Adani Group in Trouble : अडानी ग्रुप को नया झटका, केन्या में 6,215 करोड़ की डील कैंसिल, अमेरिका में केस दर्ज!
अमेरिकी प्रोसीक्यूटर की ओर से लगाए गए आरोपों का अडानी ग्रुप ने खंडन किया!
New Delhi : उद्योगपति गौतम अडानी की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही। अब केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने उनकी कंपनी के साथ होने वाली एक बड़ी डील को कैंसिल कर दिया। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आरोपों से लगभग 2 साल जूझने और उबरने के बाद अब उनकी कंपनी के खिलाफ अमेरिका में ही केस दर्ज हुआ। इसके बाद उन पर बड़ी गाज गिरी है और केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने अडानी ग्रुप के साथ होने वाली एक बड़ी डील कैंसिल कर दी है।
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केन्या के मुख्य हवाईअड्डे के ऑपरेशन को अपने हाथ में लेने के लिए अडानी ग्रुप ने एक प्रपोजल वहां की सरकार को दिया था। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने 21 नवंबर को इसे कैंसिल कर दिया। इसके अलावा उन्होंने एक बड़ी एनर्जी डील को कैंसिल करने के भी निर्देश भी दिए।
6,215 करोड़ की है एनर्जी डील
केन्या के ऊर्जा मंत्रालय के साथ भी अडानी ग्रुप एक बड़ी डील करने जा रहा था, जिसके अब रद्द होने की संभावना बढ़ गई है। अडानी ग्रुप केन्या में 73.6 करोड़ डॉलर (करीब 6,215 करोड़ रुपए) की एक डील में पॉवर ट्रांसमिशन लाइंस का निर्माण करने वाला था, जिसे अब कैंसिल करने के निर्देश दिए गए हैं।
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कहा कि मैंने ट्रांसपोर्ट मंत्रालय और ऊर्जा एवं पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत काम करने वाली एजेंसियों को निर्देश दिया है वह किसी भी तरह की खरीद को तत्काल कैंसिल कर दें। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा है कि सहयोगी देश और जांच एजेंसियों की ओर से सामने आई नई जानकारियों को देखते हुए सरकार ने ये फैसला किया है।
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अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एनर्जी सॉल्युशंस ने इसी साल अक्टूबर में केन्या इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन कंपनी के साथ एक पब्लिक-प्राइवेट डील साइन की थी। ये डील 30 साल के लिए साइन की गई थी। केन्या की एक अदालत ने अक्टूबर में ही इस डील को सस्पेंड कर दिया और जांच करने की बात कही थी।
भतीजे पर रिश्वत देने का आरोप
अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के साथ-साथ उनके ग्रुप के अन्य अधिकारियों पर सौर ऊर्जा से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट के लिए रिश्वत देने के आरोप लगाए हैं। ये रिश्वत भारत सरकार के अधिकारियों को दी गई और इसक मूल्य 250 मिलियन डॉलर (करीब 2110 करोड़ रुपए) के आसपास बैठता है।
अमेरिका की एक अदालत में इन आरोपों को लेकर एक केस दर्ज किया गया है। अडानी ग्रुप की ओर से यह रिश्वत 2020 से 2024 के बीच बड़े सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए देने के आरोप है। इस डील की वजह से अडानी ग्रुप को 2 बिलियन डॉलर से अधिक का लाभ होने की संभावना थी।
आरोपों पर अडानी ग्रुप ने सफाई दी
अमेरिकी प्रोसीक्यूटर की ओर से लगाए गए आरोपों का अडानी ग्रुप ने खंडन किया है। ग्रुप की ओर से हवाला दिया गया है कि अमेरिका के न्याय विभाग ने स्वयं कहा है कि केस में लगाए गए आरोप अभी सिर्फ आरोप हैं। जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक उन्हें निर्दोष ही माना जाएगा। अडानी ग्रुप ने इस मामले को लेकर सभी कानूनी विकल्प अपनाने की बात कही है।