Local Bodies Elections: महापौर और पार्षदों को रोजाना देना होगा खर्च का ब्यौरा, नजर रखने होगा परीक्षण दल का गठन

-रोजाना के खर्चे के लिए रखना होगा लेखा रजिस्टर,  नगद रजिस्ट्रर, बैंक रजिस्टर और शपथ पत्र

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नगरीय-पंचायत चुनावों में एक बार फिर पंद्रह साल बनाम पंद्रह माह ...

भोपाल
नगरीय निकाय चुनावों में उतरे उम्मीदवारों को अब अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा रखने कई तरह के रजिस्टर रखने होंगे। इनमें लेखा रजिस्टर, नगद रजिस्टर, बैंक रजिस्टर और शपथ पत्र हिसाब किताब देना होगा। इन खर्चो की मानीटरिंग के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी निकायों में हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी तथा चुनावी खर्चो के लेखा के परीक्षण के लिए दलों का गठन किया जाएगा।
महापौर पद के प्रत्याशी के खर्चो की जानकारी परिशिष्ट 36 में भेजना होगा। वहीं अभ्यर्थियों का व्यय लेखा रिपोर्ट परिशिष्ट 36 क के माध्ये सम आयोग को भेजी जाएगी।महापौर और पार्षद पद के उम्मीदवारों को चुनावी खर्च की छाया प्रेक्षण पंजी निर्धारित प्रारुप में संधारित की जाएगी। समय-समय पर अभ्यर्थी द्वारा दिए जाने वाले व्यय के विवरण का छाया प्रेषण पंजी से मिलान किया जाएगा।
महापौर, पार्षदों का यह ब्यौरा देना कलेक्टरों को देना होगा-
नाम, दलीय सम्बद्धता,लेखा दाखित किया गया है या नहीं, दाखिल करने की तारीख, लेखा समय से दिया गया या नहीं, लेखा विधि द्वारा अपेक्षित रीति से दाखिल किया गया या नहीं, यदि नहीं तो पाई गई त्रुटियों का ब्यौरा, दाखिल किए गए लेखों के अनुरुप किया गया कुल व्यय।
निगरानी दल द्वारा जप्त सामग्री का ब्यौरा भी देना होगा-
निगरानी दल यदि उम्मीदवार की कोई सामग्री जप्त करेगा तो  उसका ब्यौरा भी राज्य निर्वाचन आयोग को देना होगा।  खर्च को लेकर बनाये गए वीडियो, जिला और राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणीकरण एवं अनुवीक्षण समिति का निरीक्षण संदर्भ, खर्चे का ब्यौरा, सामग्री की मात्रा, दर, व्यय प्रोक्षक की रिपोर्ट भी देना होगा।