Madhubani Art Saree: जो साड़ी पहन निर्मला सीतारमण ने दी इनकम टैक्स में छूट,वह साडी कभी घरों में काम करने वाली दुलारी देवी ने गिफ्ट की थी ,पढ़िए रोचक है किस्सा!

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Madhubani Art Saree

Madhubani Art Saree: जो साड़ी पहन निर्मला सीतारमण ने दी इनकम टैक्स में छूट,वह साडी  कभी घरों में काम  करने वाली दुलारी देवी ने गिफ्ट की थी,पढ़िए रोचक है किस्सा!

आज बजट डे के मौके पर वित्त मंत्री मधुबनी आर्ट की साड़ी पहनीं, जिसे पद्म पुरस्कार विजेता दुलारी देवी ने गिफ्ट किया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज करोड़ों देशवासियों को बड़ी सौगात दी. मिडिल क्लास कब से टैक्स में छूट के इंतजार में था. आज उस इंतजार को निर्मला सीतारमण ने खत्म कर दिया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी शनिवार को आम बजट पेश करने के मौके पर बेहद खास साड़ी पहनी है, जिसे लेकर हर जगह चर्चा हो रही है.

बजट के मौके पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण जो भी साड़ी पहनती हैं, वह साड़ी खासा सुर्खियों में रहती है.अब सवाल है कि आखिर वह साड़ी क्यों खास है, इसका बिहार से कनेक्शन क्या है, आखिर किसने यह तोहफे में दिया था. दरअसल, इस बार निर्मला सीतारमण ने मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनी है. इसमें मधुबनी की कला का चित्रण किया गया है. यह साड़ी उन्हें पद्म श्री विजेता दुलारी देवी ने भेंट की थी.

कब और कैसे मिली यह साड़ी
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण जब मिथिला कला संस्थान में क्रेडिट आउटरीच प्रोग्राम में मधुबनी आई थीं, तो इस दौरान उनकी मुलाकात दुलारी देवी से हुई थी. तभी दुलारी देवी ने उन्हें यह साड़ी भेंट की थी और यह भी कहा था कि वह इसे बजट पेश करने के दौरान पहनें. लिहाजा, निर्मला सीतारमण ने दुलारी देवी के सम्मान में मधुबनी पेंटिंग को प्रदर्शित करती हुई यह साड़ी पहनी है. इस साड़ी को दुलारी देवी ने खुद अपने हाथों से वित्त मंत्री के लिए तैयार किया है.

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कौन हैं दुलारी देवी
दुलारी देवी का जन्म बिहार के मधुबनी में एक मछुआरा समुदाय में हुआ है. उनका जन्म एक ऐसे परिवेश में हुआ, जहां महिलाओं का कला से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था और न ही उनके अंदर कभी इसे सीखने की कोई जिज्ञासा रही. लेकिन, उनके जीवन में कुछ ऐसी परिस्थितियां आईं कि उन्होंने मधुबनी पेंटिंग को अपने जीवन में पूरी तरह से आत्मसात कर लिया और यह उसी का नतीजा है कि आज वह इस शिखर पर हैं.

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दुलारी देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. बेहद ही अल्प आयु में उनकी शादी हो गई और महज 16 साल की उम्र में ही उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया था. उन्होंने लंबे समय तक एक घर में अपनी जीविका चलाने के लिए घरेलू सहायिका का काम किया. इस दौरान उनकी मुलाकात प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकार कर्पूरी देवी से हुई.

पद्मश्री से हो चुकी हैं सम्मानित
कर्पूरी देवी ने उन्हें मधुबनी कला का ककहरा सिखाया. इसके बाद वह इस क्षेत्र में पारंगत हो गईं कि वह राष्ट्रीय स्तर की कलाकार बन गईं. मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में प्रशंसनीय प्रदर्शन के लिए उन्हें पद्मश्री से भी पुरस्कृत किया गया. दुलारी देवी द्वारा बनाई गई पेंटिंग लोगों के बीच में इसलिए भी चर्चा में रहती है, क्योंकि वह इसके जरिए सामाजिक मुद्दों को लेकर लोगों को जागरूक करती हैं. वह अब तक 1 हजार से भी अधिक पेंटिंग बना चुकी हैं, जिसके जरिए उन्होंने बाल विवाह, एड्स जागरूकता, भ्रूण हत्या को लेकर लोगों को जागरूक किया है.

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