यहां सबके भावों में बस प्रभात थे…

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यहां सबके भावों में बस प्रभात थे…

तारीख 6 अगस्त 2024, दिन मंगलवार, स्थान मध्यप्रदेश भाजपा कार्यालय। मंच पर स्वर्गीय प्रभात झा का चित्र और मंच खाली था। मंच के नीचे मध्यप्रदेश की राजनीति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सभी बड़ी हस्तियां मौजूद थीं। सभी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने यहां मौजूद थे। सभी ने प्रभात जी के संग अपने अनुभव साझा किए और भावों से भर गए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी ने कहा कि स्व. प्रभात झा जी अल्प समय में चले गए। अल्प समय में निधन पर तकलीफ थोड़ी ज्यादा होती है। कोई व्यक्ति मूलतः अच्छा हो, समय आने पर उसे सभी पार्टी और समाज के लोग अच्छा ही कहते हैं, इसी प्रकार के व्यक्तित्व थे प्रभात झा। प्रभात झा को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनकी तरह सच्चे कार्यकर्ताओं का निर्माण और संगठन तैयार किए जाएं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा तो श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रो ही पड़े, तो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी सतीश उपाध्याय भी भावुक होकर प्रभात जी की यादों से सराबोर हो गए।

भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने कहा कि एक श्रेष्ठ विचारक, कुशल संगठन हमारे बीच नहीं रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व. प्रभात झा जी कुशल संगठक थे, घर जाकर मंडल के कार्यकर्ताओं से मिलते थे, यह संगठन निर्माण की अद्भुत कौशल शक्ति थी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि एक कुशल संगठक कैसा होना चाहिए, प्रभात झा जी से सीखा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्व. प्रभात झा जी ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जिया है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि स्व. प्रभात झा जी ने लोकसभा चुनाव में मुझे अभिभावक की तरह मध्यप्रदेश के संबंध में बताया था। भाजपा प्रदेश सह प्रभारी सतीश उपाध्याय ने कहा कि कार्यकर्ताओं को कैसे कार्य करना चाहिए, स्व. प्रभात झा जी के जीवन से सीखना चाहिए। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कभी कल्पना नहीं कि थी प्रभात झा जी इतनी जल्दी हम सबको छोडकर चले जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा स्व. प्रभात जी के जो दिल में होता था, वही उनके स्वर में होता था।

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सुरेश सोनी ने बताया कि प्रभात झा ने स्व. कुशाभाऊ ठाकरे की तरह आदर्श कार्यकर्ता निर्माण करने, संगठन को गढ़ने के साथ आदर्श और समग्र जीवन जीया है। बिना दायित्व के भी वे अपने संगठन, पार्टी के लिए हमेशा सक्रिय रूप से कार्य करते रहे। एक अच्छा कार्यकर्ता कैसा होना चाहिए, स्व. प्रभात झा के जीवन से सीखना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि जब वह पहली बार प्रदेश अध्यक्ष बनकर आए तो उन्होंने एक नया क्रम चालू किया कि प्रत्येक मंडल अध्यक्ष के घर पर जाकर मिलकर आना है। तब मुझे शुरू में अटपटा लगा, लेकिन बाद में ध्यान में आया कि यह उनका कार्यकर्ताओं के साथ खड़े होने का अनुपम संस्कार है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि प्रभात जी जब बीमार हुए उससे 5 दिन पहले मुझे उनका फोन आया कि तुम कहां हो, मिलना है। मैंने कहा कि प्रदेश कार्यालय में हूं, मैं यहां से निकलकर आपके निवास आकर मुलाकात करता हूं। लेकिन उन्होंने कहा कि मैं मिलने आऊंगा। वे मेरे निवास आए और आधे घंटे तक हुई बैठक में विभिन्न विषयों पर बात हुई। स्व. प्रभात झा जी ऐसे संगठक थे कि एक व्यक्ति को कैसे तैयार किया जाता है, यह मैंने उनको कार्यकर्ताओं को तैयार करते हुए देखा है। वे छोटी सी लूना से चलते थे। अपनी मेहनत व श्रम से यहां तक पहुंचना कोई सामान्य बात नहीं है। पूरे देश के साथ दुनियाभर में आज उनके तैयार किए हुए कार्यकर्ता, समर्थक उन्हें याद कर रहे हैं। पार्टी में मंडल स्तर तक वे प्रवास करते थे। प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए इतना निचले स्तर तक प्रवास करना कार्यकर्ता निर्माण और संगठन को मजबूत बनाने का उनका ही कौशल था। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपने लिए तो सब जीते हैं। कीट पतंगे भी जीते हैं, पशु पक्षी भी जीते हैं, अपने लिए जिए तो क्या जिए। स्वर्गीय प्रभात जी ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जिया। हर काम कैसे सफल हो यह तड़प उनके अंदर थी। वह सचमुच के एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे। वे एक मौलिक चिंतक, राष्ट्रवादी विचारक थे। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हर भूमिका का बहुत ही शिद्दत के साथ उन्होंने निर्वहन किया। पार्टी के लिए जो योगदान हो सकता है उसे हमेशा पूरी श्रद्धा के साथ निभाया। एक कार्यकर्ता के रूप में उनका जीवन बहुत सारे लोगों को याद है। कार्यकर्ता के रूप में भी उन्होंने राज्य, देश और पार्टी का मार्गदर्शन किया। मैं ग्वालियर का कार्यकर्ता हूं, इसलिए बचपन से हम लोग एक-दूसरे के साथ रहे, बहुत सारे खट्टे-मीठे अनुभव रहे, लेकिन प्रभात जी आज हमारे मध्य नहीं है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जहां एक परिवार का संबंध न हो, लेकिन जीवन के इस यात्रा में कई ऐसे घनिष्ठ संबंध हो जाते हैं जो कभी-कभी पारिवारिक संबंध से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं। यह क्षमता और अद्भुत प्रतिभा स्व. प्रभात झा जी में थी। स्व. प्रभात झा जी की जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है। मेरा उनसे एक पीढ़ी, दो पीढ़ी नहीं आजी अम्मा जी एवं पूज्य पिताजी के समय से संबंध है। उनका असमय चले जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है।

बात पार्टीजनों की ही नहीं, बल्कि चिंतक, विचारक रघु ठाकुर और कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश नायक ने भी मुक्त कंठ से प्रभात जी के गुणों को याद किया। 6 अगस्त 2024 को प्रभात जी का शायद औपचारिक तौर पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में आखिरी दिन था। पर कार्यकर्ताओं के भावों में प्रभात जी हमेशा जिंदा रहेंगे, इस बात को कोई नकार नहीं सकता। बिहार में जन्मे प्रभात जी ने मध्यप्रदेश को अपनी कर्मभूमि बनाकर यह साबित किया कि हीरा जहां रहे, वहीं अपनी चमक बिखेरता है। इसीलिए 67 वर्ष की मध्यम आयु में संसार से विदा होकर प्रभात जी के कर्मों की यह ताकत अब मध्यप्रदेश में अपनी चमक बिखेरती रहेगी.

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