पिछले दिनों घोषित य़ूपीएससी परिणाम 2021 में 594 रैंक हासिल करने वाले अंकित सिंह @IFSANKIT96 का ट्वीट इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने लिखा है कि दुनिया बड़ी स्वार्थी है। 2018 में जब एक्सीडेंट में घुटने के पास से मेरा बायां पैर काट दिया गया तो लोगों ने अपने फोन में मेरा नंबर तक ब्लॉक कर दिया था कि कहीं मैं उनसे मदद न मांग लूं। इतना ही नहीं, जिस लड़की ने प्यार किया था और शादी की कसमें तक खाई थी, उसने भी बेरहमी से मुझसे रिश्ता तक तोड़ दिया था।
दुनिया बड़ी स्वार्थी है 2018में जब एक्सीडेंट में घुटने के पास से पैर कटा तो लोगों ने फोन में नंबर ब्लॉक कर दिया कही मदद न मांग लूं जिस लड़की ने प्यार किया शादी की कसम खाई थी रिश्ता तोड़ दिया बोली मैं दिव्यांग से शादी नहीं कर सकती अभीUPSC IASका रिजल्ट आया तो सब बोल रहे साथ में हूं pic.twitter.com/1ngqr5xMe5
— ANKIT (@IFSANKIT96) May 31, 2022
साथ ही कटाक्ष किया थी कि मैं दिव्यांग से शादी नहीं कर सकती। पर अभी UPSC 2021 का रिजल्ट आया जिसमें मैंने 594वीं रैंक हासिल की और मुझे इंडियन पोस्टल सर्विस अलाट हो गई तो सब बोल रहे हैं कि वे मेरे साथ हैं। अब सभी लोग मेरे प्रयास, समर्पण, धैर्य आदि की तारीफ करते थक नहीं रहे हैं। कितनी अजीब है यह रंग बदलती दुनिया। इधर मैं UPSC क्लियर कर उसे (पुरानी महिला मित्र को) अपना बनाने की फिर कोशिश कर रहा था तो उधर वो घरवालों की बात मान कर कहीं और शादी कर चुकी थी। अंकित के इस दर्द भरे अहसास पर ट्विटर यूजर्स के काफी रोचक प्रत्युत्तर भी आ रहे हैं।
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आपको बता दें कि अंकित ने सीबीएसई बोर्ड से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है। इसके बाद दिल्ली में बीकॉम की डिग्री हासिल की। कॉलेज पूरा करने के पश्चात उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। 2018 में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी और उनकी नियुक्ति डिप्टी एसपी के पद पर हुई। इसी दौरान एक हादसे में उन्हें अपना बायां पैर खोना पड़ा था। पर हिम्मत न हारते हुए अंकित यूपीएससी 2019 में 788 वीं रैंक हासिल की थी और उन्हें भारतीय रेल में अधिकारी के पद नियुक्ति मिली थी। इसके बावजूद वे अच्छी रैंक हासिल करने के लिए लगातार कड़ी मेहनत करते रहे। इस बार उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में 594वीं रैंक प्राप्त हुई।
इधर मैं UPSC क्लियर उसे अपना बनाने की कोशिश कर रहा था उधर वो घरवालों की मान कर शादी कर चुकी थी।
अंकित
— ANKIT (@IFSANKIT96) May 31, 2022
उत्तर प्रदेश के कासगंज के रहने वाले अंकित सिंह के पिता रामप्रसाद स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हैं। जबकि, उनकी मां पुष्पा देवी बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर हैं। अंकित के बड़े भाई गौरव सिंह भी जीएसटी विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं।
कोरोना के भयावह कालखंड का तटस्थ आँकलन करें सरकार क्योंकि बड़ा दंश प्रतियोगी छात्रों ने झेला है।
जिनके जीवन का सबसे अहम समय महामारी की भेंट चढ़ गया उन मेहनतकश छात्रों के भविष्य की चिंता करना हमारा कर्तव्य है।
विभिन्न परीक्षाओं में आयु सीमा में 3से4वर्षों की छूट देने पर विचार हो।
— ANKIT (@IFSANKIT96) June 1, 2022
अपने साथी छात्रों को कोरोना काल में हुई दिक्कतों के प्रति संवेदनशीलता जताते हुए अंकित ने ट्वीट कर सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना के भयावह कालखंड का सरकार द्वारा तटस्थ आँकलन किया जाना चाहिए क्योंकि इसका बड़ा दंश प्रतियोगी छात्रों ने झेला है। उनके जीवन का सबसे अहम समय महामारी की भेंट चढ़ गया। उन मेहनतकश छात्रों के भविष्य की चिंता करना हमारा कर्तव्य है। इस कारण विभिन्न परीक्षाओं में आयु सीमा में 3 से 4 वर्षों की छूट देने पर विचार होना चाहिए। साथ ही उन्होंने सिविल सेवा के आवेदकों को खुला आफर भी दिया है कि परीक्षा के बारे में कभी भी कोई संशय हो तो आप मुझसे सोशल मीडिया पर संपर्क कर सकते हैं।
मान लेते है किस्मत में लिखे फैसले
बदला नहीं करते है
लेकिन
आप फैसले तो लीजिए क्या पता
किस्मत ही बदल जाए— ANKIT (@IFSANKIT96) May 4, 2022
हमेशा सकारात्मक नजरिया अपनाने वाले अंकित ने 4 मई को किए गए ट्वीट में लिखा था कि मान लेते है किस्मत में लिखे फैसले बदला नहीं करते हैं, लेकिन आप फैसले तो लीजिए, क्या पता किस्मत ही बदल जाए। सोशल मीडिया पर सक्रिय भूमिका निभाने वाले अंकित ने इसी साल जनवरी में ट्वीट करके युवाओं के चेताया भी था कि इंस्टा, फेसबुक, यूट्यूब, ये सब फसाना है, अगर बनना है कुछ जिंदगी में तो किताबों से प्यार निभाना है।
क्या वजह है की सिविल सेवक जो कसमें प्रशिक्षण के समय खाते है वो ड्यूटी के समय उन आकांक्षा को पूरा नहीं कर पाते है क्या ये भ्रष्टाचार की कैटगरी में आता है क्या इसका कारण नेताशाही है आप खुद को कैसे इन सब से कैसे बचाएंगे क्या वजह है सिविल सेवक अपने ड्यूटी के प्रति1%भी ईमानदार नहीं है
— ANKIT (@IFSANKIT96) April 26, 2022
सिविल सेवा में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को लेकर उनके मन में काफी कशमसाहट भी है। तभी इस बारे में उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए 26 अप्रैल 22 को ट्वीट किया था कि क्या वजह है कि सिविल सेवक जो कसमें प्रशिक्षण के समय खाते है, वो ड्यूटी के समय उन आकांक्षा को पूरा नहीं कर पाते है। क्या ये भ्रष्टाचार की कैटगरी में आता है। क्या इसका कारण नेताशाही है। आप खुद को कैसे इन सबसे कैसे बचाएंगे। क्या वजह है सिविल सेवक अपने ड्यूटी के प्रति एक प्रतिशत भी ईमानदार नहीं है।