Became Minister Instead of Surrender : करना था सरेंडर, पर ले ली मंत्री पद की शपथ

नीतीश के कानून मंत्री पर अपहरण का मामला दर्ज, जमानत भी ख़ारिज

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Patna : नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल किए गए मंत्री कार्तिकेय सिंह को जिस दिन एक अपहरण मामले में कोर्ट में सरेंडर करना था, उसी दिन मंत्री बना दिए गए। उन्हें कानून मंत्री बनाया गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार के सामने ये नई मुश्किल है।

बिहार के नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को अपहरण के एक केस में कल मंगलवार को दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन कार्तिकेय सिंह शपथ लेने राज भवन पहुंच गए। वहीं कार्तिकेय सिंह कहा कि उनके खिलाफ कोई वारंट नहीं है। उन्होंने हलफनामे में सारी जानकारी दी है।

कार्तिकेय सिंह को RJD के बाहुबली अनंत सिंह का करीबी माना जाता है। कार्तिकेय सिंह पर पटना के बिहटा थाने में 2014 में अपहरण का एक केस दर्ज हुआ था । उन पर पर एक बिल्डर की हत्या के इरादे से उसका अपहरण की साजिश का आरोप लगाया गया है।
इस मामले में चार्जशीट फाइल हो चुकी है। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ इस मामले में 14 जुलाई 2022 को वारंट जारी हुआ था। उन्हें 16 अगस्त 2022 को दानापुर कोर्ट में सरेंडर करना था। लेकिन, कार्तिकेय सिंह बजाए कोर्ट जाने के शपथ विधि में गए।

RJD एमएलसी हैं कार्तिकेय
कार्तिकेय सिंह राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी हैं। उन्हें नीतीश कैबिनेट में राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से जगह मिली थी। मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह पेशे से शिक्षक भी रह चुके हैं। कार्तिकेय सिंह का कहना है कि मेरे खिलाफ सारे मामले गलत हैं, मेरे खिलाफ कोई वारंट नहीं है। मैंने हलफनामे में सारी जानकारी दी है। कार्तिकेय सिंह ने कल नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली थी। शपथ ग्रहण के बाद विभाग के बंटवारे में नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्रालय सौंपा है।

आरोप जो लगाए गए
कार्तिकेय सिंह पर 363 (अपहरण), 364 (हत्या के इरादे से अपहरण), 365 (गुप्त, अनुचित तरीके से कैद की नीयत से अपहरण), 34 (एक से अधिक व्यक्ति द्वारा घटना को अंजाम दिया गया), पटना हाईकोर्ट 16 फरवरी 2017 को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुका है!