Kissa-A-IAS: मजदूर पिता के बेटे के संघर्ष और IAS अफसर बनने की दास्तान

1694

देश की सबसे मुश्किल परीक्षा पास करके सिविल सेवा का पड़ा पद पाना आसान बात नहीं होती। लाखों युवाओं के लिए ये एक सपना होता है! क्योंकि, UPSC सिर्फ पढ़ाई में मेहनत करके पास नहीं की जा सकती, इसके लिए उस स्तर की बौद्धिकता होना जरुरी है। लेकिन, जिस युवक के पिता मजदूर हों और जिसने बचपन से ही पिता के साथ संघर्ष किया हो, वो कभी IAS बनेगा, इसे एक दिवा स्वप्न ही माना जा सकता है।

आज ऐसे ही एक युवा की कहानी जिसने संघर्ष से ही सफलता पाई, पर अपने कर्म को आज भी नहीं भूले! अपने काम से जब भी समय मिलता है, वे खेत में काम करना नहीं छोड़ते!

IMG 20220514 WA0124

यह प्रेरणादायी चेहरा है बनवारीलाल निठारवाल के बेटे सोहनलाल निठारवाल, जो राजस्थान के श्रीमाधोपुर में रहते है। सोहनलाल ने अपने पिता के संघर्षों को कम करने के लिए UPSC की परीक्षा में 201 वीं रैंक हासिल की और IAS अफसर बनें। उनके पिता निरक्षर थे और भूदी की ढाणी ढालयावास में खेती करते थे। समय मिलने ही अनाज मंडी में मजदूरी भी करते ताकि परिवार का पालन-पोषण करने में कोई परेशानी न आए। इतनी मुश्किलों के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों की पढाई का ध्यान रखा।

IMG 20220514 WA0122

पिता चाहते थे कि किसी तरह उनका बेटा पढ़ लिख ले, ताकि उसे मजदूरी न करना पड़े।
पिता बनवारीलाल भले खुद पढ़े-लिखे नहीं है, लेकिन अपने बेटों को पढ़ाने के लिए काफी संघर्ष किया और मेहनत मजदूरी करके अपने बेटों को पढ़ाया। उनकी इसी मेहनत का ही प्रतिफल है कि उनका एक बेटा आज IAS है। सोहनलाल ने भी पिता को बचपन से मजदूरी करते देखा। इस संघर्ष को देखकर ही उन्होंने महसूस किया कि पिता मजदूरी करके भी हमें अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। यही कारण है कि शिक्षा के प्रति सोहनलाल का लगाव बना रहा।

IMG 20220514 WA0123

*गांव के स्कूल से पढाई की शुरुआत*
सोहनलाल की पढ़ाई की शुरुआत गांव के सरकारी स्कूल से हुई थी। यहीं से उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई की और 12वीं में साइंस विषय लेना था, इसलिए सीकर जाकर स्कूल में एडमिशन लिया। पढाई में प्रतिभाशाली थे तो रास्ता खुला और 2016 में सोहनलाल ने दिल्ली IIT से इलेक्ट्रिकल में बीटेक किया। इसके बाद 2018 में उनका चयन IES (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस) में हो गया। लेकिन, उनका लक्ष्य IAS बना रहा। नौकरी के साथ वे UPSC की पढ़ाई भी करते रहे। तीसरी कोशिश में 2019 में उन्हें सफलता मिली और UPSC में उन्हें 201 वीं रैंक हासिल हुई। 2020 में IAS सोहनलाल को राजस्थान कैडर के लिए नियुक्त किया गया।

Also Read… Kissa-A-IAS: चारों भाई-बहन IAS और IPS, इसी को कहते हैं मिसाल-बेमिसाल 

 images 41

*आसान नहीं थी UPSC की तैयारी*
सोहनलाल बताते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने का फैसला तो उन्होंने कर लिया, लेकिन वे ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जहां कोई सरकारी नौकरी में नहीं था। हालांकि, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और CBSE की बेसिक किताबों से अपनी तैयारी शुरू की। वे कहते हैं कि दिन में 6-8 घंटे पढ़ाई किया करते थे। रोजाना अखबार पढ़कर खुद को अपडेट रखते थे। 2018 में उनका इंजीनियरिंग सेवा (IES) में चयन हो गया! लेकिन वे IAS ही बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और अंततः उन्हें सफलता भी मिली। सोहनलाल अब IAS अधिकारी बन गए, पर जब भी वे अपने गांव जाते हैं, पिता के साथ खेती के काम में उनका हाथ जरूर बंटाते हैं।

Also Read… Kissa-A-IAS-IPS: पूरे देश में चर्चा है इस IAS-IPS Couple की 

*उनके काम को PM ने भी सराहा*
फ़िलहाल वे जोधपुर जिले में बतौर प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर पदस्थ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी उनकी श्रम साधना की सराहना कर चुके हैं। महामारी के दौरान जब कोरोना काल में स्कूल बंद थे, उन्होंने पलसाना के क्वॉरंटीन सेंटर सहित कई स्कूलों की अच्छी तरह से रंगाई पुताई करवाई थी। उनके इस काम की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में की थी।

Author profile
Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।