Mumbai : महाराष्ट्र की गिरती हुई उद्धव सरकार ने जाते-जाते राज्य के दो जिलों के नाम बदल दिए। महाराष्ट्र के उद्धव कैबिनेट की अंतिम बैठक में औरंगाबाद, उस्मानाबाद और नवी मुंबई एयरपोर्ट के नाम बदलने को मंजूरी दी गई। औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर कर दिया गया, जबकि उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से जाना जाएगा। नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम बदलकर डीबी पाटील इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर दिया गया। ऐसा करके उद्धव ठाकरे ने अपने हिंदूवादी होने पर एक तरह से मुहर भी लगा दी। लेकिन, कांग्रेस ने इसका विरोध किया है।
दो जिलों के नाम बदलने से कांग्रेस में नाराजगी है। इस बारे में पार्टी ने मीटिंग बुलाई है। दो जिले के नामकरण को लेकर कांग्रेस के भीतर मतभेद है। कांग्रेस ने विधान भवन में विधायकों की मीटिंग बुलाई। मीटिंग में औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस के मुस्लिम विधायक और नेता अपना विरोध दर्ज कराएंगे। सीएलपी मीटिंग में बालासाहेब थोराट अशोक चौहान सहित कई कांग्रेस नेता मौजूद रहेंगे।
उद्धव कैबिनेट की इस मीटिंग के दौरान महाराष्ट्र कांग्रेस ने पुणे शहर का नाम बदलने की मांग की। कांग्रेस ने प्रस्ताव किया था कि पुणे शहर का नाम बदलकर जीजाऊ नगर कर दिया जाए। कैबिनेट की बैठक के बाद कांग्रेस के विधायक और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुनील केदार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सभी को सहयोग के लिए धन्यवाद कहा है।
सियासी ड्रामे का नाटकीय अंत
महाराष्ट्र में करीब दो हफ्ते से चल रहे राजनीतिक ड्रामे का अब अंत हो गया। शिवेसना सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बुधवार रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, नई सरकार के चुने जाने तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री का दायित्व संभालेंगे। उनके इस्तीफे पर राज्यसभा सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शालीनता से पदत्याग किया। हमने एक संवेदनशील, सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया। इतिहास गवाह है कि धोखाधड़ी का अंत अच्छा नहीं होता।
शिवसेना के बागी विधायक बुधवार रात गुवाहाटी से लौटे और गोवा में रुक गए। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में ये विधायक एक हफ्ते से गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में रुके हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य विधानसभा में गुरुवार को फ्लोर टेस्ट का फैसला दिया था। पर, उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के साथ इस प्रक्रिया का भी अंत हो गया।