Idol Making Banned From POP : पीओपी और केमिकल से मूर्ति निर्माण प्रतिबंधित

विसर्जन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए आदेश जारी

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Idol Making Banned From POP : पीओपी और केमिकल से मूर्ति निर्माण प्रतिबंधित

 

Indore : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal) सेंट्रल जोनल बैंच भोपाल के निर्देशों के अनुसार इंदौर जिले में मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए गए है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधितों के विरुद्ध दंडनीय कार्यवाही की जाएगी। जारी आदेश के अनुसार मूर्तियों या प्रतिमाओं के निर्माण में पकी हुई मिट्टी, पीओपी (Plaster of Paris) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। मूर्तियों के निर्माण में केवल उन्हीं प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जाएगा जैसा पवित्र ग्रंथों में उल्लेखित है। मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग किया जा सकेगा।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पवन जैन के आदेश के अनुसार मूर्तियों के निर्माण में पकी हुई मिट्टी, पीओपी (POP) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्तियों पर रंग के लिए केवल प्राकृतिक रंगों तथा गैर विषाक्त रंगों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। किसी भी प्रकार के रासायनिक एवं विषाक्त रंगों का इस्तेमाल प्रतिबंधित रहेगा।

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जिले में केवल परंपरागत मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी और अन्य रासायनिक पदार्थों से बनाई जाने वाली प्रतिमाओं के उत्पादन तथा विक्रय, बाहर ले जाने या बाहर से लाने को प्रतिबंधित किया गया है। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे POP एवं अन्य रासायनिक पदार्थों से मूर्ति के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है।
स्थानीय निकाय द्वारा इस संबंध में सत्यापन किया जाएगा, यदि कहीं इस आदेश के जारी होने के बाद परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी या अन्य रासायनिक पदार्थों से प्रतिमाओं के निर्माण का मामला प्रकाश में आता है, तो तत्काल स्थानीय निकाय द्वारा इन निर्मित प्रतिमाओं को अपने कब्जे में लेकर उनका निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम-2000 के प्रावधानों के अनुरूप किया जाएगा।

ठोस अपशिष्ठ नियम-2000 के तहत कार्रवाई
पूजन सामग्री जैसे फल-फूल, नारियल, वस्त्र आभूषण, सजावट के सामान जिनमें कागज व प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएं शामिल है, को मूर्ति विसर्जन के पूर्व निकालकर उन्हें अलग-अलग एकत्रित किया जाएगा। उक्त एकत्रित सामग्री का निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम 2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जाएगा। मूर्ति विसर्जन के 24 घंटे में विसर्जित मूर्ति से उत्पन्न ठोस अपशिष्टों जैसे बांस, रस्सी, मिट्टी, पीओपी प्रतिमा के हिस्से आदि को एकत्रित कर उनका निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम-2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जाएगा। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, यह आदेश अक्टूबर 2022 तक प्रभावशील रहेगा। प्रभावशील अवधि में उक्त आदेश का उल्लंघन धारा 188 भारतीय दंड विधान अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।