
‘NISAR’ Launched : हर मौसम, हर समय पर पृथ्वी को स्कैन करने वाला दुनिया का सबसे महंगा सैटेलाइट ‘NISAR’ लॉन्च!
New Delhi : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ‘इसरो’ और अमेरिकी स्पेस एजेंसी ‘नासा’ की साझेदारी से बना उपग्रह ‘निसार’ बुधवार को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया। इसे आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया। यह अब तक का दुनिया का सबसे महंगा पृथ्वी स्कैनर मिशन है, जिसकी लागत लगभग 1.5 अरब डॉलर यानी करीब 12,500 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
करीब 19 मिनट की उड़ान के बाद निसार उपग्रह को सूर्य तुल्यकालिक ध्रुवीय कक्षा (एसएसपीओ) में स्थापित कर दिया गया। खास बात यह रही कि यह पहली बार था जब जीएसएलवी रॉकेट को एसएसपीओ कक्षा में भेजा गया, वरना इसके सभी मिशन अब तक केवल जीटीओ (जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट) तक ही सीमित रहे थे।
इतना खास इसलिए है निसार
निसार एक ऐसा उपग्रह है जो हर मौसम और हर समय पृथ्वी का स्कैन कर सकता है। यह हर 12 दिन में पूरी पृथ्वी की सतह को स्कैन करेगा। इसमें दो खास रडार लगे हैं इसरो का एस-बैंड और नासा का एल-बैंड, जो इसे दुनिया का पहला दोहरी आवृत्ति वाला रडार सैटेलाइट बनाते हैं। यह भूकंप, भूस्खलन, ग्लेशियरों के पिघलने, जंगलों, खेतों और पहाड़ों में हो रहे बदलावों पर नजर रखेगा।
इससे वैज्ञानिकों को यह फायदा
इससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी की सतह में हो रहे बदलावों की 3डी तस्वीरें मिलेंगी। यह आपदाओं की पहचान और पूर्वानुमान में मदद करेगा। नीति-निर्माताओं और सरकारों को आपदा प्रबंधन और योजना बनाने में बड़ा सहारा मिलेगा। कृषि, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में यह डेटा बेहद उपयोगी होगा।
इससे अमेरिका से साझेदारी मजबूत होगी
इस मिशन को इसरो और नासा की वैज्ञानिक दोस्ती की मिसाल माना जा रहा है। नासा की उप-सह-प्रशासक केसी स्वेल्स ने इसे तकनीकी सहयोग और सांस्कृतिक समझ का शानदार दशक कहा। वहीं इसरो प्रमुख वी नारायणन ने इसे भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। निसार मिशन का जीवनकाल 5 साल है। इसका ऑपरेशन इसरो करेगा और रडार संचालन की योजना नासा बनाएगा। दोनों एजेंसियां मिलकर इससे मिलने वाला डेटा वैज्ञानिकों तक पहुंचाएंगी।





