अधिकारियों के केंद्रीय डेपुटेशन को लेकर बहस अभी जारी है

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नयी दिल्ली ब्यूरो

-अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, खासकर कर IAS और IPS को केंद्रीय डेपुटेशन पर आना चाहिए कि नहीं? इस मुद्दे पर बहस अभी जारी है।

राजनेताओं के बाद अब इस बहस में कुछ रिटायर्ड अधिकारी शामिल हो गए हैं। विक्रम सिंह, उत्तर प्रदेश, पी सी डोगरा, पंजाब और एस पी वेद केंद्रीय डेपुटेशन का समर्थन करते हैं। इनका कहना है कि IPS अफसरों को खुद इस दिशा में पहल करनी चाहिए। केंद्रीय डेपुटेशन पर जाने से अधिकारियों को न सिर्फ अनुभव, बल्कि कई मौके भी मिलते हैं। इससे उनके कैरियर में भी बहुत मदद मिलती है। यह अनुभव वापस जाने पर भी उनके काम आता है, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से बहुत आवश्यक और उपयोगी होता है।

नियमानुसार 40% अधिकारियों को सेंट्रल डेपुटेशन पर रहना चाहिए। इसके हिसाब से 1000 से अधिक IPS अफसरों को केंद्रीय डेपुटेशन पर होना चाहिए लेकिन वर्तमान में 442 अफसर ही डेपुटेशन पर हैं। अभी 645 पद खाली पड़े हैं।
इतनी बड़ी संख्या में IPS अधिकारियों का केंद्रीय डेपुटेशन पर आना तभी संभव है जब राज्य सरकारें अफसरों को डेपुटेशन पर जाने की मंजूरी दें। फिलहाल आधे दर्जन से अधिक राज्य के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप न करने को कह दिया है।