Imprisonment To Bank Manager : 10 हजार की रिश्वत लेने वाले बैंक मैनेजर को 4 वर्ष का सश्रम कारावास!

आरोपी को लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था, 2 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया!

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Imprisonment To Bank Manager : 10 हजार की रिश्वत लेने वाले बैंक मैनेजर को 4 वर्ष का सश्रम कारावास!

Ratlam : रतलाम में 10 हजार की रिश्वत लेने वाले बैंक मैनेजर को 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपी को लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। उस पर 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

प्राप्त जानकारी अनुसार के.सी.सी. लोन स्वीकृत करने के बदले में 10 हजार रूपए की रिश्वत लेने वाले सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक आलोट जिला रतलाम को न्यायालय आदित्य रावत विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988) ने 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

 

मामले में जिला अभियोजन अधिकारी गोविन्द प्रसाद घाटिया एवं अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय कुमार पारस ने बताया कि 9.मार्च.2022 को आवेदक बालूसिंह (52) पिता रामचन्द्र रेवाडिया निवासी ग्राम भीम तहसील आलोट जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थित होकर एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था कि मेरे व मेरी पत्नी शारदाबाई के नाम से मेरे गांव में कुल 8 बीघा जमीन हैं। उक्त जमीन पर मैनें सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा आलोट से के.सी.सी. लोन 2 लाख 72 हजार रूपए स्वीकृत कराया था। उक्त स्वीकृत लोन के रूपए निकालने जब मैं बैंक में गया था, तब बैंक मैनेजर मांगीलाल चौहान ने मुझे बुलाकर कहा कि मैनें तुम्हारा के.सी.सी. लोन स्वीकृत कर दिया हैं। उक्त के.सी.सी लोन को स्वीकृत करने के एवज में मुझे 15 हजार रूपए दीजिए।

इसके बाद 7.मार्च.2022 को बैंक मैनेजर द्वारा स्वयं के मोबाईल से मुझे फोन लगाकर कहा गया कि के.सी.सी. लोन स्वीकृत किया हैं और फिर उन्होंने 15 हजार रूपए रिश्वत की मांग की। इस पर कार्यवाहक निरीक्षक बलवीरसिंह यादव, विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर दिया था तथा आरोपी मांगीलाल चौहान और आवेदक बालूसिंह रेवाडिया के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई थी।

आवेदक द्वारा आरोपी मांगीलाल चौहान से रिश्वत की राशि कम करने का निवेदन भी किया गया तो वह 10 हजार रूपए की रिश्वत की राशि लेने के लिए राजी हो गया था।तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर विधिवत ट्रैप कार्यवाही 11.मार्च.2022 को सेन्ट्रल बैंक आफ इण्डिया आलोट जिला रतलाम में तत्कालीन शाखा प्रबंधक, मांगीलाल चौहान को आवेदक बालूसिंह रेवाडिया से 10 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुऐ लोकायुक्त के कार्यवाहक निरीक्षक बलवीरसिंह यादव के द्वारा ट्रेप किया गया।

 

आवेदक बालूसिंह रेवाडिया ने कार्यवाहक निरीक्षक बलवीरसिंह यादव को बताया कि वह सेन्ट्रल बैंक इण्डिया के शाखा प्रबंधक के कक्ष में आरोपी मांगीलाल चौहान के मांगने पर उसने रिश्वत के 10 हजार रुपए उसके हाथ में दिए हैं। जो उसने अपने सामने की टेबल पर रखे मोबाईल के नीचे रख लिए हैं।

विज्ञप्त पंच संजीव कुमार पचोरी ने आरोपी मांगीलाल चौहान से रिश्वत की राशि के बारे में पूछा तो उसने बताया कि बालूसिंह रेवाडिया से 10 हजार रूपए लेकर अपनी टेबल पर मोबाईल के नीचे रख लिए हैं जिस पर विज्ञप्त पंच संजीव कुमार पचोरी ने आरोपी के सामने की टेबल पर मोबाईल के नीचे से रूपए उठाए और उन्हें गिने तो 500-500 रूपए के 20 नोट कुल 10 हजार रूपए थे। इन करेंसी नोटों के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक बालु सिंह रेवाडिया की जेब में रखवाए गए थे। मौके पर आरोपी मांगीलाल चौहान के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।

आरोपी ने रिश्वत के नोट लेकर अपनी टेबल पर मोबाईल के नीचे रख लिए थे। वैज्ञानिक प्रयोगशाला द्वारा रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल और टेबल के उस स्थान को जहां रिश्वत की राशि रखी गई थी के पोछन के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।

विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र 17.जनवरी.2023 को विशेष न्यायालय रतलाम में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा आरोपी मांगीलाल चौहान को दोषसिद्ध किया गया। शासन की और से प्रकरण में पैरवी श्री कृष्णकांत चौहान, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा की गई।