Master Plan of Bhopal & Indore : भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान अगले महीने जारी होने के आसार!

टीएंडसीपी ने मुख्य सचिव को दिए अपने प्रेजेंटेशन में इस डेडलाइन का जिक्र किया!

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Master Plan of Bhopal & Indore : भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान अगले महीने जारी होने के आसार!

Bhopal : टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) के अफसरों के मुताबिक भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान दिसंबर में जारी हो सकते हैं। उन्होंने इस डेडलाइन का जिक्र शुक्रवार को मुख्य सचिव अनुराग जैन को दिए प्रेजेंटेशन में किया। टीएंडसीपी ने पहली बार अपने प्रेजेंटेशन में इस डेडलाइन का जिक्र किया है। दावा किया गया है कि दिसंबर 2024 तक वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर भोपाल के मास्टर प्लान का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा।

ऐसे ही इंदौर के मास्टर प्लान के प्रारूप प्रकाशन की प्रस्तावित तारीख 7 दिसंबर बताई गई है। मुख्य सचिव ने इस बैठक में प्रदेश की विकास योजनाओं की प्रगति, उनमें आने वाली परेशानियों, नई स्कीम, लैंड पुलिंग स्कीम और प्रदेश के शहरों के मास्टर प्लान को लेकर बुलाई थी। इसमें नगरीय विकास एवं आवास विभाग, टीएंडसीपी, विकास प्राधिकरणों समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

प्रदेश सरकार 2047 तक की संभावित आबादी, ट्रैफिक और इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत के आधार पर शहरों के मास्टर प्लान बनवा रही है। भोपाल में 19 साल पुराने मास्टर प्लान के अनुसार ही विकास की बातें की जा रही हैं। जबकि, इंदौर के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट का 7वां और 8वां अध्याय लिखा जाना बाकी है। इसके बाद 7 दिसंबर 2024 तक ड्राफ्ट का प्रकाशन किया जा सकता है।

अमृत-2.0 के तहत प्रदेश के 38 शहरों के जीआईएस बेस्ड प्लान बनाए जाने हैं। इनमें से राज्य सरकार ने अभी केवल अशोक नगर और सीधी के मास्टर प्लान जारी किए हैं। 9 शहरों के मास्टर प्लान के ड्राफ्ट प्रकाशित हुए हैं। श्योपुर, शाजापुर, पन्ना, नरसिंहपुर, बड़वानी, शहडोल और बालाघाट शहरों की विकास योजनाएं आज भी शासन के पास लंबित हैं।

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इंदौर और भोपाल के मास्टर प्लान की स्थिति

12 मार्च 2021 को बढ़े निवेश क्षेत्र की अधिसूचना जारी हुई। इसके बाद स्टेक होल्डर्स कंसल्टेशन, जनसंख्या आकलन, प्रस्तावित रोड इंफ्रा और लैंड यूज प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं। जबकि, भोपाल के मास्टर प्लान की हालत अभी संतोषजनक नहीं है। 29 फरवरी 2024 को भोपाल मास्टर प्लान ड्राफ्ट-2031 को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया गया था। इसे 2047 के हिसाब से बनाने और जनप्रतिनिधियों की भी राय लेने की सलाह दी गई। भोपाल में प्रस्तावित रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और उसके आसपास के लैंड यूज में बदलाव के प्रस्ताव अंतिम चरण में हैं। इसके बाद ही मास्टर प्लान का ड्राफ्ट लेखन की प्रक्रिया पूरी होगी।

मास्टरप्लान की बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेश में जारी कंपाउंडिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपके अफसर भवन बनने के दौरान ही गलत तरीके से कंपाउंडिंग कर रहे हैं। इसे ठीक करवाइए। यदि आपके पास ऐसे उदाहरण न हों तो मुझे बताइए, मैं दे दूंगा।