![WhatsApp Image 2022-06-21 at 6.45.02 PM](https://mediawala.in/wp-content/uploads/2022/06/WhatsApp-Image-2022-06-21-at-6.45.02-PM-696x378.jpeg)
परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
ग्वालियर। महाराष्ट्र में इस समय जबरदस्त राजनैतिक उथल-पुथल मची हुई है। एक ओर जहां शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे कई विधायकों के साथ गुजरात में डेरा डाल चुके हैं और विधायकों से शिवसेना के लोगों का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आघाडी गठबंधन की बेचैनी बढ़ गई है।
इस बेचैनी के बढ़ने का एक और कारण है कि राज्यसभा और विधान परिषद में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई। शिवसेना नेता संजय राऊत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कुछ विधायकों से संपर्क ना होने की बात तो स्वीकारी लेकिन यह भी कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार में चल रही उथल पुथल को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान भी सामने आया है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि महाराष्ट्र में बनी अघाड़ी सरकार अपने आप में ही विचलित हो चुकी है। इनमें ना तो विचारधारा है, ना सिद्धांत है, ना सोच है और ना ही आगे की कार्यशैली है। यह केवल सत्ता और कुर्सी पकड़ने की चिंता और भूख के आधार पर यह अघाड़ी सरकार बनी है।
सरकार में यह दरार आज से नहीं बल्कि अघाड़ी बनने के दिन से स्थापित हो चुकी है और अब विधान परिषद के चुनाव के बाद खलबली मच चुकी है। न तो यह स्थिर है, ना हीं वो स्थिर है और ना ही तीसरा दल स्थिर है। इनमें आपस में न तालमेल है और ना ही विचारधारा है और ना ही जनता का विकास करने की चिंता है तो यह स्थिति जरूर उत्पन्न होगी।
हम एक स्थिर राज्य के पक्ष में है अगर वो संभाले, नहीं तो हटे। उन्होंने कहा कि अब जिम्मेदारी उनकी है कि स्थिर सरकार महाराष्ट्र में स्थापित हो। हम केवल स्थिर सरकार पर विश्वास रखते हैं और हमारी केंद्र में स्थिर सरकार है और राज्य में भी स्थिर सरकार है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार के नेता शरद पवार ही भाजपा नेता फड़ नवीस की प्रशंसा कर रहे हैं कि वह जनता से मेल मिलाप रखते हैं।
देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया (केंद्रीय मंत्री)-
![WhatsApp Image 2022 02 05 at 1.00.28 PM परानिधेश भारद्वाज](https://mediawala.in/wp-content/uploads/2022/02/WhatsApp-Image-2022-02-05-at-1.00.28-PM-120x120.jpeg)
परानिधेश भारद्वाज
पिछले दस वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। उनकी लेखनी की वजह से कम समय मे ही उन्होंने इस क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल कर लिया। उनके पिता श्री सत्यनारायण शर्मा से उनको लेखन विरासत में मिली है