Indore : संभाग का खरगोन जिला सुर्ख लाल और तीखी मिर्च के लिए एशिया में जाना जाता है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं से लाभान्वितों से चर्चा करेंगे। इसमें खरगोन जिले के बेड़िया गांव के युवा उद्यमी मिर्च मसाला लघु उद्योग चलाने वाले दीपांशु पटेल भी शामिल है।
खरगोन जिले की हर तहसील में मिर्च का उत्पादन होता है। एशिया की सबसे बड़ी मिर्च मंडी भी खरगोन जिले के बेड़िया ग्राम में लगती है, जहां देश विदेश के लिए मिर्च खरीदी जाती है। मिर्च संबंधी कामकाज यहां वर्षभर चलता ही रहता है। बेड़िया में रहने वाले युवा उद्यमी दीपांशु पटेल ने बताया कि हम अच्छी क्वालिटी की मिर्च को पहले पसंद करते है। इसके बाद खरीदते है। सफाई के उपरांत मिर्च की पिसाई की जाती है। इसके बाद इसे पैक की जाती है। दीपांशु बताते हैं कि फीडर सेपरेशन के बाद गांव में बिजली पर्याप्त वोल्टेज के साथ ही 24 घंटे मिलने से हमें उद्योग चलाने में आसानी होती है। आमदनी भी संतोषजनक हो रही है।
मिर्च के पौधे की देखभाल, कीटों से बचाव, खाद, पानी देने के लिए समय पर बिजली की जरूरत होती है। खरगोन जिले में किसानों को राज्य शासन के मुताबिक प्रतिदिन दस घंटे बिजली दी जा रही है। नौ से दस माह की मिर्च की फसल के लिए लगभग 50 बार सिंचाई करना होती है। इससे अन्य फसलों के साथ ही खरगोन की ख्याति प्राप्त एवं किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने वाली मिर्च की फसल भी प्रमुखता से शामिल है। इस क्षेत्र की खड़ी लाल सुर्ख मिर्च 50 से लेकर 175 रुपए किलो तक बिकती है।
कृषि, लघु उद्योग क्षेत्र में मदद
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री का कहना है कि उपभोक्ताओं को केंद्र व राज्य शासन की सभी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इससे उनके जीवन में काफी बदलाव आया है। कृषि, लघु उद्योग के क्षेत्र में भी बिजली कंपनियां लाभान्वित कर रही है। उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य आयोजन में आजादी के अमृत महोत्सव के साथ ही ऊर्जा क्षेत्र के महत्व और उपलब्धियों की जानकारी भी दी जा रही है।
उपभोक्ताओं का ख्याल
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि उच्च दाब, किसान, गैर घरेलू, घरेलू सभी तरह के उपभोक्ताओं को शासन की सभी योजनाओं का पात्रता के मुताबिक लाभ दिया जा रहा है। गृह ज्योति योजना से लगभग 95 फीसदी ग्रामीण उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे है। वहीं शासन की किसान हितैषी योजनाओं से भी मालवा- निमाड़ के 13 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को आर्थिक मदद प्राप्त हो रही है।