्र यादव (अलवर),अर्जुन राम मेघवाल (बीकानेर) और कैलाश चौधरी (बाड़मेर) के साथ ही दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत (जालौर सिरोही) एवं वसुंधरा राजे के पुत्र चार बार के निवर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह (झालावाड़ बारां) चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे है। इसके अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी भीलवाड़ा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार है।

देखना है इन सभी दिग्गजों को 18 वीं लोकसभा में बैठने के लिए इस बार नई दिल्ली की टिकट मिलेगी अथवा नहीं?

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