J&K Election : नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस मिलकर जम्मू और कश्मीर में 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, गठबंधन की घोषणा!

सबसे बड़ी चुनौती सीटों के बंटवारे को लेकर, जिस पर बात चल रही!

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J&K Election : नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस मिलकर जम्मू और कश्मीर में 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, गठबंधन की घोषणा!

Srinagar : विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए सियासी हलचल नजर आने लगी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कांग्रेस के साथ 90 सीटों पर गठबंधन का एलान किया। उन्होंने कहा कि नेकां और कांग्रेस गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया। जल्द ही उम्मीदवारों की चरणवार सूची प्रकाशित की जाएगी। गठबंधन के बाद सबसे बड़ी चुनौती सीटों के बंटवारे को लेकर है, जिस पर बात चल रही है। अगर बात नहीं बनी तो अगले फॉर्मूले पर भी काम चल रहा है।

कांग्रेस ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर इस गठबंधन की घोषणा की। जिसमें कहा कि आज पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने श्रीनगर में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि हमारी बैठक हुई। हमारी योजनाएं सही रास्ते पर हैं और हमें उम्मीद है कि गठबंधन अच्छा चलेगा। सीट बंटवारे पर हमारे बीच विचार चल रहा है। जल्द इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

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दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत आसान नहीं है। घाटी की कुछ सीटों पर अंतिम समझौता अटका है। घाटी में नेशनल कॉन्फ्रेंस की स्थिति मजबूत है। जबकि, कांग्रेस जम्मू क्षेत्र में अपने लिए दावा कर सकती है। लेकिन, दोनों दलों की नजर बीच में पीर पंजाल क्षेत्र पर है।

जिन सीटों पर फंस रहा पेंच

कांग्रेस गठबंधन के तहत 50-50 का फॉर्मूला चाहती है। कांग्रेस 90 सीटों में 40 से 45 सीटों पर अपना दावा ठोंक रही है। जबकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस 20 से 25 सीट से ज्यादा सीट कांग्रेस को देने को तैयार नहीं। कांग्रेस नेताओं ने घाटी में उन सीटों की मांग की है, जहां से वे पहले चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता इसके लिए राजी नहीं हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता यह कहते हुए पीछे हट रहे हैं कि पार्टी इन निर्वाचन क्षेत्रों में अपने जमीनी काम की वजह से काफी आगे निकल गई। यही नहीं एनसी उन सीटों को छोड़ने का भी विरोध कर रही है, जहां उसे लगता है कि कांग्रेस की जीत की उम्मीदें ज्यादा नहीं दिख रही हैं।