Illegal Recovery in Mahakal Temple : श्रद्धालुओं से महाकाल मंदिर में अवैध वसूली मामले में कार्रवाई, सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी!
Ujjain : महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ के खिलाफ अवैध वसूली के मामले में सरकार को रिपोर्ट भेज दी है। उन्हें लापरवाही के लिए दोषी माना गया है। मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ अवैध वसूली करने के मामले में दो कर्मचारी राकेश श्रीवास्तव और विनोद चोकसे को महाकाल थाना पुलिस ने धोखाधड़ी, अमानत में खयानत सहित कई धाराओं में गिरफ्तार किया।
आरोपियों का पुलिस रिमांड चल रहा है। इस पुलिस रिमांड के दौरान खुद पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार शर्मा और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह पूछताछ कर रहे हैं। दोनों अधिकारियों ने महाकाल थाने में पूछताछ के बाद बताया कि ऐसे कई सुराग हाथ लगे, जिसके आधार पर श्रद्धालुओं को दर्शन, पूजा और अभिषेक आदि की सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर आरोपियों की ओर से मोटी रकम ली जाती थी। दोनों आरोपियों के खाते में भी काफी बड़ा मनी ट्रांजैक्शन भी मिला है।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ के खिलाफ भी सरकार को प्रतिवेदन भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर में फैली अवस्था के लिए बड़े अधिकारी भी कहीं न कहीं जिम्मेदार होते हैं। इसी बात से सरकार को अवगत कराया जा रहा है।
दोनों आरोपियों की संपत्ति से वसूली होगी
कलेक्टर ने बताया कि आरोपियों की संपत्ति से मंदिर समिति को हुई आर्थिक क्षति की भरपाई की जाएगी। इस संबंध में आरोपी राकेश और विनोद की अवैध संपत्ति का भी पता लगाया जा रहा है। बताया जाता है कि दोनों ने पिछले कुछ समय में अचल संपत्ति में करोड़ों रुपये का निवेश किया है।
थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला अमानत में खयानत का है। महाकाल मंदिर समिति की ओर से आवेदन प्राप्त हुआ था। इस पर कार्रवाई की गई है। मामले में और भी आरोपी बढ़ सकते हैं। इसलिए पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड मांगा गया।
मंदिर समिति के प्रशासक
महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ मूल रूप से ट्रेजरी विभाग में अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। उन्हें प्रतिनियुक्ति पर महाकालेश्वर मंदिर समिति का प्रशासक बनाया है। गणेश कुमार धाकड़ को पूर्व में भी एक बार प्रशासक बनने का मौका मिल चुका है। महाकालेश्वर मंदिर समिति के इतिहास में गणेश कुमार धाकड़ ऐसे अधिकारी है जो दूसरी बार मंदिर समिति के प्रशासक बने हैं, उन पर इस पूरे मामले में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं।