चिंतन-मंथन से अमृत निकलना शुरू हो गया है…

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पचमढ़ी के पास सुरम्य स्थल, प्राकृतिक पर्यावरण के बीच पूरी एकाग्रता से बैठकर चिंतन-मनन कर रहे शिवराज मंत्रिमंडल के मंथन से अमृत निकलना शुरू हो गया है। अमृत की सबसे पहली बूंद तीर्थ दर्शन योजना के अप्रैल में पुनः शुरू होने के रूप में टपकी है। मध्यप्रदेश में पहली बार 2013 विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2012 में शुरू हुई यह योजना ब्रह्मास्त्र की तरह चुनावी लक्ष्य पर संधान करने वाली साबित हुई थी। जिस हबीबगंज स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच से इसकी शुरुआत हुई थी, अब उस स्टेशन का नाम और रूप दोनों बदल गए हैं।
रानी कमलावती स्टेशन नाम होकर यह देश का पहला विश्वस्तरीय स्टेशन बन गया है। ठीक उसी तरह अब यह योजना भी बदली-बदली नजर आएगी। पहले ट्रेन तक सीमित योजना अब हवाई भी होगी। मुख्यमंत्री-मंत्री साथ जाएंगे। पहले अधिकारी और कभी-कभी मंत्री जिम्मेदारी उठाते थे। योजना धार्मिक-आध्यात्मिक और भावना-आस्था से जुड़ी थी और असर सियासी तौर पर 2013 विधानसभा चुनाव और 2014 लोकसभा चुनाव में दिखा था। मुख्यमंत्री तब भी शिवराज थे और अब भी शिवराज हैं। धर्म-अध्यात्म मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा थे, जो अब दुनिया में नहीं हैं।
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रामेश्वरम जाने वाली पहली ट्रेन को हरी झंडी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने दिखाई थी, जो अब घर की चारदीवारी में सीमित हैं। पर आडवाणी ने तब शिवराज की तीर्थ दर्शन योजना के साथ लाड़ली लक्ष्मी योजना की खूब सराहना की थी। और शिवराज सरकार के कामों की भी दिल खोलकर तारीफ की थी। अब अंतर इतना हो सकता है कि ब्रेक के बाद रवाना होने वाली तीर्थ दर्शन ट्रेन को फिजिकली या वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर प्रधानमंत्री मोदी रवाना करें, पर यह समानता रहेगी कि शिवराज के कामों की वह भी दिल खोलकर तारीफ करेंगे।
तो अमृत रूपी दूसरी बूंद मुख्यमंत्री कन्यादान योजना पर चिंतन-मनन कर सुझाव और सुधार की, तीसरी बूंद लाड़ली लक्ष्मी योजना के स्वरूप और श्रंगार की, चौथी बूंद राशन वितरण सुधार और बेहतरी की और पांचवीं बूंद सीएम राइज स्कूल के प्रभावी विस्तार की रही। अमृत रूपी बूंदों के टपकने का सिलसिला जारी है और यह तय है कि बूंद-बूंद से घड़ा भरने की कोशिश है एवं कवायद यही है कि 2023 के चुनाव में इसका असर दिखे।
इसे ही कहते हैं शिवराज फुलप्रूफ सोशल मैनेजमेंट। एक झलक कि 2 मई को लाड़ली लक्ष्मी उत्सव मनाया जाएगा और 2 से 11 मई तक संभागवार उत्सव का सिलसिला जारी रहेगा और 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी परिवारों तक पहुंच सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना पर ब्लाकवार फोकस होगा ताकि मतदाताओं से आई टू आई कांटेक्ट बना रहे। राशन व्यवस्था में सुधार के साथ मतदाताओं संग आचार-विचार विनिमय की प्रक्रिया पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। तो सीएम राइज स्कूल जगह-जगह खोलकर यानि विधानसभावार खोलकर घर-घर पहुंच का मिशन पूरा हो सकेगा।
चिंतन-मनन से अमृत निकालने के इस मंथन में प्रधानमंत्री मोदी की भी एंट्री हो गई। प्रधानमंत्री द्वारा पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के 6 माह विस्तार किए जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पचमढ़ी में चल रही कैबिनेट की चिंतन बैठक के दौरान कैबिनेट सहित प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया, आभार जताया। शिवराज ने कहा कि पीएम मोदी गरीब हितैषी प्रधानमंत्री हैं।
तो मिशन 2023 फाइनल विजन के इस सरकारी सियासी कुंभ में सबसे लंबी कैबिनेट बैठक का इतिहास भी बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक ये मंथन के विषय समाप्त नहीं होते तब तक बैठक चलती रहेगी। उद्देश्य यही कि पारदर्शिता के साथ योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाया जाए। पीएम मोदी और सीएम शिवराज का चेहरा योजनाओं के साथ जन-जन के मन में अपनी जगह बनाता चले। ताकि 2023 विधानसभा चुनाव में 2013 विधानसभा चुनाव से आगे बढ़ भाजपा दो-तिहाई बहुमत से प्रचंड जीत का रिकार्ड बना सके और 2018 की तरह ज्यादा मत लेकर भी बहुमत के बार्डर पर खड़े रहने को अभिशप्त न होना पड़े। यानि चिंतन-मनन के मंथन से निकला अमृत का असर शिवराज बंपर बहुमत से भाजपा सरकार बनाकर दिखाना चाहते हैं। इसीलिए डेढ़ साल पहले बिना एयरकंडीशन के प्रकृति के बीच अमृत मंथन जारी है।