बाबा महाकाल की सवारी में सुव्यवस्थित पालकी दर्शन की मांग ने पकड़ा जोर

पूर्व निगम सभापति ने नया प्लान लागू करने CM सहित अन्य सम्बन्धितों को लिखा पत्र

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(उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट)

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर की श्रावण मास एवं अन्य सवारियों में पालकी के सुलभ दर्शन हेतु आवश्यक परिवर्तन करने की मांग को लेकर पूर्व निगम सभापति सोनू गेहलोत ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखा है।
पत्र में सोनू गेहलोत ने अनुरोध किया कि वर्तमान में बाबा महाकाल की पालकी को कहारगण कंधे पर लेकर चलते हैं, श्रध्दालुओं के अपार जन समूह के कारण बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं, पुरूष, बच्चे, दिव्यांगजन आदि राजा महाकाल के दर्शन से वंचित रह जाते हैं तथा कई मौकों पर भगदड़ की स्थिति बन जाती है। दर्शन की आस में उमड़ी भीड़ के कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना का अंदेशा भी स्थानीय पुलिस और प्रशासन में बना रहता है। इसका कारण जानने पर पता लगा कि जमीन से पालकी की पर्याप्त उंचाई न होने से श्री महाकालेश्वर के दर्शन सुलभ नहीं होते हैं। सोनू गेहलोत ने कहा कि हमने एक प्लान मुख्यमंत्री एवं महाकाल मंदिर समिति सहित अन्य संबंधित को भेजा है, उस पर विस्तार से विचार विमर्श किया जाकर लागू किया जाना आवश्यक है, जिससे भगवान महाकालेश्वर की सवारी और भी भव्य स्वरूप में हो जाएगी। प्रस्तावित पालकी सुलभ दर्शन चलित मंच पर कहार, पंडे पुजारी पालकी सहित चढ़ सकते हैं व खड़े रह सकते हैं। इस प्लान में रथ ना होकर पालकी सुलभ दर्शन चलित मंच के रूप में होगा। पालकी दर्शन चलित मंच से भक्तों में सुलभ दर्शन से संतुष्टि एवं आनंद का भाव जाग्रत होगा। सोनू गेहलोत ने कहा कि उक्त व्यवस्थित प्लान से लाखों श्रध्दालु घर की छत, गैलरी, सड़क से कई फीट की दूरी से आसानी से सुलभ दर्शन कर सकेंगे। इस व्यवस्था में परंपरा के साथ और कहार, पंडे पुजारी पूर्ववत अपनी सेवाएं देते रहेंगे। सोनू गेहलोत ने उक्त पत्र मुख्यमंत्री के साथ ही धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा तथा महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर आशीष सिंह को भेजा है।

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