Case Against Senior officer ! अफसर व परिजनों के ख़िलाफ़ धमकाकर रुपए ऐंठने का मामला दर्ज

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Case Against Senior officer !

Udaipur: उदयपुर में एक निजी अस्पताल की निदेशक ने RAS अधिकारी ML Chauhan व 5 परिजनों के खिलाफ प्रतापनगर थाने में मामला दर्ज करवाया है। चौहान पर परिवादी को धमकाने और अनावश्यक दबाव बनाकर रुपए ऐंठने के आरोप है।

मामला लैब संचालन को लेकर​ एक विवाद का है। जहां चौहान और उनके दामाद के बीच विवाद के बाद एमओयू भंग हो गया, मगर RAS चौहान लगातार लैब संचालन के नाम पर अस्पताल प्रबंधन से पैसे मांगते रहे।

वहीं पूरे मामले में प्रतापनगर थानाधिकारी विवेक सिंह राव देर रात तक कुछ भी जानकारी देने से बचते रहे।

दरअसल अमेरिकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड की निदेशक डॉ. सुरभि पोरवाल ने न्यायिक मजिस्ट्रेट शहर दक्षिण क्रम संख्या-1 उदयपुर के समक्ष परिवाद पेश किया।

इस आधार पर एमएल चौहान, उनके बेटे नीरज चौहान, बेटी ज्योति चौहान, छोटे भाई राजेश चौहान और प्रकाश चंद्र खटीक के खिलाफ मामला दर्ज होने के आदेश हुए। चौहान उदयपुर में संभागीय आयुक्त कार्यालय में सेटलमेंट ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। वहीं इस विवाद पर RAS चौहान कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

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आरएएस ने की बदसलूकी
परिवादी डॉ. सुरभि ने बताया कि करीब एक साल से एमएल चौहान और नीरज चौहान अपने रसूखों का हवाला देकर उसे धमकियां दे रहे हैं। कई बार उनसे अनावश्यक दबाव बनाकर रुपए ऐंठने का प्रयास भी हुआ।

आरोप है कि गत 2 अगस्त आरोपी बेड़वास स्थित अस्पताल आए और कर्मचारियों से बदसलूकी की। इसके बाद उसे फोन कर जान से मारने की धमकी दी और अमेरिकन अस्पताल से दस्तावेज और लैब का सामान तक ले गए।

हालांकि इससे पहले 31 जुलाई को आरोपियों ने प्रतापनगर थाने में परिवादी और अमेरिकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट के चेयरमैन डॉ. कीर्ति कुमार जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया। आरोपी मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द कराने की धमकियां देकर पैसों की मांग कर रहे हैं।

लैब संचालन का लेकर है पूरा विवाद
दरअसल चौहान परिवार की हेल्थ केयर कंपनी के साथ हॉस्पिटल में लैब संचालन का एमओयू हुआ था। इसके कुछ महीने बाद ही चौहान और उनके दामाद डॉ जितेन्द्र खींची के बीच हुए हाई प्रोफाइल ड्रामे के बाद आपसी विवाद शुरू हो गया। दामाद के जाने के बाद लैब को उनके बेटे नीरज और भाई राजेश चलाने भी लगे।

इसी विवाद से फिर एमओयू भंग करते हुए सेवाएं बंद कर दी गई। तब तक चौहान की ओर से 3 अगस्त तक के हिसाब में 23 लाख रुपए अधिक लिए जा चुके थे।

इसके बाद 50 लाख और लेकर कुल 73 लाख रुपए लिए। इसके बावजूद एमएल चौहान अपने रसूखों का हवाला देकर धमकियां देकर और रुपए ऐंठने का प्रयास करते रहे।