Congress Raised Questions : कांग्रेस ने पूछा ‘अब सरकार को सरपंचों की याद क्यों आई!’

कर्ज लेकर घी पी रही शिवराज सरकार ने सरपंचों को सिर्फ सैर पर बुलाया!

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Congress Raised Questions : कांग्रेस ने पूछा ‘अब सरकार को सरपंचों की याद क्यों आई!’

Bhopal : कर्ज लेकर घी पी रही प्रदेश की भाजपा सरकार ने सरपंचों के इस महासम्मेलन के आयोजन के लिए सरकारी खजाने से करोड़ों रूपए खर्च कर 23000 सरपंचों को भ्रमित किया है। केवल अपनी वाहवाही लूटने के लिए उन्हें सरकारी खर्च पर सैर करने के लिए भोपाल बुलाया गया।

यह आरोप प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने लगाया। उन्होंने कहा कि आयोजित किया गया पंचायत सरपंचों का महासम्मेलन महज राजनीतिक आयोजन है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी संभावित पराजय को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं। वे अभी से विधानसभा चुनाव की जमावट करने के लिए सरकारी कामकाज छोड़कर जनता को बरगलाने की नाकाम कोशिश में लग गए! लेकिन, जनता भाजपा की राजनीति समझ चुकी है। जनता अब भाजपा के झांसे में आने वाली नहीं!

मिश्रा ने कहा कि राजधानी भोपाल में आज हुए सरपंचों के महासम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान सरपंचों को क्या यह बताएंगे कि प्रदेश में किसानों को खाद-बीज नहीं मिल रहा है! लचर कानून व्यवस्था और बेखौफ अपराधियों से प्रदेश की बहन-बेटियों की आबरू पर संकट के बादल छाये रहते हैं! बेरोजगार युवा रोजगार के लिए भटक रहा है! क्या यह बताएंगे कि प्रदेश में बेलगाम भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त है या फिर महंगाई की मार से हर घर बीमार है! रसोई गैस, बिजली बिलों और पेट्रोल-डीजल से प्रदेश की जनता में हाहाकार मचा है! जबकि, शिवराज और उसके मंत्री और भाजपा नेता मालामाल हैं।

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कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष ने शिवराजसिंह चौहान से पूछना चाहा कि आखिरकार छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान उत्तरप्रदेश और कश्मीर की अपेक्षा मध्यप्रदेश में ही सरपंचों को इतना कम महज 1750 रूपए मानदेय क्यों दिया जा रहा है? तत्कालीन दिग्विजय सरकार द्वारा सरपंचों को दिए अधिकार भाजपा सरकार ने क्यों छीने!

मिश्रा ने कहा कि यदि शिवराज सिंह सरकार सरपंचों की इतनी ही हितैषी बन रही है तो सरपंचों को कम से कम 9 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दे? 50 लाख तक के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करे? सरपंचों को डराने-धमकाने वाली पंचायती राज की धारा-40 समाप्त करे? हर तीन माह में जिला कलेक्टर सरपंचों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुने? सरपंचों को रेत की रॉयल्टी में अधिकार भी देना चाहिए।

जारी बयान में कहा गया कि सरकार बताए कि पंचायतों में 6 माह से मनरेगा सामग्री राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि लाठी-डंडों से पुलिस की मार पड़वाने वाले और दो वर्ष पूर्व तत्कालीन सरपंचो से मिलने तक के लिए कतराने वाले मुख्यमंत्री शिवराज को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरपंचों की याद अचानक क्यों आ गई! मुख्यमंत्री की यह स्कीम सरपंचों के माध्यम से जनता को बरगला कर भ्रमित करने की और इंगित कर रही है।