Sorry After Humiliation : पद्मश्री पुरु दाधीच के अपमान के बाद, खेद जताने उनके घर गई मंत्री उषा ठाकुर

  'राग आमिर' में उन्हें आमंत्रित कर कार्यक्रम में बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं दी गई

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Indore : ‘राग अमीर’ संगीत समारोह में पद्मश्री पुरु दाधीच के अपमान को लेकर जमकर विवाद हुआ। पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को आड़े हाथों लिया गया। रवीन्द्र नाट्यगृह में उस्ताद आमिर खां की स्मृति में हुए ‘राग अमीर’ संगीत समारोह में अतिथि के रूप में बुलाए गए पद्मश्री पुरु दाधीच के साथ दुर्व्यवहार हुआ था। उन्हें कुर्सी से उठा दिया गया और हॉल से बाहर निकाल दिया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर की जमकर खिंचाई की। इसके बाद उषा ठाकुर शनिवार को पुरु दाधीच के घर गई और खेद जताया।

उषा ठाकुर के साथ साहित्य अकादमी के डायरेक्टर जयंत भिसे भी थे। इस मामले में मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि मुझे घटना की जानकारी नहीं थी। जो कुछ हुआ वह अफसोसजनक है। इसमें जिसकी भी गलती है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गुरु दाधीच ने उन्हें अपने साथ हुई घटना के बारे में कि ऐसी घटनाएं बाबू मानसिकता के कारण होती है। उन्हें पानी तक के लिए नहीं पूछा गया और कुर्सी पर बैठने तक नहीं दिया। अब वरिष्ठ कलाकारों का सम्मान करने के संस्कार नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि मप्र के वरिष्ठ कलाकारों को एक सलाहकार समिति बनाकर उसमें लिया जाए। जिससे उन्हें पूरा सम्मान मिले। इस पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी वरिष्ठ कलाकारों का सम्मान किया जाएगा।

 

ये हुआ था पुरु दाधीच के साथ

पुरु दाधीच ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर जारी एक ऑडियो संदेश में कुछ इस तरह अपने साथ हुए अपमान का ब्यौरा दिया था ‘आदरणीय जयंत भिसे जी, मैं आपके कार्यक्रम में शुक्रवार शाम समय से पूर्व रविन्द्र नाट्य गृह पहुंचा। मै पौने आठ बजे तक अकेले बैठा रहा। फिर थोड़ी देर बाद चहलकदमी के लिए बाहर निकला। तब मंत्राणी महोदय पधारी। उनके साथ उनके तमाम लोग आए। भीड़ थी, मैं पहुंचा तो बची एक कुर्सी पर बैठने लगा तो मंत्री के पीए ने हटा दिया और किसी और को बैठा दिया। अपमान होकर, बहुत बेइज्जत होकर तेरे कूचे से हम निकले। मैं वापस घर आ गया हूं। आपने जो सम्मान दिया है, उसके लिए शुक्रिया।’

इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा और केके मिश्रा दोनों ने इस घटना पर ट्वीट किया। लिखा ‘गुरुजी का संदेश सुना, वे इस घटना से बेहद आहत हुए। प्रदेश की मंत्री उषा ठाकुर को इस घटना के लिए गुरुजी से माफी मांगना चाहिए और इस दुर्व्यवहार की घटना पर अपने निजी सचिव को तत्काल हटाना चाहिए। इंदौर को संस्कारों की नगरी कहा जाता है, यहां की मेहमाननवाज़ी की तारीफ पूरे देश में होती है। ऐसी घटनाएं शहर की इस छवि को खराब करती है।’

इसके बाद उषा ठाकुर अपने लवाजमे के साथ पुरु दाधीच के घर गई थी और उनके साथ हुए अपमान के लिए खेद व्यक्त किया। लेकिन, उनका अपमान करने वाले उनके पीए पर क्या कार्रवाई की गई, इसका अभी तक कोई खुलासा नहीं किया गया।