29 अक्टूबर को world brain stroke day मनाया जाता है यह दुनियाभर में लाखों लोगों की मृत्यु का कारण बनता है।एक स्ट्रोक, या मस्तिष्क का दौरा, मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में अचानक कमी या सिर के अंदर खून बहने के कारण होता है। प्रत्येक मस्तिष्क कोशिकाओं को काम करना बंद कर सकता है या मर सकता है। जब मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाएं मर जाती हैं, तो शरीर के उन अंगों का कार्य जो वे नियंत्रित करते हैं, क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं। प्रभावित मस्तिष्क के हिस्से के आधार पर, लोग भाषण, भावना, मांसपेशियों की ताकत, दृष्टि या स्मृति खो सकते हैं। कुछ लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं; अन्य गंभीर रूप से अक्षम हैं या मर जाते हैं। हल्की -हल्की सर्दी शुरू हो गई है इस मौसम में brain stroke का खतरा ज्यादा रहता है इसके अलावा हमारी कई छोटी गलती है जो इसका कारण बन सकता है।
डॉक्टर्स के अनुसार स्ट्रोक के सभी ट्रीटमेंट आज आसानी से उपलब्ध है और आम जनता में इसकी अवेयरनेस की कमी है। सही मायने में इस बात से अनजान है ,इसका इलाज कैसे किया जाता है और इलाज के लिए किस डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। ऐसे में हम बताना चाहते हैं कि उन्हें एक न्यूरोलॉजिस्ट्स से कंसल्टेंट्स चाहिए जो एक सीटी स्कैन की सलाह देकर सही इलाज कर सकता है।
स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें ब्रेन डैमेज हो जाता है ,इसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं ऐसा तब होता है जब ब्रेन में खून सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता है ब्रेन की टिशूज में ऑक्सीजन और खून की कमी हो जाती है और स्ट्रोक आता है यही नहीं जब ब्रेन में ब्लड वेसल्स फट जाती है तो इसे ब्रेन हेमरेज कहते हैं और इसी तरह का एक कारण भी बन सकता है जिसे हेमोरेजिक स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है।
ठंड में इस स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है
ठंड में इस स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है ,अब ठंड में स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ जाता है इसका। जवाब है कि सर्दियों में स्ट्रोक अधिगम इसलिए होते हैं कि कि कि ठंड के मौसम में ब्लड गाढ़ा हो जाता है। इससे ब्रेन में सही तरीके से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है । इससे स्ट्रोक होता है । यह भी जान ले कि यूरोप के बाकी हिस्सों की तुलना में भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में स्ट्रोक अधिक आम है। सर्दी में ज्यादा देर तक बिस्तर पर पड़े होना और फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, शरीर में ब्लड प्रेशर हाई होता है तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। वही इस मौसम में भूख अधिक लगती है। तापमान में गिरावट के कारण शरीर का सामान्य तापमान रखना बहुत ही मुश्किल होता है। इसलिए शरीर अपने तापमान सामान्य रखने के लिएअधिक खाना खाता है । इसी खाने को पचाने का काम करना पड़ता है ताकि शरीर को एनर्जी और गर्मी मिलती रह। ठंड की वजह से हम ऐसा करने से आलस करते हैं तो ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है।