कोरोना की चौथी लहर लेकर आया 2023, सावधानी में ही सुरक्षा है…

1499

कोरोना की चौथी लहर लेकर आया 2023, सावधानी में ही सुरक्षा है…

अंग्रेजी नया साल 2023 आ गया है। साल 2021 कोरोना की दूसरी लहर से शुरू होकर कोरोना की तीसरी लहर पर खत्म हुआ था। 2022 की शुरुआत कोरोना की तीसरी लहर से हुई थी और चौथी लहर 2023 को देकर जा रहा है बीता साल। और अब जब चीन, जापान, अमेरिका में कोरोना हड़कंप मचा रहा है, ऐसे में देश और प्रदेश में भी कोरोना से निपटने की व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मास्क लगाने और बूस्टर डोज अनिवार्य रूप से लगवाने की अपील की गई है, लेकिन असर नजर नहीं आ रहा है। शायद बिना सख्ती के यह संभव नहीं है। इस बीच खबरें आने लगी हैं कि अमेरिका से एक संक्रमित भोपाल आया है तो एक जबलपुर पहुंचा है। फिलहाल इनकी पुष्टि नहीं हुई है। राहत की बात यह है कि पूरे देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, मध्य प्रदेश में कोरोना के आंकड़े नियंत्रण में हैं। मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों की बात की जाए तो यहां पर केवल 4 कोरोना वायरस के मामले सक्रिय हैं। इनमें से एक मामला इंदौर का है, जबकि तीन मामले भोपाल के हैं। राहत की बात यह भी है कि कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अपना जन्मदिन वर्चुअली मनाया। तो अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जन्मदिन न मनाने का फैसला किया है। यह संदेश जनता के लिए ही है कि सावधानी में ही सुरक्षा है। यह बात और है कि अभी आम आदमी के कानों में जूं नहीं रेंग रही है। मास्क नदारद है, सेनेटाइजर का तो दूर-दूर तक नामोनिशान नहीं है। और भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों से अभी तक कोई परहेज नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग जैसी बातें अतीत का हिस्सा हो गई हैं। हालांकि सरकार कोरोना से बचाव की सभी तैयारियां करने में जुट गई है।

वैसे यदि देखा जाए तो साल 2022 बड़ा उथल-पुथल भरा रहा। रूस-यूक्रेन युद्ध ने अमानवीयता की हदें पार कर दीं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े के मुताबिक 15 नवंबर 2022 के दिन दुनिया की आबादी 8 अरब हो गई। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था का धराशायी होना दुखी करके गया। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अभी तक पटरी पर नहीं लौट पाई है। 70 साल के शासन के बाद यूनाइटेड किंगडम और 14 अन्य राष्ट्रमंडल क्षेत्रों की रानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 8 सितंबर को 95 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहा। तो भारत के लिए इससे भी बड़ा धक्का स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जाना रहा। 6 फरवरी 2022 को स्वर कोकिला के नाम से मशहूर भारत रत्न लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। और 30 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबा का सौ साल की उम्र में दुनिया छोड़ना भी देशवासियों को गमगीन कर गया। फरवरी माह में 12 तारीख को उद्योगपति राहुल बजाज और 15 फरवरी को संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का निधन भी दुखी कर गया। देश-दुनिया में गमगीन करने वाली घटनाएं तो अनगिनत हैं। यह आंखों को नम करती रहेंगीं।
वही कुछ ऐसी घटनाएं भी हैं, जो खुश होने का अवसर भी देती हैं। देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  मिलीं। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा कर राष्ट्रपति चुनाव जीता। इस वर्ष पहली महिला आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म बनीं। तो भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने इतिहास बनाते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का पद संभाला। महज 45 दिनों के अंदर लिज ट्रस को पीएम का पद छोड़ना पड़ा। जिसके बाद भारतवंशी ऋषि सुनक का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ। ऋषि सुनक ब्रिटेन के पीएम बनने वाले पहले हिंदू और भारतवंशी बने। वर्ष 2022 में कांग्रेस पार्टी को अपना नया अध्यक्ष मिला। लगभग 24 साल बाद पार्टी का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का नेता बना। गैर गांधी अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खरगे ने शशि थरूर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में शिकस्त दी। यह बदलाव परिवार केंद्रित राजनीति पर हमला करने वालों को खुश करता रहेगा। मिसेज वर्ल्ड 2022 का खिताब जम्मू-कश्मीर की रहने वाली सरगम कौशल ने अपने नाम किया है। भारत ने ये खिताब 21 साल बाद अपने नाम किया है। यह भी खुश होने का मौका देता है। तो उपलब्धि पर खुशी मनाने की बात यह भी है कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। इसके तहत साल भर कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे।

तो कोरोना महामारी पर नजर रखते हुए हम यह संकल्प लें कि सावधानी बरतकर ही हम दैनिक कार्यों में रत रहेंगे। सावधानी में सुरक्षा ही सबसे बड़ा मूलमंत्र है, जो हमारी आंखों को नम होने से बचाएगा और खुशी के पलों का साक्षी बने रहने का वरदान देता रहेगा। तो सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं। अपने और अपनों की खातिर मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, समय-समय‌ पर हाथ साबुन से धोएं, सेनेटाइजर का प्रयोग करें और भीड़भाड़ से तौबा करें, ताकि किसी भी परिवार में कोई अनहोनी न हो सके और जीवन खुशियों से भरा रहे…। कोरोना की चौथी लहर लेकर आया है वर्ष 2023, इसलिए सावधानी में ही जीवन की सुरक्षा है…।