नॉर्विच (ब्रिटेन) : अधिकांश पश्चिमी देशों में कोरोना वायरस संक्रमण कम हो गया या घट रहा है। लेकिन, ब्रिटेन में अभी भी हालात काबू में नहीं हैं। इस महामारी का खतरा पूरी तरह से खत्म होने के लिए अभी वक़्त लगेगा। आने वाला सर्दियों का मौसम ब्रिटेन में चिंता का सबसे बड़ा कारण है। आशंका है कि Covid का प्रकोप फिर शुरू हो सकता है। उसके साथ सांस संबंधी दूसरी बीमारियों जैसे इंफ्लूएंज़ा (Influenza) का भी प्रकोप बढ़ सकता है।
कोविड और इन्फ्लूएंजा के लिए प्रतिरक्षा तंत्र की प्रतिक्रिया कमोबेश समान होती है। हाल में हुआ संक्रमण या टीकाकरण आगे किसी संक्रमण के खिलाफ अच्छा बचाव करते हैं, लेकिन यह बचाव धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है। हालांकि, इसका फिर होने वाला संक्रमण या तो लक्षण रहित होता है या फिर बहुत मामूली! लेकिन, प्रतिरक्षा विकसित होने और फिर से संक्रमण होने के बीच का अंतराल यदि लंबा हो तो पुन: होने वाले संक्रमण के अधिक गंभीर होने की आशंका रहती है।
चिंता की बात यह है कि Covid संक्रमण को रोकने के लिए 2020 की शुरुआत से उठाए गए कदमों जैसे कि लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंध और घर से काम करना आदि के कारण बीते 18 महीने के दौरान लोग फ्लू के संपर्क में ज्यादा नहीं आए। ऐसे में लोगों में इस रोग के खिलाफ जो प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता होती है, वह कम हो गई। इन हालात में जब फ्लू का प्रकोप शुरू होगा, तो यह अधिकाधिक लोगों को प्रभावित करेगा और सामान्य परिस्थितियों के मुकाबले अब लोगों को गंभीर रूप से बीमार करेगा। ऐसा ही, श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले अन्य वायरस भी करेंगे और शायद ऐसा हो भी रहा है।
ब्रिटेन में अभी इन्फ्लूएंजा की दर कम है। लेकिन, यदि वायरस फैलने लगा तो परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं। अच्छी बात यह है कि हमारे पास फ्लू रोधी सुरक्षित एवं प्रभावी टीके हैं, जो संक्रमण का जोखिम तो कम करते ही हैं, गंभीर रोग से भी बचाते हैं। हालांकि, फ्लू रोधी टीके, कोविड रोधी टीकों जितने प्रभावी नहीं हैं।
फ्लू के वायरस तेजी से बदलते हैं और उनके कई स्वरूपों का प्रकोप हो सकता है। ये स्वरूप हर साल बदल जाते हैं। वायरस का जो स्वरूप हावी रहने वाला है यदि वह टीके में शामिल नहीं है तो टीके का प्रभाव भी कम रहेगा। बीते 18 महीने में फ्लू के मामले इतने कम रहे हैं कि यह अनुमान लगाना कहीं अधिक मुश्किल होगा कि वायरस का कौन सा स्वरूप अधिक संक्रामक हो सकता है!
Covid के साथ अन्य संक्रमण (बैक्टीरियल, फंगल या वायरल संक्रमण) होने का भी जोखिम है। अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि उनमें से 19% किसी अन्य संक्रमण से भी पीड़ित थे. ऐसे मरीज जिन्हें कोविड के अतिरिक्त भी कोई संक्रमण हो, उनकी जान जाने का जोखिम अधिक रहता है!
जब Covid वायरस का प्रकोप शुरू हो रहा था, तब इन्फ्लूएंजा (Influenza)भी फैल रहा था। ब्रिटेन के अध्ययनकर्ताओं ने दो तरह के मरीजों की तुलना की। पहले तो वे जो सिर्फ कोविड से पीड़ित थे, दूसरे वे जिन्हें कोविड के साथ-साथ इन्फ्लूएंजा भी था। दोनों तरह के संक्रमण से पीड़ित लोगों को गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती करने की जरूरत और वेंटीलेशन सुविधा की जरूरत दो गुना अधिक रही। उनकी मौत का खतरा भी अधिक रहा।
यह कहना तो संभव नहीं कि ब्रिटेन में इस वर्ष इन्फ्लूएंजा का प्रकोप काफी अधिक होगा! लेकिन, अगर नहीं भी होता तो यह तो निश्चित है कि इसका प्रकोप जल्द ही होगा। यदि इन्फ्लूएंजा लौटता है तो यह Covid से पहले के वर्षों के मुकाबले अब अधिक लोगों को प्रभावित करेगा और इसके कारण मरने वाले लोगों की संख्या भी अधिक होगी।