Hearing After Rakhi : राखी के बाद अरविंद केजरीवाल मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
New Delhi : दिल्ली शराब घोटाला केस से जुड़े सीबीआई मामले में अरविंद केजरीवाल की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 20 अगस्त को सुनवाई करेगा। एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को ही जमानत पर सुनवाई की मांग की थी। अब अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को तैयार हो गया।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अपनी याचिका में जमानत की मांग की है और सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी सोमवार को पेश हुए थे। सीजेआई चंद्रचूड़ से इस मामले पर विचार करने की मांग की थी, इसके बाद सीजेआई ने सिंघवी को मेल करने को कहा था।
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को अपनी याचिका में चुनौती दी। सोमवार को अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष इसका उल्लेख किया था।
सिंघवी ने दी थी दलील
अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी थी कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले के अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं पहले से ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि कृपया इसे ईमेल करें, मैं इस पर विचार करूंगा। अरविंद केजरीवाल को ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। केवल सीबीआई मामले में ही जमानत अटकी है।
क्या था दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को उचित करार देते हुए 5 अगस्त को इसे बरकरार रखा था। अदालत ने कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित नहीं है। उसने साबित किया है कि ‘आप’ सुप्रीमो कैसे उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, जो उनकी गिरफ्तारी के बाद ही गवाही देने की हिम्मत जुटा सके।
क्या निर्देश दिया था हाईकोर्ट ने
हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए उन्हें नियमित जमानत के लिए पहले निचली अदालत का रुख करने को कहा था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि सीबीआई द्वारा केजरीवाल के खिलाफ प्रासंगिक साक्ष्य जुटाने और उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके खिलाफ साक्ष्यों का चक्र बंद हो गया और यह नहीं कहा जा सकता कि गिरफ्तारी बिना किसी उचित कारण के या अवैध थी।
साधारण नागरिक नहीं केजरीवाल
अदालत ने कहा था कि केजरीवाल कोई साधारण नागरिक नहीं हैं, बल्कि मैगसायसाय पुरस्कार विजेता और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक हैं। उसने कहा था कि गवाहों पर केजरीवाल का नियंत्रण और प्रभाव प्रथम दृष्टया इस तथ्य से पता चलता है कि ये गवाह याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद ही गवाह बनने की हिम्मत जुटा सके, जैसा कि विशेष अभियोजक ने रेखांकित किया है।