Bhopal : पूर्व CM कमलनाथ ने उज्जैन में हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक और उसमें दिए CM शिवराज सिंह के संबोधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक भगवान महाकाल की तस्वीर रखकर आयोजित की गई थी। मुझे उम्मीद थी, कि आज तो इस बैठक में सच ही परोसा जाएगा। वही निर्णय लिए जाएंगे जो पूरे होने वाले होंगे। पर, आज हमेशा की तरह बैठक के नाम पर झूठी घोषणाएं और वादे जनता को नहीं परोसे जाएंगे, लेकिन आज भी इस बैठक में जमकर झूठ परोसा गया।
CM शिवराजसिंह ने इस अपने संबोधन में कहा कि महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार की योजना पर उनकी सरकार ने काम शुरू किया था। सरकार बदलने के बाद यह काम सुप्तावस्था में चला गया। अब इससे बड़ा सफ़ेद झूठ तो हो नहीं सकता है।
कमलनाथ ने कहा कि पूरे प्रदेश और उज्जैन की जनता गवाह है कि हमारी सरकार में हमने उज्जैन के महाकाल मंदिर के विकास व विस्तार की योजना पर काम शुरू किया था, यह सोच भी हमारी थी, परिकल्पना भी हमारी थी।
उन्होंने कहा कि 17 अगस्त 2019 को जब मैं मुख्यमंत्री था, इसे लेकर मैंने मंत्रालय में एक अहम बैठक बुलाई थी। उसमें हमने महाकाल मंदिर के विकास की योजना पर काम शुरू करने का निर्णय लिया था और इसे लेकर 300 करोड़ की योजना को मूर्त रूप दिया था।
इसे लेकर मैंने तीन मंत्रियों की एक समिति भी बनाई थी। जिसमें प्रदेश के तत्कालीन PWD मंत्री और उज्जैन के प्रभारी मंत्री सज्जन वर्मा, प्रदेश के तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और प्रदेश के आध्यात्मिक मंत्री पीसी शर्मा को इस कमेटी में शामिल किया था। प्रदेश के मुख्य सचिव को इस योजना की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा था।
इस समिति ने एक सप्ताह के अंदर ही उज्जैन जाकर वहां पर जनप्रतिनिधियों, मंदिर समिति से जुड़े लोगों व स्थानीय जनता से चर्चा कर इस योजना पर उनके सुझाव लिए थे।
हमारी सरकार ने सतत इस योजना पर काम किया और योजना को अंतिम रूप दिया। कई कार्यों को प्रारंभ भी कराया, लेकिन हमारी सरकार बीच में ही गिरा दी गई। हमने न केवल उज्जैन के महाकाल मंदिर बल्कि ओंकारेश्वर मंदिर के विकास, ॐ सर्किट योजना, राम वन गमन पथ, माता सीता मंदिर के निर्माण की योजना पर भी काम प्रारंभ किया था।
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी आपने तो हमारी सरकार के समय शुरू की गई, इस योजना को बस आगे ही बढ़ाया है। आप भले हमें महाकाल मंदिर के सौंदर्यीकरण , विस्तार और विकास की योजना का श्रेय न दें। हमें धन्यवाद न दें, लेकिन कम से कम भगवान महाकाल व जनता के समक्ष झूठ तो न परोसे। मैंने पहले दिन ही बैठक में ही कहा था कि महाकाल मंदिर के विकास, विस्तार व व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर एक सुनियोजित विकास वाली योजना बने। क्योंकि, महाकाल मंदिर के कारण हमारे प्रदेश व उज्जैन की पहचान आज पूरे विश्व में है।
हमारी सरकार के समय शुरू की गई इस योजना , उसकी स्वीकृति के सारे प्रमाण फ़ाइल में मौजूद है , शिवराजजी को एक बार उसे देख लेना चाहिये , शायद उसके बाद उम्मीद है कि वो इस मामले में झूठ बोलना बंद कर देंगे। प्रदेश में 18 वर्ष से भाजपा की सरकार हैं, महाकाल मंदिर की आपने इतने वर्षों में सुध नहीं ली। यह तो हमारी सरकार की सोच थी, कि करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक महाकाल मंदिर का विकास हो और हमने इसे मूर्त रूप देने का काम शुरू किया।
आपकी सरकार तो आज तक शिप्रा नदी का जल ही शुद्ध नहीं कर पाई है, आज भी श्रद्धालुओं को स्नान के लिए शुद्ध जल नहीं मिल पाता है।