MP Panchayat Elections: जिले के सभी शस्त्र लायसेंस निलंबित, 2 जून तक पुलिस थानों में शस्त्र जमा करने के आदेश

समय-सीमा निकलने पर होगी धारा-188 व आयुध अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई

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मध्यप्रदेश शासन

ग्वालियर: राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही जिले के ग्रामीण अंचल में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन के दौरान जिले में लोक शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने विकासखण्ड मुरार, भितरवार, घाटीगाँव व डबरा की निर्वाचन क्षेत्र सीमा और उसकी 100 मीटर की परिधि में रहने वाले सभी निवासियों के अस्त्र-शस्त्र लायसेंस तत्काल प्रभार से निलंबित कर दिए हैं। साथ ही सभी लायसेंसधारियों को अपने शस्त्र 2 जून 2022 तक संबंधित पुलिस थानों में जमा करने के लिए आदेशित किया है। जिला दण्डाधिकारी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत इस आशय का आदेश जारी किया है।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह ने इसी आदेश के जरिए सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र एवं अन्य घातक हथियारों को लेकर चलने और उनके प्रदर्शन पर पूर्णत: रोक लगा दी है।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि समयावधि के भीतर शस्त्र जमा न करने वाले शस्त्र लायसेंसधारी भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 एवं आयुध अधिनियम 1959 के अंतर्गत दण्डनीय होंगे।

यह प्रतिबंधात्मक आदेश माननीय न्यायाधिपतिगण, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक, सुरक्षा व चुनाव व्यवस्था आदि में कर्तव्य पालन के लिये तैनात किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट, सुरक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, विशिष्ट व्यक्तियों, अधिकारियों व उम्मीदवारों की सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मियों सहित अन्य शासकीय बलों, बैंक गार्डों आदि पर लागू नहीं होगा।

ग्वालियर: राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही जिले के ग्रामीण अंचल में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन के दौरान जिले में लोक शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने विकासखण्ड मुरार, भितरवार, घाटीगाँव व डबरा की निर्वाचन क्षेत्र सीमा और उसकी 100 मीटर की परिधि में रहने वाले सभी निवासियों के अस्त्र-शस्त्र लायसेंस तत्काल प्रभार से निलंबित कर दिए हैं। साथ ही सभी लायसेंसधारियों को अपने शस्त्र 2 जून 2022 तक संबंधित पुलिस थानों में जमा करने के लिए आदेशित किया है। जिला दण्डाधिकारी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत इस आशय का आदेश जारी किया है।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह ने इसी आदेश के जरिए सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र एवं अन्य घातक हथियारों को लेकर चलने और उनके प्रदर्शन पर पूर्णत: रोक लगा दी है।
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि समयावधि के भीतर शस्त्र जमा न करने वाले शस्त्र लायसेंसधारी भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 एवं आयुध अधिनियम 1959 के अंतर्गत दण्डनीय होंगे।

यह प्रतिबंधात्मक आदेश माननीय न्यायाधिपतिगण, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक, सुरक्षा व चुनाव व्यवस्था आदि में कर्तव्य पालन के लिये तैनात किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट, सुरक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, विशिष्ट व्यक्तियों, अधिकारियों व उम्मीदवारों की सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मियों सहित अन्य शासकीय बलों, बैंक गार्डों आदि पर लागू नहीं होगा।

: राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही जिले के ग्रामीण अंचल में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन के दौरान जिले में लोक शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने विकासखण्ड मुरार, भितरवार, घाटीगाँव व डबरा की निर्वाचन क्षेत्र सीमा और उसकी 100 मीटर की परिधि में रहने वाले सभी निवासियों के अस्त्र-शस्त्र लायसेंस तत्काल प्रभार से निलंबित कर दिए हैं।


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साथ ही सभी लायसेंसधारियों को अपने शस्त्र 2 जून 2022 तक संबंधित पुलिस थानों में जमा करने के लिए आदेशित किया है। जिला दण्डाधिकारी ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत इस आशय का आदेश जारी किया है।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह ने इसी आदेश के जरिए सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र एवं अन्य घातक हथियारों को लेकर चलने और उनके प्रदर्शन पर पूर्णत: रोक लगा दी है।

जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि समयावधि के भीतर शस्त्र जमा न करने वाले शस्त्र लायसेंसधारी भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 एवं आयुध अधिनियम 1959 के अंतर्गत दण्डनीय होंगे।

यह प्रतिबंधात्मक आदेश माननीय न्यायाधिपतिगण, न्यायाधीश, प्रशासनिक अधिकारी, शासकीय अभिभाषक, सुरक्षा व चुनाव व्यवस्था आदि में कर्तव्य पालन के लिये तैनात किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट, सुरक्षा बल, अर्द्धसैनिक बल, विशिष्ट व्यक्तियों, अधिकारियों व उम्मीदवारों की सुरक्षा में लगाए गए पुलिस कर्मियों सहित अन्य शासकीय बलों, बैंक गार्डों आदि पर लागू नहीं होगा।