Search address from google : गूगल से समझा भटकते बच्चे का पता, पुलिस की तारीफ

मदुराई से भटककर इंदौर पहुंचे बच्चे को पुलिस ने घर भेजा

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Indore : पुलिस को पेट्रोलिंग के समय एक लावारिस बच्चा मिला, जो हिंदी नहीं समझ रहा था। ऐसी स्थिति में उसकी बात को समझना और उसके बारे में पता करना मुश्किल था।

दरअसल, वो तमिल था और उसकी भाषा किसी को समझ नहीं आ रही थी। अंततः गूगल ट्रांसलेटर की मदद से उसकी बात को समझा गया और फिर उसे जीआरपी की मदद से उसे मदुराई भिजवाया गया।

पुलिस ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसकी हर जगह तारीफ हो रही है। जूनी इंदौर पुलिस को एक भटकता हुआ बच्चा मिला, जो न तो हिंदी बोल पा रहा था न समझ रहा था। वो तमिल में बात कर रहा था।

ऐसे में उसके परिवार वालों जानकारी लेना और उसके घर को ढूंढना बड़ी चुनौती बन गई थी। ये बच्चा जूनी इंदौर क्षेत्र में पुलिस को पेट्रोलिंग के दौरान लोहा मंडी में भटकता मिला था।

अंततः पुलिस ने गूगल का सहारा लेना तय किया, जिससे बच्चे को सुरक्षित घर पहुंचाया जा सके। पुलिस ने गूगल ट्रांसलेट की मदद ली और उसकी भाषा को समझा।

वो हिंदी नहीं जानता था, जिससे कोई उसकी बात नहीं समझ पा रहा था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने बच्चे को घर पहुंचने का तरीका निकाला गया।

गूगल ट्रांसलेटर से उप निरीक्षक सौरभ कुशवाहा ने तमिल भाषा समझी। बच्चे की भाषा को हिंदी में ट्रांसलेट किया और समस्या सुनी और थाने लेकर पहुंचे।

बच्चे ने पुलिस को बताया कि वो 2 दिन से भूखा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जूनी थाना प्रभारी अभय नेमा ने सबसे पहले उसे खाना खिलाया।

इसके बाद उसकी बातों को ट्रांसलेट किया। पता मिलने के बाद जीआरपी पुलिस से संपर्क कर बच्चे को सुरक्षित तमिलनाडु स्थित मदुरई में उसके घर के लिए रवाना किया गया।

हर कोई इस मामले में पहल करने पर पुलिस की तारीफ कर रहा है।