सस्पेंडेड रंगीन मिज़ाज DEO: जानिए शिक्षिका और शिक्षा अधिकारी के बीच मोबाइल पर हुई पूरी बातचीत 

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सस्पेंडेड रंगीन मिज़ाज DEO: जानिए शिक्षिका और शिक्षा अधिकारी के बीच मोबाइल पर हुई पूरी बातचीत 

भोपाल: शिवपुरी के रंगीन मिजाज सस्पेंडेड जिला शिक्षा अधिकारी संजय श्रीवास्तव की उनकी अधीनस्थ शिक्षिका से बातचीत का ऑडियो वायरल तो बहुत हुआ है लेकिन पूरी बातचीत क्या हुई है वह हुबहू हम यहां दे रहे हैं।

 

बता दें कि इसी आपत्तिजनक वीडियो को लेकर DEO साहब का सरकार ने कल दिवाली के दिन सस्पेंशन आदेश जारी किया था।

 

*पढ़िए पूरी बातचीत का सिलसिलेवार ब्यौरा*

 

DEO: हां, नमस्ते मैम साब, कैसे याद किया। तुमने मना तो कर दिया, मैडम साहिबा। हमने कल प्रपोजल भेज दिया।

महिला शिक्षक: क्या प्रपोजल भेजा, सर?

DEO: जिनके जाने थे उनके करवा दिए हमने। ट्रांसफर की लिस्ट भेज दी है।

महिला शिक्षक: सर, मैंने सोची कि लोकल में हो जाता तो अच्छा रहता।

DEO: अरे यार…तुमरे बिन हमरा कोई नहीं और तुम सो-सो कर जगती हो। तुम ऑनलाइन करो।

महिला शिक्षक: सर, अब आप कुछ करिए न।

DEO: अरे यार…तुम्हें इतने प्यार से बुलाया था। तुम डांडियां खेल रही थी। फोटो भी नहीं डाला उस ग्रुप में।

महिला शिक्षक: कौन-से ग्रुप में…

DEO: तुम वॉट्सअप कर देती कि सर देखो कितना अच्छा डांस कर रही हूं मैं। तुम अच्छी हो। डालो एक आध फोटो… फेसबुक पर डला देखा था शायद। हां, वाट्सएप स्टेटस पर ही देखा था।

महिला शिक्षक: सर, वो ट्रांसफर तो मुझे लेना था।

DEO: एक कोशिश और करते हैं। कैसी *** मामा हो तुम। आप ऑनलाइन तो कर ही देना।

महिला शिक्षक: और कहीं जगह भी हो सकता है क्या, सर।

DEO: हां हो सकता है क्यों नहीं हो सकता है। तेरे से कहा था आ जाया कर…कहना साहब ने बुलाया… तू भी ऐसे शर्माती रहती है।

महिला शिक्षक: सर, टाइम ही नहीं रहता।

DEO: कछु नहीं स्कूल में क्या हो रहा। सैटरडे है…मोड़ा-मोड़ी गांव गए हुए हैं। उस दिन भी आई थी, तेरे चेहरे पर ऐसी बदहवासी थी, घबराई सी थी तो मेरी भी हिम्मत ही नहीं पड़ी तुझे बिठाने की…चाय पिलाने की।

DEO: तेरे माइट्रोकोंडियों बड़े स्मार्ट हैं। वे तेरे को बहुत एनर्जी देते रहते हैं। एनिमल सेल में एक माइट्रोकोंडियों होता है, जिसमें खाना खाने के बाद एनर्जी एकट्ठी रहती है। उसे शरीर का पावर हाउस कहते हैं। पता है कि नहीं यह चीज, पढ़ा होगा?

महिला शिक्षक: चलिए ठीक है सर।

DEO: फिर माइट्रोकोंडियों नहीं समझ पाई। तभी तो कह रहा हूं, तुम हर चीज भूल जाती हो, तुम है ना ट्यूबलाइट हो। मैं तो आपसे बात करता हूं, मैं तो किसी को फोन भी नहीं लगाता। कई तरह की लेडीज होती है, तुम मुझे पसंद आई तो मुझे लगा कि तुमसे बात कर सकते हैं। तुम स्मार्ट भी हो, अच्छी भी लगती हो, और तुम बात को समझती भी हो। फालतू लोगों से हम बात ही नहीं करते फोन ही नहीं उठाते हैं हम तो।