From Miss to Mr : महिला IRS अधिकारी को लैंगिक बदलाव और नाम बदलने की अनुमति!
Hyabaderd : केंद्रीय उत्पाद शुल्क सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएस-टीएटी), हैदराबाद की क्षेत्रीय पीठ में संयुक्त आयुक्त के रूप में तैनात एक महिला आईआरएस अधिकारी को मंगलवार से आधिकारिक तौर पर पुरुष सिविल सेवक माना जाएगा। अब वे मिस नहीं, बल्कि मिस्टर कहलाएंगे!
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को एक आदेश में कहा कि 2013 बैच की आईआरएस अधिकारी सुश्री एम अनसूया जो वर्तमान में मुख्य आयुक्त (एआर) सीईएस-टीएटी, हैदराबाद के कार्यालय में संयुक्त आयुक्त के रूप में तैनात हैं, ने अपना नाम बदलने का अनुरोध किया है। एम अनुसूया से श्री एम अनुकाथिर सूर्या और लिंग महिला से पुरुष हो गया।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क और राजस्व बोर्ड के आदेश में कहा गया कि एम अनुसूया के अनुरोध पर विचार किया गया है। अब इस अधिकारी को सभी आधिकारिक रिकॉर्ड में एम अनुकथिर सूर्या के रूप में पहचाना जाएगा।
सूर्या ने दिसंबर 2013 में चेन्नई में सहायक आयुक्त के रूप में अपना करियर शुरू किया था। 2018 में उन्हें उप आयुक्त के रूप में पदोन्नत किया गया। वे पिछले साल वह हैदराबाद में तैनात की गईं। सूर्या ने 2010 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स व संचार में स्नातक की डिग्री हासिल की। 2023 में भोपाल में नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी से ‘साइबर लॉ एंड साइबर फोरेंसिक’ में पीजी डिप्लोमा किया।
पहले भी इस तरह के कारनामे हुए
हैदराबाद ने इन मामलों में पहले भी मिसाल कायम कर चुका है। जून 2015 में नेशनल अकादमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के बीए एलएलबी छात्र ने अनुरोध किया था कि स्नातक सर्टिफिकेट में लिंग की पहचान नहीं होनी चाहिए। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने नाम के साथ ‘Ms’ की जगह ‘Mx’ लिखने का छात्र का अनुरोध स्वीकार किया। इस आदेश के बाद छात्र ने कहा कि यह एक पहला सकारात्मक कदम है।
वहीं 2022 में विश्वविद्यालय ने समलैंगिक छात्रों को समायोजित करने के लिए एक छात्रावास तल नामित किया। इसके बाद पिछले साल हैदराबाद अस्पताल में एमडी इमरजेंसी मेडिसिन प्रोग्राम में स्थान प्राप्त करने के बाद डॉ रूथ पॉल जॉन देश में स्नातकोत्तर के बाद पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर बन गई।
इसके बाद पिछले साल जुलाई में तेलंगाना सरकार ने उस्मानिया जनरल अस्पताल में पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक स्थापित किया और वहां तैनात डॉक्टरों को संवेदीकरण प्रशिक्षण दिया गया।