अंबेडकर साहब अब पूरा देश आपको पूज रहा है…आपकी जयंती मना रहा है…

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संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर जी आपको यह देखकर आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन अब आजादी के अमृत महोत्सव काल में देश पूरी तरह से बदल गया है। इन 75 सालों में देश ने बहुत दूरी तय की है। आपने जो संविधान बनाया था, वह उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा उतरा है। कुछ संविधान संशोधन हुए हैं, लेकिन दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश को पूरी दुनिया इज्जत की नजर से देख रही है।
इन 75 सालों में कांग्रेस पार्टी की महत्ता से शुरू हुआ देश का राजनीतिक सफर अब लंबी दूरी तय कर अमृत महोत्सव भाजपा के साथ मना रहा है। अब कांग्रेस पार्टी की वह पुरानी धाक खत्म हो चुकी है, लेकिन आजादी के 74 साल बाद भी कांग्रेस में गांधी परिवार का रुतबा कायम है। पार्टी के अंदर जी-23 जैसे संगठन बनने लगे हैं, जिसे पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र कायम रहने के रूप में देखा जा रहा है। तो भाजपा कांग्रेस मुक्त भारत की बात ही नहीं कर रही है, बल्कि देश लगातार कांग्रेस मुक्त होता जा रहा है।
केंद्र में पिछली दो बार से भाजपा के दाढ़ी वाले बाबा ने जो गद्दी संभाली है, तो सबसे बुरी दशा अगर किसी की हुई है तो वह कांग्रेस पार्टी की। अभी-अभी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे, इसमें एक राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। चुनाव परिणाम आने से पहले ही तय हो गया था कि वह राज्य भी कांग्रेस मुक्त हो चुका है। परिणामों के बाद उस पर मुहर भी लग गई। तो देश के सबसे बड़े राज्य में पार्टी को दो सीटें ही मिल पाईं। चार राज्यों में भाजपा की सरकार बन गई, तो एक राज्य जो दल आपके समय नहीं था, उसी आप के हिस्से चला गया। लग तो ऐसा रहा है, जैसे यह आप ही कांग्रेस की जगह लेकर रहेगा।
अंबेडकर साहब लग तो ऐसा रहा है कि इस देश का मतदाता गांधी-नेहरू की पार्टी से छिटक चुका है। और अब तो कांग्रेस दल के समर्पित नेता भी भाजपा के मोहजाल में सम्मोहित नजर आ रहे हैं। देश के दिल मध्यप्रदेश पर ही नजर डालें तो सरकार को धूल चटाते हुए कांग्रेस को करीब दो दर्जन दबंग नेता केसरिया रंग में खुशी-खुशी रंग गए। और गांधी परिवार हाथ-पांव पटकते रह गया। भाजपा के दो दाढ़ी वाले के लोकप्रिय नाम से मशहूर जोड़ी ने मानो गांधी परिवार की नाक में दम कर रखा है और कांग्रेस की हालत खस्ता कर दी है।
जम्मू-कश्मीर की बात जरूर सुन लो, क्योंकि आपके संविधान के अनुच्छेद 370 में इसे विशेष राज्य का दर्जा मिला था। दो दाढ़ी वाले बाबा ने इसे रातों-रात खत्म कर दिया और सारे कद्दावर नेताओं को सालों जेल में सढा दिया, सो अलग। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भी अलग-अलग होकर अपने भविष्य का लेखा-जोखा तलाश रहे हैं। उत्तर प्रदेश भी सालों से क्षेत्रीय दलों की कठपुतली बना था, लेकिन एक बाबा ने यहां भी लगातार दूसरी बार सरकार बनाकर सबको धराशायी कर दिया। उधर उत्तर-पूर्व में भी भाजपा की किस्मत चमक गई है।
मानो पश्चिम बंगाल की दीदी ने जरूर बाबा को नाकों चने चबवा दिए हैं। मध्यप्रदेश में भी मामा बुलडोजर पर सवार हो गए हैं। पूरे प्रदेश में हर दिन कभी इधर से, तो कभी उधर से टूटने-फूटने की आवाजें आती रहती हैं। और मामा मंचों से यह चिल्लाते दिखते हैं कि अपराधियों, तुम्हें मैं छोडूंगा नहीं। कुल मिलाकर कांग्रेस के चाचा से शुरू हुई बातें अब बाबा, मामा वगैरह पर केंद्रित हैं। और चाचा का दल अब दलदल में समाता दिख रहा है। कमल शायद इसीलिए और ज्यादा खिलता जा रहा है।
अरे यह राजनीति की बातें तो कभी खत्म नहीं होंगीं। हां अच्छी बात यह है कि अब आपकी पूछपरख हजार गुना बढ़ गई है। यह खबर सुनकर आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा कि अब पूरा देश आपको पूज रहा है। आपकी 131 वीं जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है। और दावा है कि इसमें दिखावा रत्ती भर नहीं है। सब दिल से आपकी पूजा कर रहे हैं और दिमाग से मान गए हैं कि आपके जैसा कोई नहीं है।
आप यह सोचकर अपना दिमाग खराब मत करना कि यह सब वोट की राजनीति है। वास्तव में यह राजनीति समझ गई है कि आपकी सोच बहुत आगे थी, जो उसे अब समझ में आ रही है। आपका नाम लेकर तो कई की पूरी जिंदगी राजयोग में गुजर गई। और अब तो हर गांव-गांव में आपकी तस्वीर के आगे सब नतमस्तक हैं। अमृत महोत्सव में देश का यह बदलाव अमृतमयी है। कम से कम देश में सामाजिक सद्भाव की महत्ता का पता सबको चल तो गया है। भले ही कोसों मील दूरी अभी तय होना बाकी हो, लेकिन मंजिल अब करीब ही नजर आने लगी है बाबा साहब।