Cloud Burst in Himachal : हिमाचल में बादल फटने से 45 बहे, 13 की मौत, बचाव कार्य जारी!

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Cloud Burst in Himachal

Cloud Burst in Himachal : हिमाचल में बादल फटने से 45 बहे, 13 की मौत, बचाव कार्य जारी!

मौसम विभाग ने पांच से छह दिनों में फिर भारी बारिश की चेतावनी दी!

Shimla : भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर स्थिति बिगड़ गई। श्रीखंड क्षेत्र के समेज और बागी पुल के पास 7 जुलाई की रात बादल फटने से भारी तबाही हुई। अब तक 45 लोग पानी में बह गए। 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इस आपदा से प्रभावित इलाके में बचाव और राहत कार्यों का अभियान जारी है।

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राष्ट्रीय आपदा संकट बल (NDRF) की 14वीं बटालियन के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने बताया कि रेस्क्यू अभियान में कोई देरी न हो, इसके लिए NDRF की टीमों को पहले ही पूरी तरह से तैयार होकर भेजा गया था। उन्होंने कहा हमने अब तक 13 शव बरामद कर लिए हैं। चार शव पहले बरामद हुए थे। दस और लोग लापता थे। अब तक 9 शव मिल चुके हैं, एक शख्स अभी भी लापता है। हम सुनिश्चित करेंगे कि बचाव अभियान पूरी तन्मयता से चलाया जाए।

पहले भी बादल फटने से तबाही हुई

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों कुल्लू, मंडी और शिमला में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को अचानक आई बाढ़ और बादल फटने से भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर, और शिमला के रामपुर उपमंडल में 35 से अधिक लोग अब भी लापता हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और बचाव एजेंसियां लगातार राहत कार्य में जुटी हैं। लोग को सुरक्षित स्थानों पर भेजने और आवश्यक सहायता पहुंचाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। लोग भी अपनी सुरक्षा के लिए सतर्कता बरत रहे हैं और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

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स्थिति और प्रभावित इलाके

7 अगस्त को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्यभर में भारी बारिश की चेतावनी दी थी। मंडी जिले के जोगिंदर नगर में 24 घंटों में 110 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। NDRF के सहायक कमांडिंग अधिकारी करम सिंह ने बुधवार को बताया कि बारिश हो रही है, लेकिन संयुक्त खोज और बचाव अभियान जारी है। सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है और कई स्थानों पर भूस्खलन भी हो रहा है।

भविष्य की चेतावनी

मौसम विभाग ने कहा है कि अगले पांच से छह दिनों में मानसून की गतिविधियों के और भी तेज होने की संभावना है। बड़े पैमाने पर बारिश और भूस्खलन की आशंका जताई गई है।