World Record Will be Made for Plantation : 14 जुलाई को इंदौर में 11 लाख वृक्षारोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा, 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल होंगे!
Indore : वृक्षारोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए इंदौर पूरी तरह तैयार है। इसके लिए जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। वृक्षारोपण महोत्सव के शुरू होने का शहर बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इस संबंध में गुरुवार को नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह विश्व में जनभागीदारी का सबसे बड़ा और भारत का सबसे बड़ा वृक्षारोपण आयोजन है
रेवती रेंज पर 24 घंटे में 11 लाख पेड़ लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इससे पहले यह रिकॉर्ड असम के नाम था, जहां पर 9.25 लाख पेड़ लगाए गए थे। वृक्षारोपण के इस महाअभियान में 100 संगठनों के 50 हजार से ज्यादा लोग हिस्सा लेंगे। प्रत्येक समाज के आराध्य देव और प्रत्येक संस्था के आदर्श के नाम पर वनों का नाम किया जाएगा। इस अवसर पर डॉक्टरों की टीम, समन्वयक, पार्षदगण, युवामोर्चा, बीएसएफ, सेना प्रशिक्षण स्कूलों के स्वयंसेवकों की टीम, एनएसएस और एनसीसी के कैडेट्स, कॉलेज छात्र धार्मिक, सांस्कृतिक और गैर सरकारी संगठन के लोग तैनात रहेगें जो व्यवस्था संभालने के साथ व्यवस्थित तरीके से पौधारोपण में मदद करेगें।
वृक्षारोपण के लिए 10 हजार से अधिक कटर, पानी के डिब्बे, फावड़े, सहायक उपकरण, टीशर्टस, कैप्स आदि नागरिकों को वितरित किए जाएंगे। इसके साथ प्रत्येक दो घंटे में 5 से 10 हजार लोगों की टीम रिप्लेस होगी। रेवती रेंज के अंदर 10 हजार पौधारोपण क्षमता वाले 100 से अधिक व्यक्तिगत ब्लाक में समन्वय के लिए 1 हजार लोगों की टीम बनाई गई है।
50 हजार लोगों के लिए भोजन और पेयजल
रेवती रेंज में पिछले तीन सप्ताह से पौधों की आवक हो रही है। यहां अस्थाई नर्सरी स्थापित की गई और इसके अलावा शहर के उद्यान स्थानों में भी नर्सरी स्थापित की गई है। इन पौधों के रखरखाव के लिए एक टीम भी बनाई गई। रेवती रेंज पर 50 हजार लोगों के लिए भोजन और पेयजल की व्यवस्था भी की जा रही है। इस स्थान पर लगातार 48 घंटे भोजन तैयार किया जाएगा। वृक्षारोपण अभियान में लगे लोगों के उत्साहवर्धन के लिए गीत-संगीत की भी व्यवस्था की गई है, जहां देशभक्ति के गीतों से माहौल गुंजायमान रहेगा। इससे लोग जोश-खरोश के साथ वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाएंगे।
वर्ल्ड रिकॉर्ड की तैयारी एक दिन पहले 13 जुलाई की शाम 6 बजे शुरू हो जाएगी, जिसमें गड्ढे खोदना शुरू कर दिए जाएंगे। यह काम 14 जुलाई की सुबह 6 बजे तक चलेगा। उसके बाद गिनीज बुक के मापदंडों के मुताबिक 14 जुलाई को सुबह 6 बजे से वृक्षारोपण प्रारंभ किया जाएगा। गुरुवार को वृक्षारोपण करने वाली सभी संस्थाओं को उनसे संबंधित झोन का निरीक्षण करवाया गया। वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने रेवती रेंज का निरीक्षण कर लिया है और उसने व्यवस्थाओं को तयशुदा मापदंडों के अनुकूल पाया है।
1 लाख 21 हजार बड़े और साढ़े 4 लाख छोटे पेड़ लगेंगे
रेवती रेंज क्षेत्र को वृक्षारोपण के लिए 9 जोन में विभाजित किया गया है। 9 जोन जो 100 सबजोन में बंटा हुआ है। इसमें 1 लाख 21 हजार बड़े पेड़ और 4 लाख 50 हजार छोटे पेड़ लगाए जाएंगे। छोटे पेड़ 5 से 6 फीट के रहेंगे, जिनका सर्वाइकल रेट 90% से ज्यादा है। वृक्षारोपण के बाद उसके रखरखाव की योजना भी तैयार की गई है। पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहे, इसके लिए रेवती रेंज में तीन प्राकृतिक जल संरचनाएं तैयार की गई। इससे इन पौधों को लगातार जल आपूर्ति होती रहेगी।
पौधों को पानी की आपूर्ति ड्रिप सिचाई, बोरिंग और ओवरहेड टैंक के जरिए की जाएगी। इस अभियान में नगर निगम के उद्यान विभाग के 500 से ज्यादा कर्मचारी रेवती रेंज में मोर्चा संभाले हैं। सभी 100 सबजोन में नगर निगम की पानी की टीम, स्वच्छता की टीम, उद्यान विभाग की टीम जनभागीदारी के साथ समाज के साथ वृक्षारोपण में मदद का काम करेंगे। बड़ी संख्या में वाहन आएंगे इसके लिए पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था की गई है।